सीकर. बदलती जीवनशैली के चलते अब स्वस्थ और हष्ट-पुष्ट दिखने वाले लोगों को भी हार्ट अटैक आने लगे हैं. यह स्थिति अब सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं रही, बल्कि बच्चों और युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रही है. जिम करने वाले युवाओं से लेकर स्कूल जाने वाले बच्चों तक को हार्ट अटैक के मामले सामने आ रहे हैं. ताजा मामला सीकर जिले का है, जहां चौथी कक्षा में पढ़ने वाली मात्र 9 वर्ष की बच्ची की हार्ट अटैक से मौत हो गई. हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले समय में यह समस्या और विकराल हो सकती है. ऐसे में सावधानी और जागरूकता ही बचाव का उपाय है.
अगर किसी को सही समय पर सीपीआर मिल जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है. इसके लिए जरूरी है कि आम लोगों को भी सीपीआर देने की सही तकनीक की जानकारी हो. साथ ही यह भी जरूरी है कि हम हार्ट अटैक के कारणों और लक्षणों को सही समय पर पहचानें और उनके प्रति सतर्क रहें.
हार्ट अटैक के प्रमुख कारण
हेल्थ एक्सपर्ट अर्जुन सिंह शेखावत ने बताया कि हार्ट अटैक का सबसे बड़ा कारण हाई कोलेस्ट्रॉल है. इसके कारण नसों में ब्लॉकेज बनता है और रक्त प्रवाह बाधित होता है. दूसरा कारण हाई ब्लड प्रेशर है. जब बीपी सामान्य से अधिक होता है तो ब्लड फ्लो तेज हो जाता है, जिससे हृदय पर अधिक दबाव पड़ता है और हार्ट फेल होने का खतरा बढ़ जाता है. मोटापा भी एक प्रमुख कारण है. इसके चलते नसों में सूजन आने लगती है, जिससे शरीर में रक्त और ऑक्सीजन की आपूर्ति में बाधा आती है. ऐसे में जरूरी है कि समय-समय पर बीपी और कोलेस्ट्रॉल की जांच कराते रहें और वजन नियंत्रण में रखें.
लक्षण जो हार्ट अटैक की ओर संकेत करते हैं
शेखावत ने बताया कि हार्ट अटैक के लक्षणों को पहचानना बेहद जरूरी है. अगर किसी व्यक्ति को ऊपरी पेट, छाती, बाईं भुजा, जबड़ा, कंधे के बीच दर्द शुरू हो जाए, या चक्कर आना, शरीर में चिपचिपापन, ठंडा पसीना, थकावट महसूस हो, तो यह हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है. इसके अलावा सांस फूलना, गले में जकड़न, धकधकी बढ़ना, बेचैनी और विनाश की आशंका जैसे भाव भी खतरनाक संकेत हैं. ऐसे लक्षण दिखें तो तुरंत मेडिकल सहायता लेनी चाहिए.
सीपीआर से कैसे बच सकती है जान
शेखावत ने बताया कि हार्ट अटैक की स्थिति में अगर समय पर सीपीआर दे दिया जाए तो मरीज की जान बचाई जा सकती है. सबसे पहले मरीज को सपाट जगह पर लिटाएं. फिर सीने के बीच में दोनों हाथों की हथेली को एक-दूसरे पर रखकर जोर से दबाएं. यह दबाव इतना हो कि सीना कम से कम 10 सेंटीमीटर नीचे दबे. साथ ही माउथ-टू-माउथ वेंटिलेशन देना भी जरूरी है. अगर दो लोग हों तो एक व्यक्ति लगातार कम्प्रेशन दे और दूसरा वेंटिलेशन. इस प्रक्रिया को तब तक दोहराएं जब तक हार्ट दोबारा धड़कने न लगे या एम्बुलेंस पहुंच न जाए.
सीपीआर देते वक्त इन बातों का रखें ध्यान
उन्होंने बताया कि एक मिनट में हार्ट को 100 से 120 बार दबाना जरूरी है. साथ ही 15 से 20 बार मुंह से सांस देनी होती है. इंसान की सामान्य हार्ट बीट 60 होती है और वह एक मिनट में 12 से 18 बार सांस लेता है. उसी के अनुसार सीपीआर देना चाहिए. सिर्फ कम्प्रेशन से काम नहीं चलेगा अगर ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो रही है. इसलिए माउथ-टू-माउथ वेंटिलेशन भी उतना ही जरूरी है. इस दौरान कोई भी गैप नहीं होना चाहिए. निरंतरता से ही मरीज को जीवनदान मिल सकता है.




















