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क्या बार-बार खांसी और सांस फूलना लंग कैंसर का संकेत है? जानिए फेफड़ों की बीमारी की चेतावनी

खांसी आना एक आम लक्षण है, जो शरीर की एक नेचुरल प्रक्रिया है खुद को साफ करने की. लेकिन अगर खांसी बार-बार या लंबे समय तक बनी रहती है, तो यह किसी गहरी बीमारी का संकेत हो सकता है. कई लोग इसे मौसम, सर्दी या गला खराब मानकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन बार-बार खांसी आना केवल मामूली कारणों से नहीं, बल्कि फेफड़ों, हार्ट, एलर्जी या गैस्ट्रिक समस्याओं का भी संकेत हो सकता है.

फेफड़ों की सेहत से जुड़ी छोटी-छोटी लापरवाहियाँ भविष्य में गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती हैं. कई बार हम लंबे समय तक चलने वाली खांसी, हल्की सांस फूलने या छाती में तकलीफ को मौसम या एलर्जी मानकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन ये लक्षण फेफड़ों की गंभीर बीमारी, यहां तक कि लंग कैंसर का शुरुआती संकेत भी हो सकते हैं.

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डॉक्टर्स कहते हैं कि फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों के लक्षण धीरे-धीरे उभरते हैं और अक्सर इन्हें पहचानना मुश्किल हो जाता है. इसलिए जरूरी है कि आप इन संकेतों को समय रहते पहचानें.

बार-बार खांसी आना कब हो सकता है खतरा?

आरएमएल हॉस्पिटल में मेडिसिन विभाग में डॉ. सुभाष गिरी बताते हैं कि अगर आपकी खांसी 23 हफ्ते से ज़्यादा समय से बनी हुई है और दवाइयों से भी आराम नहीं मिल रहा, तो ये सिर्फ सर्दी या वायरल नहीं हो सकता. खासतौर पर अगर खांसी के साथ बलगम में खून आ रहा है या आवाज बदल रही है, तो ये Lung Cancer का संकेत हो सकता है. ये फेफड़ों की सतह पर ट्यूमर बनने का नतीजा हो सकता है.

सांस फूलना सिर्फ थकान नहीं, एक चेतावनी भी हो सकती है

सीढ़ियां चढ़ते समय या थोड़ा चलने पर ही अगर आपकी सांस फूलने लगे, तो यह कमजोर फेफड़ों का संकेत है. क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिज़ीज (COPD), अस्थमा, या फेफड़ों में ट्यूमर के कारण ऐसा हो सकता है. Lung Cancer के शुरुआती चरणों में भी यही लक्षण दिखते हैं.

सीने में दर्द और भारीपन

फेफड़ों की बीमारी में सीने में हल्का-हल्का दर्द, जलन या दबाव महसूस हो सकता है. अगर ये दर्द लगातार बना रहे और खासकर खांसी या सांस लेने पर बढ़ जाए, तो इसे हल्के में न लें. यह फेफड़ों में संक्रमण या कैंसर का लक्षण हो सकता है.

बार-बार बुखार और थकान रहना

अगर बार-बार हल्का बुखार आता है, भूख नहीं लगती और शरीर में एनर्जी की कमी बनी रहती है, तो यह भी फेफड़ों में किसी अंदरूनी संक्रमण के होने का संकेत हो सकता है. लंग कैंसर के मरीज़ों में यह लक्षण धीरे-धीरे बढ़ते हैं.

किन्हें है ज्यादा खतरा?

जो लोग लंबे समय से स्मोकिंग करते हैं

जो लोग Polluted Environment या धुएं के संपर्क में रहते हैं (जैसे फैक्ट्री वर्कर्स)

जिनके परिवार में किसी को फेफड़ों की बीमारी रही हो

जिनकी उम्र 40 साल से ऊपर है और वे बार-बार सांस संबंधी दिक्कत झेलते हैं

डॉक्टर से संपर्क करें

ऊपर बताए गए लक्षण लगातार बने हुए हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. CT-Scan, चेस्ट एक्सरे और बलगम की जांच से फेफड़ों की स्थिति का पता लगाया जा सकता है. लंग कैंसर अगर शुरुआती स्टेज में पकड़ा जाए, तो इलाज के अच्छे मौके होते हैं.

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