अजमेर : अजमेर दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे के मामले में अजमेर की सिविल कोर्ट प्रथम में शनिवार सुनवाई होनी थी, लेकिन न्यायिक अधिकारी के अवकाश पर जाने और न्याय कर्मचारियों के सामूहिक हड़ताल के कारण मामले में अगली सुनवाई 30 अगस्त को होगी.
प्रतिवादी हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता के वकील योगेंद्र ओझा ने बताया कि प्रतिवादी और पक्षकारों की ओर से कोर्ट में पूर्व में उन्हें दिए गए नोटिस के जवाब सुनवाई के दौरान देने थे. न्यायिक अधिकारी के अवकाश पर होने और न्यायिक कर्मचारियों के सामूहिक हड़ताल पर होने के कारण 30 अगस्त को अगली सुनवाई रखी गई है. वकील ओझा ने बताया कि भारतीय पुरातत्व विभाग, अल्पसंख्यक विभाग की ओर से प्रार्थना पत्र और जवाब पूर्व में पेश किए गए थे, इस पर शनिवार को कोर्ट में होने वाली सुनवाई में बहस होनी थी. अगली सुनवाई में अब इन पक्षकारों के जवाब पर बहस होगी.
यह था मामला : हिंदू राष्ट्रीय सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने अजमेर की विश्व प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करते हुए कोर्ट में अक्टूबर वर्ष 2024 को वाद दायर किया था. गुप्ता ने परिवाद के साथ साक्ष्य भी कोर्ट में पेश किए थे, जिसमें हर विलास शारदा की लिखित पुस्तक और पृथ्वीराज रासो आदि साक्ष्य प्रमुख हैं. परिवादी ने ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह कमेटी, भारतीय पुरातत्व विभाग, केंद्रीय अल्पसंख्यक आयोग को पक्षकार बनाया था.
इसके बाद करीब 14 लोगों ने बीएनएस की धारा 1/10 में पक्षकार बनने के लिए कोर्ट में अर्जी लगाई थी. दरगाह कमेटी की ओर से वाद खत्म करने को लेकर प्रार्थना पत्र दिया गया था. वहीं, केंद्रीय पुरातत्व विभाग और केंद्रीय अल्पसंख्यक विभाग की ओर से कोर्ट में प्रार्थना पत्र के साथ जवाब पेश किए गए थे. पक्षकारों के जवाब पर बहस 19 जुलाई को होनी थी, लेकिन अब अगली सुनवाई 30 अगस्त को होगी.




















