“आपके नाम एक जरूरी पार्सल आया है… लेकिन डिलीवरी से पहले आपको एक नंबर डायल करना होगा!” अगर आपके पास ऐसा कॉल आता है, तो सतर्क हो जाइए। हो सकता है कि अगला शिकार आप ही हों। राजस्थान में साइबर ठगों ने अब कूरियर कंपनियों के नाम पर ठगी का नया खेल शुरू कर दिया है। दो महीने में इस नए फॉर्मेट की 1500 से ज्यादा साइबर ठगी के मामले सामने आ चुके हैं।
राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम ब्रांच ने इसे लेकर एडवाइजरी जारी कर जनता को सतर्क किया है। एसपी शांतनु कुमार के मुताबिक, यह ठगी बिल्कुल फिल्मी स्टाइल में की जा रही है — जहां सामने वाला इतनी सफाई से बात करता है कि कोई भी झांसे में आ जाए।
ठग खुद को फेमस कूरियर कंपनी का कर्मचारी बताकर कॉल करते हैं। वह कहते हैं कि आपके नाम एक पार्सल आया है, लेकिन डिलीवरी से पहले एक विशेष नंबर डायल करना होगा — जैसे ##21# या फिर **21*xxxxxxxxxx#। जैसे ही कोई व्यक्ति यह कोड डायल करता है, उसके मोबाइल की कॉल फॉरवर्डिंग अपने आप एक्टिव हो जाती है। इसके बाद उसकी हर इनकमिंग कॉल सीधे ठगों के पास चली जाती है।
अब ठग खुद को बैंक अधिकारी, पुलिस या किसी सरकारी अफसर के रूप में पेश करते हैं और यूजर के दोस्तों या रिश्तेदारों को कॉल करके ओटीपी या अन्य जानकारी ले लेते हैं। कई मामलों में वे फर्जी यूपीआई लिंक भेजते हैं, जिनके ज़रिए खाते से मोटी रकम गायब हो जाती है।
क्यों खतरनाक है यह तरीका?
इस नई साइबर ठगी में सबसे खतरनाक बात है—”कॉल फॉरवर्डिंग”। यानी आपकी कॉल अब आपके पास नहीं, सीधे अपराधी के पास जाएगी। अगर बैंक से कोई अलर्ट आता है, या कोई फ्रॉड अलर्ट कॉल, तो वो आप तक नहीं पहुंचेगा। और यही साइबर ठगों का सबसे बड़ा हथियार बन रहा है।
पुलिस की चेतावनी
ठगी की आशंका हो तो तुरंत 1930 पर कॉल करें या https://cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
आपके एक क्लिक से हो सकता है सब कुछ खत्म
साइबर क्राइम एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस तरह की कॉल्स का मकसद सिर्फ एक ही होता है—आपकी डिजिटल पहचान और बैंकिंग एक्सेस को हाईजैक करना।
इसलिए अगली बार जब कोई कहे, “आपके नाम एक कूरियर आया है…” तो सावधान हो जाइए। हो सकता है, डोरबेल नहीं बजने वाली हो—बल्कि आपकी जेब खाली होने वाली हो!




















