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जिंदगी से जंग जीत गया गुड्डू, 25 घंटे चले रेस्क्यू के बाद 53 फुट गहरे बोरवेल से सकुशल निकाला

सीकर का 4 वर्षीय गुड्डू जिन्दगी की जंग जीत गया है। 25 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सिविल डिफेंस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम ने बोरवेल में गिरे गुड्डू को सकुशल निकाल लिया है। सीकर के दातारामगढ के पास बिजारणियों की ढाणी में गुरुवार शाम को 4 बजे खेलते समय गिरधारी बिजारणिया का 4 वर्षीय बेटा राजेन्द्र उर्फ गुड्डू ढाणी के बाहर बने बोरवेल में गुड्डू गिर गया था। सूचना मिलने के तुरंत बाद प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा और शाम साढे़ 4 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया था। लगातार 25 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद शुक्रवार शाम 5 बजकर 30 मिनट पर गुड्डू को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है।

53 फीट गहरे बोरवेल में अटका गुड्डू, समानान्तर गड्ढा खोद कर सुरंग बनाकर निकाला बाहर
गिरधर बिजारणिया की ढाणी के बाहर ही करीब 400 फीट गहरा पुराना बोरवेल खुदा हुआ था। पिछले दिनों इस बोरवेल के ऊपर के पाइप निकाल लिए गए थे और काफी मिट्टी उसमें भर दी गई थी लेकिन फिर भी करीब 53 फीट गहरे बोरवेल में मिट्टी भरी हुई नहीं थी। गुरुवार 24 फरवरी की शाम को खेलते खेलते पैर फिसलने से वह बोरवेल में गिर गया था। सिविल डिफेंस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों ने बोरवेल के समानान्तर बड़ा सा 60 फीट गहरा गड्ढा खोदा। बाद में जहां गुड्डू अटका हुआ था वहां तक सुरंग बनाकर गुड्डू को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। बोरवेल से निकालने के बाद उसे अस्पताल पहुंचाया गया। हालांकि गुड्डू पूरी तरह सुरक्षित है।

रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए पहुंचे प्रशासनिक अमले ने चिकित्सकों की टीम को तुरंत मौके पर बुलाया। बोरवेल में ऑक्सीजन की सप्लाई की गई ताकि गुड्डू को सांस लेने में दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े। साथ ही बच्चे के खाने पीने की सामग्री भी बोरवेल में भेजी गई थी। रस्सी और बाल्टी के जरिए बिस्किट, नमकीन और पानी बोरवेल में भेजा गया। सीसीटीवी कैमरा भी बोरवेल में लगा दिया गया था जिससे गुड्डू की हर हलचल पर रेस्क्यू टीम नजर रख रही थी।

गुड्डू को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू टीम ने देशी जुगाड़ भी अपनाया था। गुरुवार शाम को ही मजबूत रस्सी के जरिए लौहे के जालनूमा सेफ्टी इंस्ट्रुमेंट बनाया और मजबूत रस्सी के जरिए गुड्डू तक पहुंचाया गया। बाद में उसे बार बार कहा गया कि वह इस इंस्ट्रुमेंट में बैठ जाए। गुड्डू की बड़ी बहन रातभर उसे समझाती रही कि गुड्डू इस इंस्ट्रुमेंट में बैठ जाओ, तुम्हें तुरंत बाहर निकाल लेंगे। लेकिन गुड्डू समझ नहीं सका और सेफ्टी इंस्ट्रुमेंट में नहीं बैठा। ऐसे में बोरवेल के समानान्त 60 फीट गहरा गड्ढा खोद कर सुरंग के जरिए गुड्डू को बाहर निकाला जा सका। अगर गुड्डू सेफ्टी इंस्ट्रुमेंट में बैठ जाता तो गुरुवार शाम को ही सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाता।


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