अफगानिस्तान में पैदा हुआ, दर्शकों की मांग पर जड़ता था छक्के ये भारतीय खिलाड़ी
अफगानिस्तान (Afghanistan) में जन्म लेने वाला पहला टेस्ट क्रिकेटर कौन है? अगर ये सवाल पूछा जाए, तो स्वाभाविक तौर पर हर कोई राशिद खान, मोहम्मद नबी, मोहम्मद शहजाद जैसे दिग्गज अफगानी क्रिकेटरों का नाम लेगा. इन क्रिकेटरों ने पहली बार 2018 में टेस्ट क्रिकेट खेला और ये सभी अफगानिस्तान के ही नागरिक हैं. लेकिन इसको थोड़ा और बारीकी से जानने की कोशिश करेंगे, पता चलेगा कि इनसे भी पहले एक क्रिकेटर हो चुका है, जिसका जन्म भी अफगानिस्तान में हुआ था और उसने टेस्ट क्रिकेट भी खेला… वो भी कई दशकों पहले.
अफगानिस्तान में पैदा होने वाले पहले टेस्ट क्रिकेटर
बस फर्क ये है कि उस खिलाड़ी ने ये टेस्ट अफगानिस्तान के लिए नहीं बल्कि भारत (India) के लिए खेला था.
बात हो रही है भारतीय क्रिकेट (Indian Cricket) के स्टाइलिश ऑलराउंडर सलीम दुर्रानी (Salim Durani) की. 1960 के दशक में भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले सलीम दुर्रानी का जन्म 11 दिसंबर 1934 को अफगानिस्तान के काबुल में हुआ था. दुर्रानी आज 84 साल के हो गए हैं.
फैन फेवरिट- पब्लिक डिमांड पर जड़ते थे छक्के
दुर्रानी की गिनती उस दौर के ऐसे भारतीय खिलाड़ियों में से होती है, जो दर्शकों के बीच बेहद लोकप्रिय थे. यही कारण है कि उनकी खातिर एक बार दर्शकों ने टेस्ट मैच का बहिष्कार तक कर दिया था. दुर्रानी का पब्लिक से इस कनेक्शन का भी एक बेहद खास कारण था. दुनिया के कई मशहूर बाएं हाथ के बल्लेबाजों की तरह दुर्रानी भी अपने वक्त में खूब छक्के जड़ने के लिए मशहूर थे.
हालांकि, सिर्फ छक्के जड़ने की काबिलियत ने ही उन्हें फैंस का दुलारा नहीं बनाया. बात इससे आगे की है. असल में दुर्रानी इसलिए लोकप्रिय थे, क्योंकि वह पब्लिक डिमांड पर मैदान में छक्के जड़ते थे. इधर स्टैंड पर बैठे किसी दर्शक ने छक्के की मांग की, उधर दुर्रानी ने अपना बल्ला चला दिया.
दुर्रानी ने एक इंटरव्यू में एक बार इस बारे में बात की थी. दुर्रानी ने कहा था कि वह छक्के तो हमेशा मारना ही चाहते थे, लेकिन ये उनकी किस्मत थी कि जब भी कोई दर्शक छक्का छक्का मारने की डिमांड करता तो वह उसमें सफल हो जाते थे और ऐसा 6-7 बार हुआ.
फैंस की मांग पर किया गया टीम में शामिल
इस तरह का फैन फेवरिट होने के कारण ही जब 1972-73 में उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ कानपुर टेस्ट में जगह नहीं मिली, तो दर्शकों ने हंगामा कर दिया. आखिरी टेस्ट में दुर्रानी को शामिल किए जाने की मांग होने लगी, नहीं तो टेस्ट का बहिष्कार किए जाने की धमकी दी जा रही थी. मजबूर होकर दुर्रानी को मुंबई में हुए आखिरी टेस्ट में जगह मिल ही गई. किस्मत कुछ ऐसी रही, कि ये उनके करियर का आखिरी टेस्ट भी रहा.
गेंदबाजी से बरपाया कहर, पहली बार इंग्लैंड से जीती सीरीज
दुर्रानी के अंतरराष्ट्रीय करियर में कुछ ऐसे मौके आए, जब उन्होंने अपने दम पर ही मैच का नतीजा तय कर लिया. 1961-62 में इंग्लैंड (England) की टीम भारत दौरे पर थी. इस सीरीज के आखिरी 2 टेस्ट मैचों में दुर्रानी ने गेंदबाजी से ऐसी आग बरसाई, कि इंग्लैंड की टीम उसकी तपिश में जलकर खाक हो गई. दुर्रानी ने इन 2 टेस्ट में 18 विकेट लिए और भारत ने पहली बार इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज अपने नाम की.
भारत के 95वें टेस्ट क्रिकेटर
सलीम दुर्रानी ने 1 दिसंबर 1960 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच से अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आगाज किया था. वह भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले 95वें और अफगानिस्तान में जन्मे पहले क्रिकेटर थे. 13 साल के अपने करियर में दुर्रानी ने 29 टेस्ट मैच खेले और बाएं हाथ से बल्लेबाजी करते हुए 1,202 रन बनाए. इसमें उनके नाम एक शतक और 7 अर्धशतक थे. 104 रन उनका सर्वोच्च स्कोर रहा.
गेंदबाजी में भी दुर्रानी ने अपना दम दिखाया. अपनी स्लो लेफ्ट आर्म स्पिन से दुर्रानी ने इन 29 मैचों में 74 विकेट लिए, जिसमें 3 बार पारी में 5 विकेट और एक बार मैच में 10 विकेट लेने का कारनामा भी उन्होंने किया.
मैदान का स्टार बना सिल्वर स्क्रीन का हीरो
भारतीय क्रिकेट से जुड़े कई खिलाड़ियों ने अलग-अलग मौकों पर फिल्मों में भी हाथ आजमाया है. छोटे या बड़े रोल में कई खिलाड़ियों को देखा गया है. सलीम दुर्रानी संभवतः उन सबसे पहले क्रिकेटरों में से थे, जिन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था. 1973 में आई फिल्म चरित्र में उन्होंने पहली बार एक्टिंग में भी हाथ आजमाया था. इस फिल्म में वह परवीन बाबी के साथ हीरो के रोल में थे. परवीन बाबी की ये पहली फिल्म थी.
सही मायनों में दुर्रानी अपने वक्त में एक शानदार ऑलराउंडर थे. उनको 84वें जन्मदिन की शुभकामनाएं.