सांस्कृतिक संस्था कला मंजर ने अपनी प्रथम वर्षगाँठ पर लोक कलाकारों का किया सम्मान
5 से 8 नवम्बर तक लोक कलाकरों के घर पहुंच कर किया सम्मानित
गत वर्ष धनतेरस को स्थापित हुई संस्था कला मंज़र ने एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में लोक कलाकारों को उनके घर जाकर सम्मानित किया। संस्था के संरक्षक अनिल सक्सेना “अन्नी” ने बताया कि शिहान राधे गोविंद माथुर(कराटे-कोच) के सौजन्य से 5 नवम्बर की सुबह 5 बजे कला मंज़र की टीम अपनी सांस्कृतिक यात्रा पर निकली और पाली , जोधपुर , जैसलमेर व बाड़मेर के आंचलिक क्षेत्रो में रहने वाले लोक कलाकारों से मिली , उनकी समस्याएं जानी और उन्हें सम्मानित भी किया। संस्था की संस्थापिका मीनाक्षी माथुर ने बताया कि टीम ने स्थापित और उभरते, दोनों ही प्रकार के कलाकारों को सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया व उनका साक्षात्कार भी लिया इनमें सुप्रसिद्ध मांगणियार गायक गाज़ी खान,102 वर्षीय तेरताली नृत्यांगना मांगी बाई, मांगणियार गायिका अक्ला देवी, कालबेलिया नृत्यांगना व गायिका लक्ष्मी देवी, कालबेलिया गायिका सुआ देवी व सुगना देवी, मांगणियार गायिका दरिया जी को सम्मान-पत्र देकर सम्मानित किया। ये सभी महिला कलाकार 65 वर्ष से अधिक उम्र की हैं साथ ही कालबेलिया नृत्यांगना खाटू सपेरा व उनकी 9 वर्षीय नृत्यांगना पुत्री सायबा सपेरा को उनकी लोकडाउन गतिविधियों के लिए सम्मानित किया। इस यात्रा के दौरान संस्था नए उभरते हुए कलाकारों से भी मिली और उन्हें नगद सम्मान राशि देकर सम्मानित भी किया। इनमें सलीम खान , जसु खान , सायर खान ,धापू देवी , लीला देवी प्रमुख हैं। मीनाक्षी माथुर ने यह भी बताया कि इस सांस्कृतिक यात्रा के संयोजन में गाज़ी खान जी का बहुत अधिक सहयोग रहा। कला मंज़र टीम में उनके साथ कविता मुखर , नितिन शर्मा व योगेश शर्मा शामिल हुए।
टीम 5 से 8 नवम्बर तक भ्रमण पर रही।
इस यात्रा के दौरान ही कला मंज़र की टीम ने संगीत नाट्य अकादमी, जोधपुर , लोक कला से सम्बद्ध रूपायन संस्था व अरना-झरना संग्रहालय का भी भ्रमण किया साथ ही रूपायन संस्था से लोक कलाओं के बारे में विस्तृत और महत्वपूर्ण जानकारियां भी प्राप्त की।
संस्था कला मंज़र का मुख्य उद्देश्य है कि कला के विविध रूपों के माध्यम से रोजगार व आत्माभिव्यक्ति के अवसर उपलब्ध करवाना। दिव्यांग व महिला कलाकारों के साथ काम करना संस्था की प्राथमिकता है।