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25 दिवसीय प्राकृतिक चिकित्सा तथा योग निःशुल्क शिविर से अनेक जन हुए लाभान्वित

श्रीडूंगरगढ़ बीकानेर । तोलाराम मारू

श्रीगोपाल राठी ने कहा कि योग और प्राकृतिक चिकित्सा का नियमित और सतत अभ्यास रहना चाहिए। योग और प्राकृतिक चिकित्सा का अभ्यास और सेवन प्रत्येक प्राणी को नियमित और सतत करते रहना चाहिए। शिविर में प्रतिभागिता तभी फलित होती है ये उदगार श्री मद आचार्य तुलसी महाप्रज्ञ साधना संस्थान के द्वारा श्रद्धा निष्ठ श्रावक,समाजसेवी,प्रमुख भामाशाह और एक सक्रिय कार्यकर्ता रहे स्व धर्मचंद जी पुगलिया की पुण्य स्मृति में धर्मचंद भीखमचंद पुगलिया चेरिटेबल ट्रस्ट के आर्थिक सौजन्य से तेरापंथ भवन धोलिया नोहरा में आयोजित पच्चीस दिवसीय प्राकृतिक चिकित्सा और योग शिविर के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कस्बे के प्रबुद्ध व्यक्तित्व,भामाशाह,समाजसेवी श्री ओमप्रकाश राठी ने प्रकट किए। श्री मद आचार्य तुलसी महाप्रज्ञ साधना संस्थान के मंत्री श्री मालचंद सिंघी ने कहा कि संस्थान की और से इस प्रकार के जनोपयोगी शिविरों का आयोजन नियमित रूप से होता रहे ऐसा प्रयास बना रहेगा। उन्होंने धर्मचंद भीखमचंद पुगलिया चेरिटेबल ट्रस्ट के प्रमुख ट्रस्टी श्रीमती सुशीला पुगलिया और समस्त ट्रस्टियों का तहेदिल से आभार व्यक्त किया।प्राकृतिक चिकित्सक श्री राधेश्याम पारीक ने कहा स्वस्थ रहने के लिए एक नौ सूत्रीय मंत्र बताया ।यदि प्रत्येक व्यक्ति इनका नियमित अभ्यास करे तो वह स्वस्थ, सुखी, प्रसन्नचित, समृद्ध रह सकता है। सुविख्यात योगाचार्य श्री ओमप्रकाश कालवा ने विभिन्न योग और प्राणायाम से किन किन असाध्य रोगों से मुक्ति मिल सकती है उसके बारे में बताया। बेल्जियम से पधारे अंतराष्ट्रीय योग गुरु मनोज कुमार भनोत ने भी योग की वर्तमान भागदौड़ की जिंदगी में क्या उपयोगिता है उसके बारे में विस्तार से चर्चा की।

समारोह की अध्यक्षता कर रहे जे एस टी की नव निर्वाचित अध्यक्ष श्रीमती सुशीला पुगलिया सभी के स्वस्थ,समृद्ध,और संपन्न रहने की कामना करते हुए कहा कि कस्बे के भामाशाहों और संस्थाओं को मिलकर संयुक्त रूप से इस प्रकार के आयोजन सतत करते रहने चाहिए तभी एक मनुष्य की मनुष्य के रूप सार्थकता रहेगी। इस अवसर पर प्राकृतिक चिकित्सक राधेश्याम पारीक,रवि प्रकाश पारीक,योगाचार्य ओमप्रकाश कालवा,दामोदर बोहरा,हरिराम सहारण , राकेश पडिहार, सुश्री गुड़िया नैन,बालयोगी योगानंद कालवा,योगिता कालवा को प्रतीक चिन्ह देकर संस्थान की और से सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर प्रदीप पुगलिया,संजय बरडिया,श्रीगोपाल राठी,सुशील सिरडिया,संजय करवा,बजरंग भोजक,सत्यदीप सेवग, सीताराम नाई पटवारी,चैनाराम पटवारी,हरिप्रसाद भादू,गुलाबचंद भोजक, चेतन स्वामी, टी एस एस के प्रशासक सूर्य प्रकाश गांधी,भवन के मैनेजर तोलाराम पुगलिया,सारिका राठी श्यामसुंदर चांडक,निर्मल पुगलिया,मोहनलाल खंडेलवाल सहित अनेक प्रबुद्धजन उपस्थित थे।संयोजन विजयराज सेवग ने किया।उदबोधन में विजयराज सेवग ने इन आचार्यों की सेवा को सराहते हुए कि भीखमचंद पुगलिया न केवल अपनी जन्म भूमि बल्कि कर्म भूमि मे जनहितार्थ कार्य करते रहते हैं।


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