गुलाबी सुंडी के प्रकोप से सतर्कता बरतने की जरूरत :कृषि विभाग
सहायक कृषि अधिकारी रमेश भाम्भू ने बताया कि कपास में गुलाबी सुंडी के प्रकोप से बचाव के लिए किसानों को निगरानी, नियंत्रण के संबंध में विशेष जानकारी हेतु हुसंगसर ग्राम पंचायत में गोष्ठी का आयोजन किया गया।
भाम्भू ने बताया कि गोष्ठी आयोजन का उद्देश्य किसानों को जागरूक कर गुलाबी सुंडी से कपास में होने वाले नुकसान को न्यूनतम करना है। इस हेतु किसान अज्ञात स्त्रोत द्वारा प्राप्त कपास की किसी भी किस्म के बीज की बुवाई ना करें। किसान पिछले वर्ष की बीटी कॉटन की अवशेष लकड़ियों का प्रबंधन सही तरीके से करें, ताकि गुलाबी सुण्डी के प्रकोप को कम किया जा सके।किसान केवल अधिकृत विक्रेता से ही बीज क्रय करें व पक्का बिल अवश्य प्राप्त करें। समय समय पर जारी विभागीय सलाह के अनुसार फसल प्रबंधन से इसका प्रकोप नियंत्रित किया जा सकता है।
गोष्ठी के दौरान कृषि पर्यवेक्षक ज्योति सहारण ने गुलाबी सुण्डी के कॉटन की फसल को होने वाले नुकसान एवं कीट के जीवन चक्र की विभिन्न अवस्थाओं पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भण्डारित कपास को ढक कर रखें, जिससे गुलाबी सुण्डी के पतंगे खेतों में फसल पर अण्डे नही दे सकेंगे।
इस दौरान ग्राम पंचायत में कपास फसल से संबंधित कृषको की उपस्थिति रही।