मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा लॉकडाउन नही लगेगा, लेकिन सख्ती बढ़ाई जाएगी
जयपुर
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिरंजीवी योजना और कोविड नियंत्रण, टीकाकरण को लेकर रविवार को पंचायत स्तर तक जनप्रतिनिधियों और कार्मिकों से वर्चुअल संवाद के दौरान कहा कि आजीविका को बचाने के लिए हम लॉकडाउन लगाना नहीं चाहते हैं लेकिन जिन्दगी बचाना ज्यादा जरुरी है। उन्होंने कहा कि सरकार बढ़ते कोविड संक्रमण को नियंत्रित के लिए लगातार कड़े फैसले ले रही है। इसके बावजूद कोविड अनुशासन की पालना में यदि लापरवाही होगी, तो हमें और भी सख्त कदम उठाने को मजबूर होना पड़ेगा। इस तरह से गहलोत ने और ज्यादा सख्ती किए जाने के संकेत दिए।
गहलोत ने कहा कि दूसरी लहर के फैलने की गति दोगुनी है और मृत्यु भी डबल हो गई है लेकिन बावजूद इसके लोग लापरवाही बरत रहे हैं। पहले लोगों में कोरोना को लेकर भय था जो अब खत्म हो गया है। गहलोत ने कहा कि वैक्सीन नहीं आने के चलते हमें टीकाकरण केन्द्र बंद करने पड़ रहे हैं और केवल राजस्थान ही नहीं दूसरे राज्यों में भी यही स्थिति है। उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि इतना झूठ बोलते हुए मैंने कभी किसी को नहीं देखा है।
राजस्थान देश का पहला राज्य
संवाद के दौरान गहलोत ने कहा कि चिरंजीवी योजना लोगों को इलाज के भारी-भरकम खर्च और चिंताओं से मुक्त करेगी। ऐसी योजना लाने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है। इस योजना में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा, सामाजिक-आर्थिक जनगणना-2011, लघु एवं सीमांत किसान तथा संविदाकर्मियों के लिए 5 लाख रूपए तक के कैशलेस बीमा का प्रीमियम सरकार वहन करेगी। अब राज्य सरकार ने पिछले साल कोविड-19 अनुग्रह राशि प्राप्त करने वाले निराश्रित एवं असहाय परिवारों को भी इस श्रेणी में शामिल किया है। उनके सम्प ूर्ण प्रीमियम का भार भी राज्य सरकार ही वहन करेगी। साथ ही, अन्य परिवार मात्र 850 रूपए प्रीमियम जमा करवाकर इस योजना से जुड़ सकते हैं।
सालाना 3500 करोड़ का वहन करेगी सरकार
इस योजना पर राज्य सरकार करीब साढ़े तीन हजार करोड़ रूपए वार्षिक वहन करेगी। संवाद कार्यक्रम में जलदाय मंत्री डॉ बीडी कल्ला, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सचिव सिद्धार्थ महाजन समेत अन्य जनप्रतिनिधि और सरकारी अफसर जुड़े।
पंजीकरण के लिए नहीं देना होगा शुल्क
गहलोत ने कहा कि 1 मई से लागू होने वाली इस योजना में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करने, प्रीमियम जमा करने तथा प्रिटिंग के लिए ई-मित्र को कोई शुल्क देने की आवश्यकता नहीं होगी। यह शुल्क राज्य सरकार वहन करेगी। पंच-सरपंच, पार्षद, विधायक, सांसद सहित सभी जनप्रतिनिधि तथा बीएलओ, ग्राम विकास अधिकारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी, एएनएम सहित ग्राम स्तर तक के सभी कार्मिक लोगों को इस योजना का लाभ लेने के लिए प्रेरित करें।
योजना में इस तरह मिलेगा लाभ
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि इस योजना के तहत करीब 1 करोड़ 30 लाख परिवारों का पूरा प्रीमियम राज्य सरकार वहन करेगी। उन्होंने कहा कि योजना से अब तक 750 से अधिक सरकारी अस्पताल एवं 300 से अधिक निजी अस्पताल सम्बद्ध हो चुके हैं। आमजन इन अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा प्राप्त कर सकेंगे। भर्ती होने से 5 दिन पहले और डिस्चार्ज होने के 15 दिन बाद तक का चिकित्सा खर्च इसमें कवर होगा।