कोरोना को लेकर राजस्थान सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन, जाने पूरी खबर
राजस्थान में बढ़ती कोरोना वायरस (Coronavirus) की रफ्तार ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) को परेशान कर दिया है. सीएम ने एक-दो दिन में नई गाइडलाइन जारी कर अगले 15 दिनों के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.
कोरोना वायरस (Coronavirus) की बढ़ती रफ्तार से परेशान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने कहा है कि राज्य सरकार एक-दो दिन में नई गाइडलाइन (New Guideline) जारी करेगी जिसमें अगले 15 दिन के लिए सख्त निर्णय लिए जाएंगे. कोरोना के बढ़ते मामलों पर मुख्यमंत्री ने शनिवार रात विशेषज्ञों, चिकित्सकों और अफसरों के साथ लाइव समीक्षा की. बैठक में सीएम ने कोरोना के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई और प्रदेश में सख्ती बढ़ाने के संकेत दिए. गहलोत ने कहा कि संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाना जरूरी है और केंद्र को भी इसमें आगे आना चाहिए.
इसके अलावा सीएम गहलोत ने कहा कि लोगों में अनुशासन लाने के लिए जरूरी है कि केंद्र सरकार एसओपी जारी करे. राज्य सरकार इसे लेकर केंद्र सरकार से बात करेगी. सीएम ने कहा कि केंद्र अगर पहल करता है तो अच्छा है वरना मजबूर होकर हमें ही एसओपी जारी करनी पड़ेगी. नई एसओपी को लेकर एक-दो दिन में निर्णय ले लिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 प्रोटोकॉल को सभी को गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि कोरोना को लेकर स्थिति बिगड़ती जा रही है और हालात चिंताजनक हैं, लेकिन आखिरकार विजय राजस्थान की ही होगी. उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन भी पूरी ताकत से होना चाहिए और हमें इसमें अव्वल बने रहने के प्रयास करने चाहिए. इसके साथ सीएम ने कहा कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकना एवं जीवन बचाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.
लोग लापरवाह, प्रशासन निष्क्रिय
बैठक में चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि लोग एसओपी की पालना नहीं कर रहे हैं और प्रशासन भी निष्क्रिय नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि 15 दिन की सख्ती से अगर संक्रमण रुक सकता है तो सख्ती करनी चाहिए. वहीं, चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि होटल्स में केवल रूम डाइनिंग ही अलाउ हों और आठवीं तक के बच्चों को बिना परीक्षा प्रमोट करने का फैसला लेना चाहिए. बैठक में मौजूद सभी लोगों ने एक स्वर में कहा कि लोग लापरवाही बरत रहे हैं और संक्रमण रोकने के लिए सख्ती बरती जानी बेहद जरूरी है. इस लाइव समीक्षा बैठक से सोशल मीडिया के जरिए एक लाख 86 हजार से ज्यादा लोग जुड़े रहे.
विशेषज्ञों और अफसरों ने दिए ये अहम सुझाव
कई चिकित्सकों विशेषज्ञों और अधिकारियों ने भी इस बैठक में अपने सुझाव रखे. बैठक में आए खास सुझाव यह रहे.
शहरी इलाकों में नाइट कर्फ्यू के पावर क्लेक्टर्स को दिए जाने चाहिए.
रेस्टोरेंट्स के लिए रियायत 15 अप्रैल तक बंद होनी चाहिए.
बाजारों में और कोरोना गाइडलाइंस की पालना पर ज्यादा सख्ती की जानी चाहिए.
मास्क नहीं लगाने वालों पर जुर्माना बढ़ाया जाना चाहिए.
अप्रैल तक मेलों और हटवाड़ा पर रोक लगनी चाहिए.
अप्रैल अंत तक 100 से ज्यादा लोगों के एकत्रित होने पर रोक लगनी चाहिए.।सभी विभागों को अपने कर्मचारियों के वैक्सीनेशन के निर्देश दिए जाने चाहिए.
सामाजिक संस्थाओं, राजनेताओं और धर्मगुरुओं के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार करवाया जाए.
वायरस की जेनेटिक स्टडी करवाई जानी चाहिए और मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को और ज्यादा मजबूत किया जाना चाहिए.
पुरानी थ्योरी नहीं चलेगी
कोविड-19 समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वायत शासन विभाग के सचिव भवानी सिंह देथा और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के आयुक्त महेंद्र सोनी की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट नजर आए. दोनों अधिकारियों से मुख्यमंत्री ने कहा कि आप को नए सिरे से प्लानिंग करनी होगी. अभी आपने जो ब्रीफ किया वह पुरानी थ्योरी है, अब यह नहीं चलेगी. सीएम ने दोनों अधिकारियों को वैक्सीनेशन के लिए एग्रेसिव होकर कैंपेनिंग करवाने के निर्देश दिए हैं. सीएम ने कहा कि होर्डिंग्स में पुराने और नए आंकड़ों की तुलना करके पब्लिक को कोरोना संक्रमण की भयावहता समझाई जा सकती है.