आज का पंचाग, चौघड़िया व अन्य विशेष बातें पँ. श्रवण भारद्वाज के साथ –
आज का पंचाग, चौघड़िया व अन्य विशेष बातें पँ. श्रवण भारद्वाज के साथ –
दिनांक – 22 मार्च 2021
वार – सोमवार
तिथि – अष्टमी 08:59 बजे तक तत्पष्चात नवमी
पक्ष – शुक्ल
माह – फाल्गुन
नक्षत्र – आद्रा
योग – सौभाग्य
करण – बव 08:59 बजे तक तत्पश्चात बालव
चन्द्र राशि – मिथुन
सूर्य राशि – मीन
रितु – शिशिर
आयन – उत्तरायण
संवत्सर – शार्वरी
विक्रम संवत – 2077 विक्रम संवत
शाका संवत – 1942 शाका संवत
सूर्योदय – 06:36 बजे
सूर्यास्त – 18:45 बजे
दिन काल – 12 घण्टे 08 मिनट
रात्री काल – 11 घण्टे 50 मिनट
चंद्रोदय – 12:17 बजे
चंद्रास्त – 26:44 बजे
राहू काल – 08:08 – 09:39 अशुभ
अभिजित – 12:17 -13:05 शुभ
पंचक – नहीं
दिशाशूल – पूर्व
समय मानक – मोमासर (बीकानेर)
चोघडिया, दिन
अमृत – 06:37 – 08:08 शुभ
काल – 08:08 – 09:39 अशुभ
शुभ – 09:39 – 11:10 शुभ
रोग – 11:10 – 12:41 अशुभ
उद्वेग – 12:41 – 14:12 अशुभ
चर – 14:12 – 15:43 शुभ
लाभ – 15:43 – 17:14 शुभ
अमृत – 17:14 – 18:45 शुभ
चोघडिया, रात
चर – 18:45 – 20:14 शुभ
रोग – 20:14 – 21:43 अशुभ
काल – 21:43 – 23:12 अशुभ
लाभ – 23:12 – 24:40* शुभ
उद्वेग – 24:40* – 26:09* अशुभ
शुभ – 26:09* – 27:38* शुभ
अमृत – 27:38* – 29:07* शुभ
चर – 29:07* – 30:36* शुभ
विशेष – अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है।
अष्टमी तिथि, रविवार, श्राद्ध और व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।
कालसर्प योग से मुक्ति पाने
कालसर्प दोष बहुत भयंकर माना जाता है | और ये करो… ये करो… इतना खर्चा करो…..इतना जप करो…. कई लोग इनको ठग लेते हैं | फिर भी कालसर्प योग से उनका पीछा नहीं छूटता | लेकिन ज्योतिष के अनुसार उनका कालसर्प योग नहीं रहता जिनके ऊपर केसुड़े (पलाश ) के रंग – होली के रंग का फुवारा लग जाता है | फिर कालसर्प योग से मुक्ति हो गई | कालसर्प योग के भय से पैसा खर्चना नहीं है और अपने को ग्रह दोष है, कालसर्प है ऐसा मानकर डरना नहीं अपने को दुखी करना नहीं है।
ब्रम्हवृक्ष पलाश
पलाश को हिंदी में ढ़ाक, टेसू, बंगाली में पलाश, मराठी में पळस, गुजराती में केसुडा कहते है | इसके पत्त्तों से बनी पत्तलों पर भोजन करने से चाँदी – पात्र में किये भोजन तुल्य लाभ मिलते हैं।
‘लिंग पुराण’ में आता है कि पलाश की समिधा से ‘ॐ नम: शिवाय’ मंत्र द्वारा १० हजार आहुतियाँ दें तो सभी रोगों का शमन होता है ।
पत्ते : पलाश व बेल के सूखे पत्ते, गाय का घी व मिश्री समभाग मिला के धूप करने से बुद्धि की शुद्धि व वृद्धि होती है।