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प्रदोष व्रत आज, बुधवार लागू नहीं होगा अभिजीत मुहूर्त जाने आज का पंचाग पँ. श्रवण भारद्वाज के साथ –

 
दिनांक – 10 मार्च 2021
वार – बुधवार
तिथि – द्वादशी 14:39 बजे तक
पक्ष – कृष्ण पक्ष
माह – फाल्गुन
नक्षत्र – श्रवण 21:01 बजे तक
योग – परिघ
करण – तैतुल 14:39 बजे तक तत्पश्चात गर
चन्द्र राशि – मकर
सूर्य राशि – कुम्भ
रितु – शिशिर
आयन – उत्तरायण
संवत्सर – शार्वरी
विक्रम संवत – 2077 विक्रम संवत
शाका संवत – 1942 शाका संवत
सूर्योदय – 06:50 बजे
सूर्यास्त – 18:38 बजे
दिन काल – 11 घण्टे 48 मिनट
रात्री काल – 12 घण्टे 11 मिनट
चंद्रास्त – 15:48 बजे
चंद्रोदय – 29:44 बजे
राहू काल – 12:44 – 14:13 अशुभ
अभिजित – 12:21 -13:08 अशुभ
पंचक – नहीं
दिशाशूल – उत्तर दिशा में
समय मानक – मोमासर (बीकानेर)
चोघडिया, दिन
लाभ 06:50 – 08:19 शुभ
अमृत 08:19 – 09:47 शुभ
काल 09:47 – 11:16 अशुभ
शुभ 11:16 – 12:44 शुभ
रोग 12:44 – 14:13 अशुभ
उद्वेग 14:13 – 15:41 अशुभ
चर 15:41 – 17:10 शुभ
लाभ 17:10 – 18:38 शुभ
चोघडिया, रात
उद्वेग 18:38 – 20:10 अशुभ
शुभ 20:10 – 21:41 शुभ
अमृत 21:41 – 23:12 शुभ
चर 23:12 – 24:44* शुभ
रोग 24:44* – 26:15* अशुभ
काल 26:15* – 27:47* अशुभ
लाभ 27:47* – 29:18* शुभ
उद्वेग 29:18* – 30:49* अशुभ
विशेष – द्वादशी को पूतिका (पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता हैं।
ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात ।।
दिन (वार) – बुधवार के दिन तेल का मर्दन करने से अर्थात तेल लगाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है धन लाभ मिलता है। बुधवार का दिन विघ्नहर्ता गणेश का दिन हैं। इस दिन गणेशजी की पूजा अर्चना से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
बुधवार को सभी ग्रहो के राजकुमार बुध देव की आराधना करने से ज्ञान मिलता है, वाकपटुता में प्रवीणता आती है, धन लाभ होता है ।
बुधवार को गाय को हरा चारा खिलाने तथा रात को सोते समय फिटकरी से दाँत साफ करने से आर्थिक पक्ष मजबूत होता है ।
तिथि के स्वामी – द्वादशी तिथि के स्वामी भगवान श्री विष्णु जी और त्रयोदशी तिथि के स्वामी प्रेम के देवता कामदेव जी है।
नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- श्रवण नक्षत्र के देवता विष्णु और सरस्वती जी तथा स्वामी चंद्र देव जी है ।
दिशाशूल – बुधवार को उत्तर दिशा में दिशा शूल होता है । इस दिन कार्यों में सफलता के लिए घर से सुखा/हरा धनिया या तिल खाकर जाएँ ।
यात्रा शकुन-हरे फल खाकर अथवा दूध पीकर यात्रा पर निकलें।
आज का मंत्र-ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:।
आज का उपाय-शिवजी का दुग्धाभिषेक करें।
वनस्पति तंत्र उपाय- अपामार्ग के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
विशेष – त्रयोदशी तिथि को बैंगन और चतुर्दशी को शहद त्याज्य होता है। त्रयोदशी तिथि जयकारी और सर्वसिद्धिकारी तिथि मानी जाती है। इसके देवता मदन (कामदेव) हैं। जया नाम से विख्यात यह तिथि शुक्ल पक्ष में शुभ और कृष्ण पक्ष में अशुभ फलदायिनी होती है। शास्त्रानुसार भगवान कृष्ण और रुक्मिणी के पुत्र हैं भगवान कामदेव।
यदि द्वादशी तिथि सोमवार और शुक्रवार को पड़ती है तो मृत्युदा योग बनाती है। इस योग में शुभ कार्य करना वर्जित है। द्वादशी यदि रविवार के दिन पड़ती है तो क्रकच योग बनाती है, यह अशुभ माना जाता है, इसमें भी शुभ कार्य करना मना किया गया हैं।
लेकिन द्वादशी तिथि जब बुधवार को होती है तो सिद्धा कहलाती है, ऐसे समय में किये गए कार्य कार्य सिद्ध होते है।
द्वादशी तिथि में विष्टि करण होने के कारण इस तिथि को भद्रा तिथि भी कहते है।
द्वादशी तिथि के दिन विवाह, तथा अन्य शुभ कार्य किये जाते है लेकिन इस तिथि में नए घर का निर्माण, ग्रह प्रवेश करना मना किया जाता है ।


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