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कल हैं एकादशी व्रत, जाने आज का पंचाग व विशेष उपयोगी जानकारी पँ. श्रवण भारद्वाज के साथ

दिनांक – 08 मार्च 2021
वार – सोमवार
तिथि – दशमी 15:43 बजे तक तत्पश्चात एकादशी
पक्ष – कृष्ण
माह – फाल्गुन
नक्षत्र – पूर्वाषाढा 20:39:14
योग – व्यतीपात 13:48 बजे तक तत्पश्चात वरियान
करण – विष्टि भद्र 15:43 बजे तक तत्पश्चात बव
चन्द्र राशि – धनु
सूर्य राशि – कुम्भ
रितु – शिशिर
आयन – उत्तरायण
संवत्सर – शार्वरी
विक्रम संवत – 2077 विक्रम संवत
शाका संवत – 1942 शाका संवत
सूर्योदय – 06:52 बजे
सूर्यास्त – 18:37 बजे
दिन काल – 11 घण्टे 44 मिनट
रात्री काल – 12 घण्टे 14 मिनट
चंद्रास्त – 13:46 बजे
चंद्रोदय – 28:12 बजे
राहू काल – 08:21 – 09:49 अशुभ
अभिजित – 12:21 -13:08 शुभ

चोघडिया, दिन
अमृत – 06:53 – 08:21 शुभ
काल – 08:21 – 09:49 अशुभ
शुभ – 09:49 – 11:17 शुभ
रोग – 11:17 – 12:45 अशुभ
उद्वेग – 12:45 – 14:13 अशुभ
चर – 14:13 – 15:41 शुभ
लाभ – 15:41 – 17:09 शुभ
अमृत – 17:09 – 18:37 शुभ
चोघडिया, रात
चर – 18:37 – 20:09 शुभ
रोग – 20:09 – 21:41 अशुभ
काल – 21:41 – 23:13 अशुभ
लाभ – 23:13 – 24:44* शुभ
उद्वेग – 24:44* – 26:16* अशुभ
शुभ – 26:16* – 27:48* शुभ
अमृत – 27:48* – 29:20* शुभ
चर – 29:20* – 30:51* शुभ
महा मृत्युंजय मंत्र – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।
☄️ दिन (वार) – सोमवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से पुत्र का अनिष्ट होता है शिवभक्ति को भी हानि पहुँचती है अत: सोमवार को ना तो बाल और ना ही दाढ़ी कटवाएं ।
सोमवार के दिन भगवान शंकर की आराधना, अभिषेक करने से चन्द्रमा मजबूत होता है, काल सर्प दोष दूर होता है।
सोमवार का व्रत रखने से मनचाहा जीवन साथी मिलता है, वैवाहिक जीवन में लम्बा और सुखमय होता है।
जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए हर सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत या मीठा कच्चा दूध एवं काले तिल चढ़ाएं, इससे भगवान महादेव की कृपा बनी रहती है परिवार से रोग दूर रहते है ।
तिथि के स्वामी – दशमी तिथि के स्वामी यमराज जी और एकादशी तिथि के स्वामी भगवान विश्वदेव जी है।
नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के देवता (अष्ट वसुओं में से एक जल के देवता) और स्वामी शुक्र देव है।
दिशाशूल – सोमवार को पूर्व दिशा का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से दर्पण देखकर, दूध पीकर जाएँ ।
यात्रा शकुन- मीठा दूध पीकर यात्रा करें।
आज का मंत्र-ॐ सौं सोमाय नम:।
व्यतीपात योग – दोपहर 1 बजकर 48 मिनट तक
आज का उपाय-मंदिर में मखाने चढ़ाएं।
वनस्पति तंत्र उपाय- पलाश के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
विशेष – दशमी तिथि को कलम्बी एवं परवल का सेवन वर्जित है। एकादशी को चावल और दाल नहीं खाना चाहिए। दशमी तिथि धर्मिणी और धनदायक तिथि मानी जाती है। पूर्णा नाम से विख्यात यह तिथि शुक्ल व कृष्ण दोनों पक्षों में मध्यम फलदायिनी मानी जाती है। दशमी को धन और धर्म प्रदान करने वाली तिथि माना जाता है। इस तिथि में वाहन खरीदना एवं सरकारी कार्यालयों से सम्बन्धित कार्यों को आरम्भ करने के लिये अत्यंत शुभ माना जाता है।
शास्त्रों के अनुसार यमराज जी मृत्यु के देवता कहे गए हैं। यह भगवान सूर्य और उनकी पत्नी संज्ञा के पुत्र है, यमुना अर्थात (यमी) इनकी जुड़वां बहन और मनु इनके भाई कहे गए है। यमराज की पत्नी का नाम देवी धुमोरना तथा इनके पुत्र का नाम कतिला है।
यमराज जी का वाहन महिष / भैंसे को माना गया हैं। वे समस्त जीवों के शुभ अशुभ कर्मों का निर्णय करते हैं।
इस दिन इनकी पूजा करने, इनसे अपने पापो के लिए क्षमा माँगने से जीवन की समस्त बाधाएं दूर होती हैं, निश्चित ही सभी रोगों से छुटकारा मिलता है, नरक के दर्शन नहीं होते है अकाल मृत्यु के योग भी समाप्त हो जाते है।
इस तिथि को धर्मिणी भी कहा गया है। समान्यता यह तिथि धर्म और धन प्रदान करने वाली मानी गयी है । दशमी तिथि में नया वाहन खरीदना शुभ माना गया है।
एकादशी व्रत के लाभ
08 मार्च 2021 सोमवार को शाम 03:43 से 09 मार्च, मंगलवार को शाम 02:59 तक एकादशी है ।
विशेष – 09 मार्च, मंगलवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें ।
एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।
जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं ।इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है।
धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है
कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है।
परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है ।पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ ।भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।
एकादशी के दिन करने योग्य
एकादशी को दिया जला के विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें 🌿विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो १० माला गुरुमंत्र का जप कर लें l अगर घर में झगडे होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे
एकादशी के दिन ये सावधानी रहे
महीने में १५-१५ दिन में एकादशी आती है एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको चावल का तो त्याग करना चाहिए एकादशी के जो दिन चावल खाता है… तो धार्मिक ग्रन्थ से एक- एक चावल एक- एक कीड़ा खाने का पाप लगता है…ऐसा डोंगरे जी महाराज के भागवत में डोंगरे जी महाराज ने कहा–
आपका दिन शुभ व मंगलमय हो
पँ. श्रवण भारद्वाज (मोमासर)
8890785130


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