आज होगा व्यतिपात योग, जाने सम्पूर्ण जानकारी, महिमा व दैनिक पंचाग पँ. श्रवण भारद्वाज के साथ
दिनांक – 07 मार्च 2021
वार – रविवार
तिथी – नवमी 16:46 बजे तक
पक्ष – कृष्ण पक्ष
माह – फाल्गुन
नक्षत्र – मूल 20:58 बजे तक
योग – सिद्वि 15:50 बजे तक तत्पश्चात व्यतिपात योग शुरू
करण – गर 16:46 बजे तक तत्पश्चात वणिज
चन्द्र राशि – धनु
सूर्य राशि – कुम्भ
रितु – शिशिर
आयन – उत्तरायण
संवत्सर – शार्वरी
विक्रम संवत – 2077 विक्रम संवत
शाका संवत – 1942 शाका संवत
सूर्योदय – 06:53 बजे
सूर्यास्त – 18:36 बजे
दिन काल – 11 घण्टे 43 मिनट
रात्री काल – 12 घण्टे 16 मिनट
चंद्रास्त – 12:48 बजे
चंद्रोदय – 27:17 बजे
मुहूर्त
राहू काल – 17:09 – 18:37 अशुभ
अभिजित – 12:22 -13:09 शुभ
पंचक – नहीं
दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
चोघडिया, दिन
उद्वेग – 06:54 – 08:21 अशुभ
चर – 08:21 – 09:49 शुभ
लाभ – 09:49 – 11:17 शुभ
अमृत – 11:17 – 12:45 शुभ
काल – 12:45 – 14:13 अशुभ
शुभ – 14:13 – 15:41 शुभ
रोग – 15:41 – 17:09 अशुभ
उद्वेग – 17:09 – 18:37 अशुभ
चोघडिया, रात
शुभ – 18:37 – 20:09 शुभ
अमृत – 20:09 – 21:41 शुभ
चर – 21:41 – 23:13 शुभ
रोग – 23:13 – 24:45* अशुभ
काल – 24:45* – 26:17* अशुभ
लाभ – 26:17* – 27:49* शुभ
उद्वेग – 27:49* – 29:21* अशुभ
शुभ – 29:21* – 30:53* शुभ
विशेष – नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है।
रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।
रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।
रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।
स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।
व्यतिपात योग
व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका १ लाख गुना फल मिलता है।
वाराह पुराण में ये बात आती है व्यतिपात योग की।
व्यतिपात योग माने क्या कि देवताओं के गुरु बृहस्पति की धर्मपत्नी तारा पर चन्द्र देव की गलत नजर थी जिसके कारण सूर्य देव अप्रसन्न हुऐ नाराज हुऐ, उन्होनें चन्द्रदेव को समझाया पर चन्द्रदेव ने उनकी बात को अनसुना कर दिया तो सूर्य देव को दुःख हुआ कि मैने इनको सही बात बताई फिर भी ध्यान नही दिया और सूर्यदेव को अपने गुरुदेव की याद आई कि कैसा गुरुदेव के लिये आदर प्रेम श्रद्धा होना चाहिये पर इसको इतना नही थोडा भूल रहा है ये, सूर्यदेव को गुरुदेव की याद आई और आँखों से आँसु बहे वो समय व्यतिपात योग कहलाता है। और उस समय किया हुआ जप, सुमिरन, पाठ, प्रायाणाम, गुरुदर्शन की खूब महिमा बताई है वाराह पुराण में।
💥 विशेष ~ 07 मार्च 2021 रविवार को शाम 03:50 से 08 मार्च, सोमवार को दोपहर 01:47 तक तक व्यतीपात योग है।
शनि की पनौती हो तो
कोई आप को बोले की शनि की पनौती है तो हनुमान चालीसा पढ़ो और गुरु मंत्र का जप अच्छी तरह से करो शनि देवता गुरु भक्त है..शिवजी के शिष्य हैं ..वे किसी गुरु भक्त पर क्यों नाराज होंगे ।