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आज पंचमी बुधवार हैं, नहीं लागू होगा अभिजीत मुहूर्त, जाने आज का पंचाग व महत्वपूर्ण बातें पँ. श्रवण भारद्वाज के साथ –

दिनांक :- 03 मार्च 2021
वार :- बुधवार
तिथि :- पंचमी
पक्ष :- कृष्ण पक्ष
माह :- फाल्गुन
नक्षत्र :- स्वाति
योग :- ध्रुव
करण :- कौलव 13:38 बजे तक तत्पश्चात तैतुल
चन्द्र राशि :- तुला
सूर्य राशि :- कुम्भ
ऋतु :- शिशिर
आयन :- उत्तरायण
संवत्सर :- शार्वरी
विक्रम संवत :- 2077 विक्रम संवत
शाका संवत :- 1942 शाका संवत
सूर्योदय :- 06:57 बजे
सूर्यास्त :- 18:34 बजे
दिन काल :- 11 घण्टे 36 मिनट
रात्री काल :- 12 घण्टे 22 मिनट
चंद्रास्त :- 09:41 बजे
चंद्रोदय :- 22:59 बजे
राहू काल :- 12:46 – 14:13 अशुभ
अभिजित :- 12:23 -13:09 अशुभ
पंचक :- नहीं
दिशाशूल :- उत्तर दिशा में
समय मानक :- मोमासर (बीकानेर)
चोघडिया, दिन
लाभ :- 06:58 – 08:25 शुभ
अमृत :- 08:25 – 09:52 शुभ
काल :- 09:52 – 11:19 अशुभ
शुभ :- 11:19 – 12:46 शुभ
रोग :- 12:46 – 14:13 अशुभ
उद्वेग :- 14:13 – 15:40 अशुभ
चर :- 15:40 – 17:07 शुभ
लाभ :- 17:07 – 18:34 शुभ
चोघडिया, रात
उद्वेग :- 18:34 – 20:07 अशुभ
शुभ :- 20:07 – 21:40 शुभ
अमृत :- 21:40 – 23:13 शुभ
चर :- 23:13 – 24:45* शुभ
रोग :- 24:45* – 26:18* अशुभ
काल :- 26:18* – 27:51* अशुभ
लाभ :- 27:51* – 29:24* शुभ
उद्वेग :- 29:24* – 30:57* अशुभ
विशेष – पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है।
ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात ।।
दिन (वार) – बुधवार के दिन तेल का मर्दन करने से अर्थात तेल लगाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है धन लाभ मिलता है। बुधवार का दिन विघ्नहर्ता गणेश का दिन हैं। इस दिन गणेशजी की पूजा अर्चना से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
बुधवार को सभी ग्रहो के राजकुमार बुध देव की आराधना करने से ज्ञान मिलता है, वाकपटुता में प्रवीणता आती है, धन लाभ होता है ।
बुधवार को गाय को हरा चारा खिलाने तथा रात को सोते समय फिटकरी से दाँत साफ करने से आर्थिक पक्ष मजबूत होता है ।
तिथि के स्वामी – पंचमी तिथि के स्वामी नाग देवता है।
नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- अश्विनी नक्षत्र के देवता अश्विनीकुमार जी और नक्षत्र के स्वामी केतु जी है ।
दिशाशूल – बुधवार को उत्तर दिशा में दिशा शूल होता है । इस दिन कार्यों में सफलता के लिए घर से सुखा/हरा धनिया या तिल खाकर जाएँ ।
यात्रा शकुन-हरे फल खाकर अथवा दूध पीकर यात्रा पर निकलें।
आज का मंत्र-ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:।
आज का उपाय-किसी बटुक को कांस्य पात्र दान करें।
वनस्पति तंत्र उपाय- अपामार्ग के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
विशेष – पञ्चमी को बिल्वफल एवं षष्ठी तिथि को तैल कर्म अर्थात शरीर में तेल मालिश करना या करवाना त्याज्य बताया गया है। पञ्चमी तिथि को खट्टी वस्तुओं का दान और भक्षण दोनों त्याज्य है। पञ्चमी तिथि धनप्रद एवं शुभ तिथि मानी जाती है। इसके स्वामी नागराज वासुकी हैं तथा पूर्णा नाम से विख्यात यह तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ और कृष्ण पक्ष में शुभ फलदायीनी मानी जाती है।
⚜️ पंचमी जब शनिवार के दिन होती है, तो वह मृत्युदा योग बनाती है। यह अशुभ योग माना गया है।
जब पंचमी तिथि गुरुवार के दिन होती है तो बहुत ही शुभ सिद्धिदा योग बनता है। शास्त्रों के अनुसार सिद्धिदा योग में किए गए कार्य श्रेष्ठ फल प्रदान करते है।
प्रत्येक पंचमी के दिन नागो के अति पवित्र और पुण्यदायक नमो 1. अनंत (शेषनाग ), 2. वासुकि, 3. तक्षक, 4. कर्कोटक, 5. पद्म, 6. महापद्म, 7. शंख, 8. कुलिक, 9. धृतराष्ट्र और 10. कालिया का उच्चारण करने से काल सर्प दोष दूर होता है, कोई भी भय निकट नहीं रहता है, बल और साहस की प्राप्ति होती है ।
पंचमी को सर्पों (नाग) के पौराणिक नाम अनंत, वासुकि, तक्षक, कर्कोटल, पिंगल का कम से कम 11 बार उच्चारण अवश्य ही करें।
पंचमी तिथि पूर्णा तिथियों की श्रेणी में आती है, इस तिथि में समस्त शुभ कार्य सिद्ध होते हैं, किन्तु पंचमी तिथि को कर्ज नहीं देना चाहिए।
लक्ष्मी की चाहवाले किनसे बचें
भगवान श्रीहरि कहते हैं : “जो अशुद्ध ह्रदयवाला, क्रूर, हिंसक, दूसरों की निंदा करनेवाला होता है, उसके घर से भगवती लक्ष्मी चली जाती हैं ।
जो नखों से निष्प्रयोजन तिनका तोड़ता है अथवा नखों से भूमि को कुरेदता रहता है उसके घर से मेरी प्रिय लक्ष्मी चली जाती हैं ।
जो सूर्योदय के समय भोजन, दिन में शयन तथा दिन में मैथुन करता है उसके यहाँ से मेरी प्रिया लक्ष्मी चली जाती हैं ।


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