जयपुर – चांदी चुराने के लिए खरीदा 97 लाख का प्लाट, फिर बनाई 26 फुट लम्बी सुरंग, चार गिरफ्तार
राजस्थान की राजधानी जयपुर के वैशाली नगर में चोरों ने एक घर के बेसमेंट तक पहुंचने के लिए 26 फीट लंबी और 10 फीट चौड़ी सुरंग बना डाली. इस सुरंग के जरिए चोरों ने घर में प्रवेश किया और वहां से चांदी का बक्सा चुरा लिया. पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि इस चोरी का मास्टर माइंड पीड़ित परिवार का रिश्तेदार अभी पुलिस की चुंगल से दूर है.
जयपुर के वैशाली नगर में रहने वाले डॉ. सुनीत सोनी के घर में सुरंग बनाकर चांदी के बॉक्स चोरी कर लिया गया. पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए बनवारी लाल, कालूराम, केदार जाट और रामकरण को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन चांदी चोरी प्रकरण का मास्टरमाइंड शेखर अग्रवाल और उसका भांजा जतिन जैन अभी भी पुलिस गिरफ्त से दूर हैं
मामले का खुलासा करते हुए एडिशनल कमिश्नर अजय पाल लांबा ने बताया कि 24 फरवरी को वैशाली के रहने वाले डॉक्टर सुनील सोनी ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि उनके घर के बेसमेंट में अज्ञात चोरों ने 26 फीट लंबी और 10 फीट गहरी सुरंग खोदकर एक चांदी का बॉक्स चुरा लिया है.
बॉक्स में चांदी की करीब 18 सिल्लियां थीं. हालांकि इसकी कीमत कितनी है इसका जवाब ना तो डॉक्टर दे पाए और न ही पुलिस. अब तक की जांच में सामने आया कि शेखर अग्रवाल, डॉ. सुनीत सोनी का बेहद करीबी था और आरोपी शेखर अग्रवाल ने ही अपने भांजे जतिन जैन के साथ इस चोरी की वारदात को अंजाम दिया.
दरअसल, शेखर अग्रवाल डॉ. सुनील सोनी को सोना चांदी सप्लाई करने का काम करता था. शेखर अग्रवाल को अच्छे से पता था कि डॉक्टर ने बेसमेंट में किस जगह चांदी के बॉक्स गाढ़े हैं, इसीलिए आरोपी शेखर अग्रवाल ने कोठी के पीछे खाली प्लाट को 97 लाख में खरीदा और 3 महीने तक सुरंग खोदकर वारदात को अंजाम दिया. ऐसा बताया जा रहा है कि बेसमेंट में चांदी के कुछ और भी बॉक्स भी थे, जिसे चोरी करने में आरोपी नाकामयाब हो गए. वहीं पुलिस ने जिन चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है उनमें से बनवारी के नाम पर आरोपी शेखर ने 97 लाख का प्लॉट खरीदा था. वहीं अन्य 3 आरोपियों ने सुरंग खोदने में मदद की थी.
बताया जा रहा है कि मास्टरमाइंड जतिन जैन पहले बैंकाक में गोल्ड तस्करी के मामले में गिरफ्तार हो चुका है.माना जा रहा है कि वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी शेखर अग्रवाल ने अपने कर्जदारों को यह चांदी बांट दी, क्योंकि पुलिस की तफ्तीश में सामने आया है कि आरोपी शेखर अग्रवाल पर करोड़ों रुपये का कर्जा था, इसी कर्जे को उतारने के लिए उसने इस वारदात की रूपरेखा तैयार की थी.