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आज हैं रथ सप्तमी, अचला सप्तमी, छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती, श्री नर्मदा जयंती, भीष्म तर्पण जाने आज का पंचाग

दिनांक :- 19 फरवरी 2021
वार :- शुक्रवार
तिथि :- सप्तमी 10:57 बजे तक
पक्ष :- शुक्ल
माह :- माघ
नक्षत्र :- कृत्तिका
चन्द्र राशि :- मेष 09:39 बजे तक तत्पश्चात वृषभ
सूर्य राशि :- कुम्भ
रितु :- शिशिर
आयन :- उत्तरायण
संवत्सर :- शार्वरी
विक्रम संवत :- 2077 विक्रम संवत
शाका संवत :- 1942 शाका संवत
सूर्योदय :- 07:09 बजे
सूर्यास्त :- 18:26 बजे
दिन काल :- 11 घण्टे 17 मिनट
रात्री काल :- 12 घण्टे 42 मिनट
चंद्रोदय :- 11:31 बजे
चंद्रास्त :- 25:17 बजे
राहू काल :- 11:23 – 12:48 अशुभ
अभिजित :- 12:25 -13:11 शुभ
पंचक :- नहीं
दिशाशूल :- पश्चिम दिशा में
समय मानक :- मोमासर (बीकानेर) राज.
चोघडिया, दिन
चर :- 07:10 – 08:34 शुभ
लाभ :- 08:34 – 09:59 शुभ
अमृत :- 09:59 – 11:23 शुभ
काल :- 11:23 – 12:48 अशुभ
शुभ :- 12:48 – 14:13 शुभ
रोग :- 14:13 – 15:37 अशुभ
उद्वेग :- 15:37 – 17:02 अशुभ
चर :- 17:02 – 18:26 शुभ
चोघडिया, रात
रोग :- 18:26 – 20:02 अशुभ
काल :- 20:02 – 21:37 अशुभ
लाभ :- 21:37 – 23:12 शुभ
उद्वेग :- 23:12 – 24:47* अशुभ
शुभ :- 24:47* – 26:23* शुभ
अमृत :- 26:23* – 27:58* शुभ
चर :- 27:58* – 29:33* शुभ
रोग :- 29:33* – 31:09* अशुभ
💥 विशेष – सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है था शरीर का नाश होता है।
ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोद यात् ॐ॥
🌌 दिन (वार) – शुक्रवार के दिन दक्षिणावर्ती शंख से भगवान विष्णु पर जल चढ़ाकर उन्हें पीले चन्दन अथवा केसर का तिलक करें। इस उपाय में मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं।
शुक्रवार के दिन नियम पूर्वक धन लाभ के लिए लक्ष्मी माँ को अत्यंत प्रिय “श्री सूक्त”, “महालक्ष्मी अष्टकम” एवं समस्त संकटो को दूर करने के लिए “माँ दुर्गा के 32 चमत्कारी नमो का पाठ” अवश्य ही करें ।
शुक्रवार के दिन माँ लक्ष्मी को हलवे या खीर का भोग लगाना चाहिए ।
शुक्रवार के दिन शुक्र ग्रह की आराधना करने से जीवन में समस्त सुख, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है बड़ा भवन, विदेश यात्रा के योग बनते है।
✏️ तिथि का स्वामी – सप्तमी तिथि के स्वामी भगवान सूर्य देव और अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान शंकर जी है ।
🪙 नक्षत्र के स्वामी – कृतिका नक्षत्र के देवता अग्नि देव और स्वामी सूर्य देव जी है।
⚜️ दिशाशूल – शुक्रवार को पश्चिम दिशा का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से दही खाकर जाएँ ।
🚕 यात्रा शकुन- शुक्रवार को मीठा दही खाकर यात्रा पर निकलें।
👉🏼 आज का मंत्र-ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:।
🤷🏻‍♀️ आज का उपाय-नर्मदा जी में दीपदान करें।
🌴 वनस्पति तंत्र उपाय-गूलर के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
✍🏼 विशेष – सप्तमी तिथि को आँवला एवं अष्टमी को नारियल त्याज्य बताया गया है। सप्तमी तिथि मित्रप्रद एवं शुभ तिथि मानी जाती है। इस तिथि के स्वामी भगवान सूर्य हैं तथा भद्रा नाम से विख्यात यह तिथि शुक्ल एवं कृष्ण दोनों पक्षों में मध्यम फलदायीनी मानी जाती है। इस तिथि को सुबह सर्वप्रथम स्नान करके भगवान सूर्य को सूर्यार्घ देकर उनका पूजन करना चाहिये। उसके बाद आदित्यह्रदयस्तोत्रम् का पाठ करना चाहिये। इससे जीवन में सुख, समृद्धि, हर्ष, उल्लास एवं पारिवारिक सुखों कि सतत वृद्धि होती है एवं सभी कामनाओं की पूर्ति होती है।
⚜️ ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सप्तमी तिथि को मां कालरात्रि की पूजा का भी दिन माना जाता है, जो समस्त संकटों का नाश करने वाली हैं। अत: इस दिन माँ काली की आराधना, स्मरण अवश्य करें ।
सप्तमी के दिन माँ काली जी के मन्त्र “ॐ क्रीं काल्यै नमः” का जाप करने से समस्त भय और संकट दूर होते है।
सप्तमी तिथि के दिन उत्साह से भरे, शुभ मंगल कार्य करना शुभ माना जाता है। किसी नए स्थान की यात्रा करना, नए कार्यो को करने के लिए भी यह तिथि शुभ मानी जाती है।
नए वस्त्र एवं गहनों को धारण करना, विवाह, नृत्य- संगीत जैसे काम करना भी इस दिन उत्तम होता है। चूड़ा कर्म, अन्नप्राशन, उपनयन जैसे शुभ संस्कार इस तिथि समय पर किए जाते हैं।
सप्तमी को काले, नीले वस्त्रो को धारण नहीं करना चाहिए। सप्तमी का विशेष नाम ‘मित्रपदा’ है।


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