आज हैं सर्वार्थसिद्धि योग, अमृतसिद्धि योग एवं कल हैं प्रदोष व्रत, जाने आज का पंचाग भारद्वाज श्रवण सारस्वत के साथ
🌞आज का पंचाग🌞
आज हैं सर्वार्थसिद्धि योग, अमृतसिद्धि योग एवं कल हैं प्रदोष व्रत, जाने आज का पंचाग भारद्वाज श्रवण सारस्वत के साथ –
दिनांक :- 25 जनवरी 2021
वार :- सोमवार
तिथि :- द्वादशी
पक्ष :- शुक्ल
माह :- पौष
नक्षत्र :- मृगशीर्षा
योग :- ऐन्द्र
करण :- बव 11:45 तक तत्पश्चात बालव
चन्द्र राशि :- वृषभ 13:01 बजे तक तत्पश्चात मिथुन
सूर्य राशि :- मकर
रितु :- हेमंत
आयन :- उत्तरायण
संवत्सर :- शार्वरी
विक्रम संवत :- 2077 विक्रम संवत
शाका संवत :- 1942 शाका संवत
सूर्योदय :- 07:24 बजे
सूर्यास्त :- 18:14 भे
दिन काल :- 10 घण्टे 49 मिनट
रात्री काल :- 13 घण्टे 10 मिनट
चंद्रोदय :- 15:07 बजे
चंद्रास्त :- 29:17 बजे
राहू काल :- 08:46 – 10:07 अशुभ
अभिजित :- 12:28 -13:11 शुभ
पंचक :- नहीं
दिशाशूल :- पूर्व दिशा में
समय मानक :- पाली (राजस्थान)
चौघड़िया, दिन
अमृत :- 07:24 – 08:46 शुभ
काल :- 08:46 – 10:07 अशुभ
शुभ :- 10:07 – 11:28 शुभ
रोग :- 11:28 – 12:49 अशुभ
उद्वेग :- 12:49 – 14:10 अशुभ
चर :- 14:10 – 15:32 शुभ
लाभ :- 15:32 – 16:53 शुभ
अमृत :- 16:53 – 18:14 शुभ
चोघडिया, रात
चर :- 18:14 – 19:53 शुभ
रोग :- 19:53 – 21:31 अशुभ
काल :- 21:31 – 23:10 अशुभ
लाभ :- 23:10 – 24:49* शुभ
उद्वेग :- 24:49* – 26:28* अशुभ
शुभ :- 26:28* – 28:07* शुभ
अमृत :- 28:07* – 29:45* शुभ
चर :- 29:45* – 31:24* शुभ
💥 विशेष – द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है।
रुद्र गायत्री मंत्र : ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात् ॥
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🌌 दिन (वार) – सोमवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए हर सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत या मीठा कच्चा दूध एवं काले तिल चढ़ाएं, इससे भगवान महादेव की कृपा बनी रहती है परिवार से रोग दूर रहते है ।
सोमवार का व्रत रखने से मनचाहा जीवन साथी मिलता है, वैवाहिक जीवन में लम्बा और सुखमय होता है।
जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए हर सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत या मीठा कच्चा दूध एवं काले तिल चढ़ाएं, इससे भगवान महादेव की कृपा बनी रहती है परिवार से रोग दूर रहते है ।
✏️ तिथि के स्वामी – द्वादशी तिथि के स्वामी भगवान श्री हरि, श्री विष्णु जी है ।
💫 नक्षत्र – मॄगशिरा
🪙 नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- मृगशिरा नक्षत्र के देवता ‘चंद्र देव’ एवं नक्षत्र स्वामी: ‘मंगळ देव’ जी है ।
⚜️ दिशाशूल – सोमवार को पूर्व दिशा का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से दर्पण देखकर, दूध पीकर जाएँ ।
🚕 यात्रा शकुन- मीठा दूध पीकर यात्रा करें।
👉🏼 आज का मंत्र- ‘ॐ सौं सोमाय नम:’।
💁🏻♀️ आज का उपाय- मंदिर में चावल चढ़ाएं।
🌴 वनस्पति तंत्र उपाय- पलाश के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
✍🏼 विशेष – द्वादशी तिथि को मसूर एवं त्रयोदशी तिथि को बैंगन नहीं खाना चाहिये। ये इन तिथियों में त्याज्य बताया गया है। द्वादशी तिथि के स्वामी भगवान श्री हरि नारायण हैं। आज के दिन भगवान नारायण का श्रद्धा-भाव से किया गया पूजन, उनके नाम एवं स्तोत्रों (विष्णुसहस्रनाम) के पाठ एवं जप से धन, यश एवं प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है।
वास्तु शास्त्र में आज जानिए घर में पैसों की प्राप्ति और बरकत के बारे में। एक कांच के पात्र में या कटोरी में थोड़ा-सा मोटा नमक लें और उस कटोरी में नमक के साथ चार-पांच लौंग भी रखें। इसे आप घर के किसी भी एक कोने में रख सकते हैं। इस उपाय को करने से धन की आवक शुरू होगी और घर की चीज़ों में बरकत भी बनी रहेगी। कांच की कटोरी में नमक रखने से जहां एक तरफ घर में धन की कमी दूर होगी तो दूसरी तरफ पूरा घर एक अलग ही सुगंध से महक उठेगा और घर में सुख-शांति बनी रहेगी।इसके अलावा यदि बाथरूम संबंधी कोई वास्तु दोष है तो कटोरी में क्रिस्टल नमक लेकर बाथरूम में ही किसी ऐसी जगह पर रख दें जहां पर किसी के हाथ उस पर न पड़े और कुछ-कुछ दिनों में कटोरी में से नमक को बदल दें।
⚜️ द्वादशी तिथि के दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना अत्यन्त श्रेयकर होता है। द्वादशी के दिन ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मन्त्र की एक माला का जाप अवश्य करें ।
भगवान विष्णु के भक्त बुध ग्रह का जन्म भी द्वादशी तिथि के दिन माना जाता है। इस दिन विष्णु भगवान के पूजन से बुध ग्रह भी मजबूत होता है ।
यदि द्वादशी तिथि सोमवार और शुक्रवार को पड़ती है तो मृत्युदा योग बनाती है। इस योग में शुभ कार्य करना वर्जित है। द्वादशी यदि रविवार के दिन पड़ती है तो क्रकच योग बनाती है, यह अशुभ माना जाता है, इसमें भी शुभ कार्य करना मना किया गया हैं।
लेकिन द्वादशी तिथि जब बुधवार को होती है तो सिद्धा कहलाती है, ऐसे समय में किये गए कार्य कार्य सिद्ध होते है।
द्वादशी तिथि में विष्टि करण होने के कारण इस तिथि को भद्रा तिथि भी कहते है।
द्वादशी तिथि के दिन विवाह, तथा अन्य शुभ कार्य किये जाते है लेकिन इस तिथि में नए घर का निर्माण, ग्रह प्रवेश करना मना किया जाता है ।
सोमवार को भगवान शिव का दर्शन एवं पूजन अवश्य करना चाहिए। कच्चा दूध, शहद, काला तिल, बिल्वपत्र एवं पञ्चामृत शिवलिंग पर चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा सदैव बनी रहती है घर में कोई रोगी नहीं होता एवं सभी मनोकामनाओं की सिद्धि तत्काल होती है।_