आज का पंचाग दिनांक :- 22 जनवरी 2021 वार :- शुक्रवार
🌞आज का पंचाग🌞
दिनांक :- 22 जनवरी 2021
वार :- शुक्रवार
तिथि :- नवमी 18:28 बजे तक
पक्ष :- शुक्ल पक्ष
माह :- पौष
नक्षत्र :- भरणी 18:39 बजे तक तत्पश्चात कृतिका नक्षत्र शुरू
योग :- शुभ
करण :- कौलव
चन्द्र राशि :- मेष
सूर्य राशि :- मकर
रितु :- हेमंत
आयन :- उत्तरायण
संवत्सर :- शार्वरी
विक्रम संवत :- 2077 विक्रम संवत
शाका संवत :- 1942 शाका संवत
सूर्योदय :- 07:26 बजे
सूर्यास्त :- 18:05 बजे
दिन काल :- 10 घण्टे 38 मिनट
रात्री काल :- 13 घण्टे 22 मिनट
चंद्रोदय :- 12:59 बजे
चंद्रास्त :- 26:33 बजे
राहू काल :- 11:26 – 12:46 अशुभ
अभिजित :- 12:24 -13:07 शुभ
पंचक :- नहीं
समय मानक :- मोमासर (बीकानेर) राज.
दिशाशूल :- पश्चिम
चोघडिया, दिन
चर :- 07:27 – 08:46 शुभ
लाभ :- 08:46 – 10:06 शुभ
अमृत :- 10:06 – 11:26 शुभ
काल :- 11:26 – 12:46 अशुभ
शुभ :- 12:46 – 14:05 शुभ
रोग :- 14:05 – 15:25 अशुभ
उद्वेग :- 15:25 – 16:45 अशुभ
चर :- 16:45 – 18:05 शुभ
चोघडिया, रात
रोग :- 18:05 – 19:45 अशुभ
काल :- 19:45 – 21:25 अशुभ
लाभ :- 21:25 – 23:05 शुभ
उद्वेग :- 23:05 – 24:46* अशुभ
शुभ :- 24:46* – 26:26* शुभ
अमृत :- 26:26* – 28:06* शुभ
चर :- 28:06* – 29:46* शुभ
रोग :- 29:46* – 31:26* अशुभ
💥 विशेष – नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है।
ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥
🌌 दिन (वार) – शुक्रवार के दिन दक्षिणावर्ती शंख से भगवान विष्णु पर जल चढ़ाकर उन्हें पीले चन्दन अथवा केसर का तिलक करें। इस उपाय में मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं।
शुक्रवार के दिन नियम पूर्वक धन लाभ के लिए लक्ष्मी माँ को अत्यंत प्रिय “श्री सूक्त”, “महालक्ष्मी अष्टकम” एवं समस्त संकटो को दूर करने के लिए “माँ दुर्गा के 32 चमत्कारी नमो का पाठ” अवश्य ही करें ।
शुक्रवार के दिन माँ लक्ष्मी को हलवे या खीर का भोग लगाना चाहिए ।
शुक्रवार के दिन शुक्र ग्रह की आराधना करने से जीवन में समस्त सुख, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है बड़ा भवन, विदेश यात्रा के योग बनते है।
📆 नवमी तिथि की स्वामिनी माँ दुर्गा जी और दशमी तिथि के स्वामी दक्षिण दिशा के स्वामी यमराज जी है ।
🪙 नक्षत्र के स्वामी – भरणी नक्षत्र के देवता यमराज जी और नक्षत्र के स्वामी शुक्र जी है।
⚜️ दिशाशूल – शुक्रवार को पश्चिम दिशा का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से दही खाकर जाएँ ।
❄️ रवि योग पूरा दिन
🚕 यात्रा शकुन- शुक्रवार को मीठा दही खाकर यात्रा पर निकलें।
👉🏼 आज का मंत्र-ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:।
🤷🏻♀️ आज का उपाय-मंदिर में खीर अर्पित करें।
🌴 वनस्पति तंत्र उपाय-गूलर के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
✍🏼 विशेष – नवमी तिथि के दिन लौकी का सेवन नहीं करना चाहिए, नवमी को लौकी का सेवन गौ मांस का सेवन करने के बराबर माना गया है
⚜️ शास्त्रों के अनुसार यमराज जी मृत्यु के देवता कहे गए हैं। यह भगवान सूर्य और उनकी पत्नी संज्ञा के पुत्र है, यमुना अर्थात (यमी) इनकी जुड़वां बहन और मनु इनके भाई कहे गए है। यमराज की पत्नी का नाम देवी धुमोरना तथा इनके पुत्र का नाम कतिला है।
यमराज जी का वाहन महिष / भैंसे को माना गया हैं। वे समस्त जीवों के शुभ अशुभ कर्मों का निर्णय करते हैं।
इस दिन इनकी पूजा करने, इनसे अपने पापो के लिए क्षमा माँगने से जीवन की समस्त बाधाएं दूर होती हैं, निश्चित ही सभी रोगों से छुटकारा मिलता है, नरक के दर्शन नहीं होते है अकाल मृत्यु के योग भी समाप्त हो जाते है
इस तिथि को धर्मिणी भी कहा गया है। समान्यता यह तिथि धर्म और धन प्रदान करने वाली मानी गयी है ।
दशमी तिथि में नया वाहन खरीदना शुभ माना गया है। इस तिथि को सरकार से संबंधी कार्यों का आरम्भ किया जा सकता है।
यमराज जी का समस्त रोगों को बाधाओं को दूर करने वाले मन्त्र :- “ॐ क्रौं ह्रीँ आं वैवस्वताय धर्मराजाय भक्तानुग्रहकृते नम : “॥ की एक माला का जाप अथवा कम से कम 21 बार इस मन्त्र का जाप करें ।