आज नहीं होगा अभिजीत मुहूर्त लागू, पंचक समाप्ति आज 12:36 बजे एवं अनेक उपयोगी बाते भारद्वाज श्रवण सारस्वत के साथ
🌞आज का पंचाग🌞
दिनांक :- 20 जनवरी 2021
वार :- बुधवार
तिथि :- सप्तमी 13:14 बजे तक तत्पश्चात अष्टमी शुरू
पक्ष :- शुक्ल
माह :- पौष
नक्षत्र :- रेवती 12:35 बजे तक तत्पश्चात अश्विनी नक्षत्र शुरू
योग :- सिद्ध
करण :- वणिज 13:14 बजे तक तत्पश्चात विष्टि भद्र
चन्द्र राशि :- मीन 12:35 बजे तक तत्पश्चात मेष राशि मे चन्द्रमा ( पंचक समाप्ति)
सूर्य राशि :- मकर
ऋतु :- हेमंत
आयन :- उत्तरायण
संवत्सर :- शार्वरी
विक्रम संवत :- 2077 विक्रम संवत
शाका संवत :- 1942 शाका संवत
सूर्योदय :- 07:27 बजे
सूर्यास्त :- 18:03 बजे
दिन काल :- 10 घण्टे 36 मिनट
रात्री काल :- 13 घण्टे 24 मिनट
चंद्रोदय :- 11:58 बजे
चंद्रास्त :- 24:47 बजे
राहू काल :- 12:45 – 14:05 अशुभ
अभिजित :- 12:24 -13:06 अशुभ
पंचक :- 12:36 बजे तक
समय मानक :- मोमासर (बीकानेर)
दिशाशूल :- उत्तर दिशा में
चोघडिया, दिन
लाभ :- 07:27 – 08:47 शुभ
अमृत :- 08:47 – 10:06 शुभ
काल :- 10:06 – 11:26 अशुभ
शुभ :- 11:26 – 12:45 शुभ
रोग :- 12:45 – 14:05 अशुभ
उद्वेग :- 14:05 – 15:24 अशुभ
चर :- 15:24 – 16:44 शुभ
लाभ :- 16:44 – 18:03 शुभ
चोघडिया, रात
उद्वेग :- 18:03 – 19:44 अशुभ
शुभ :- 19:44 – 21:24 शुभ
अमृत :- 21:24 – 23:05 शुभ
चर :- 23:05 – 24:45* शुभ
रोग :- 24:45* – 26:26* अशुभ
काल :- 26:26* – 28:06* अशुभ
लाभ :- 28:06* – 29:47* शुभ
उद्वेग :- 29:47* – 31:27* अशुभ
💥 विशेष – सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है तथा शरीर का नाश होता है।
ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात ।।
बुधवार के दिन तेल का मर्दन करने से अर्थात तेल लगाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है धन लाभ मिलता है। बुधवार का दिन विघ्नहर्ता गणेश का दिन हैं। इस दिन गणेशजी की पूजा अर्चना से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
बुधवार को सभी ग्रहो के राजकुमार बुध देव की आराधना करने से ज्ञान मिलता है, वाकपटुता में प्रवीणता आती है, धन लाभ होता है ।
बुधवार को गाय को हरा चारा खिलाने तथा रात को सोते समय फिटकरी से दाँत साफ करने से आर्थिक पक्ष मजबूत होता है ।
📝 तिथि का स्वामी – सप्तमी तिथि के स्वामी भगवान सूर्य देव और अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान भोलेनाथ जी है।
🪙 नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- रेवती नक्षत्र का स्वामी बुद्धि के कारक बुध देव जी एवं इस नक्षत्र के देवता “पूषा” हैं जो सूर्य भगवान का ही एक रूप है।
⚜️ दिशाशूल – बुधवार को उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो, यात्रा करनी ही हो तो धनिया, तिल की वस्तु, ईलायची अथवा पिस्ता खाकर यात्रा कर सकते है।
🚗 यात्रा शकुन-हरे फल खाकर अथवा दूध पीकर यात्रा पर निकलें।
👉🏼 आज का मंत्र-ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:।
🤷🏻♀️ आज का उपाय-किसी बटुक को धर्मशास्त्र दान करें।
🌴 वनस्पति तंत्र उपाय- अपामार्ग के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
✍🏼 विशेष – सप्तमी तिथि को आँवला एवं अष्टमी को नारियल त्याज्य बताया गया है। सप्तमी तिथि मित्रप्रद एवं शुभ तिथि मानी जाती है। इस तिथि के स्वामी भगवान सूर्य हैं तथा भद्रा नाम से विख्यात यह तिथि शुक्ल एवं कृष्ण दोनों पक्षों में मध्यम फलदायीनी मानी जाती है। इस तिथि को सुबह सर्वप्रथम स्नान करके भगवान सूर्य को सूर्यार्घ देकर उनका पूजन करना चाहिये। उसके बाद आदित्यह्रदयस्तोत्रम् का पाठ करना चाहिये। इससे जीवन में सुख, समृद्धि, हर्ष, उल्लास एवं पारिवारिक सुखों कि सतत वृद्धि होती है एवं सभी कामनाओं की पूर्ति होती है।
⚜️ सोमवार और शुक्रवार कि सप्तमी विशेष रूप से शुभ फलदायी नहीं मानी जाती बाकी दिनों कि सप्तमी सभी कार्यों के लिये शुभ फलदायी मानी जाती है। सप्तमी को भूलकर भी नीला वस्त्र धारण नहीं करना चाहिये तथा ताम्बे के पात्र में भोजन भी नहीं करना चाहिये। सप्तमी को फलाहार अथवा मीठा भोजन विशेष रूप से नमक के परित्याग करने से भगवान सूर्यदेव कि कृपा सदैव बनी रहती है।
सप्तमी तिथि को मां कालरात्रि की पूजा का भी दिन माना जाता है, जो समस्त संकटों का नाश करने वाली हैं। अत: इस दिन माँ काली की आराधना, स्मरण अवश्य करें ।
सप्तमी के दिन माँ काली जी के मन्त्र “ॐ क्रीं काल्यै नमः” का जाप करने से समस्त भय और संकट दूर होते है।
रसोई घर में इस बात का अवश्य ही ध्यान रहे कि खाना बनाने का चूल्हा आग्नेय कोण में ही होना चाहिए ।
चूल्हा ईशान कोण या उत्तर में भूलकर भी ना रखे । ईशान कोण में चूल्हा होने से संतान पर बुरा प्रभाव पड़ता है , धन हानि के साथ अपयश का सामना भी करना पड़ सकता है और उत्तर दिशा में जो कि कुबेर की दिशा है चूल्हा रखने से तमाम प्रयास के बाद भी जीवन में असफलता ही हाथ लगती है, राजा भी रंक हो सकता है ।
रसोई घर में खाना बनाने का चूल्हा दीवार से 2 -3 इंच की दूरी बनकर रखना चाहिए दीवार से सटा कर नहीं।
रसोई घर में खाना बनाने वाले व्यक्ति का मुँख पूर्व की ओर होना चाहिए, इससे खाना पौष्टिक बनता है और खाने वालो का स्वास्थ्य ही ठीक रहता है ।
वास्तु के अनुसार रसोई घर की कोई भी दिवार शौचालय के साथ नहीं लगी होनी चाहिए और रसोईघर, शौचालय या बाथरूम के ऊपर या नीचे भी नहीं होना चाहिए।
अगर आप अमावस्या के दिन पीली त्रिकोण आकृति की पताका विष्णु मन्दिर में ऊँचाई वाले स्थान पर इस प्रकार लगाएँ कि वह लगातार लहराती रहे, तो शीघ्र ही आपका भाग्य चमक उठेगा । लगातार स्थाई लाभ हेतु यह ध्यान रहे की झंडा वहाँ लगा रहना चाहिए। उसे आप समय समय पर स्वयं बदल भी सकते है ।
जो व्यक्ति नहाते हुए अथवा पैर धोते हुए पैर से पैर को रगड़कर साफ करता है, सर पर तेल लगाने के बाद हाथों में बचे हुए तेल को मुंह, कलाइयों या बाजुओं में रगड़ता है, नोटों को थूक लगा कर गिनता है । उसे हमेशा धन का संकट बना रहता है ।