प्रतिबंध के बावजूद अवैध लाल ईंट भट्ठों का कारोबार तेजी से संचालित
*दीपक कुमार प्रिया*
* छत्तीसगढ़*।
क्षेत्र में संचालित अवैध लाल ईंट भट्ठों का कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रशासन की अनदेखी के कारण इन ईंट भट्ठा संचालकों के हौसले बुलंद हैं तथा वे प्रतिबंधित लाल ईंटों का उत्पादन खुलेआम कर रहे है, जबकि दर्जनों ईंट भट्ठों पर प्रशासन की नजर नहीं पड़ी, जो इस प्रशासनिक कार्रवाई पर संदेह उत्पन्न करती है
उसमें ग्राम पहदा,पिकरी,टाड़ीपार,में ईट भट्ठे शामिल हैं क्षेत्र में कई जगहों पर अवैध रूप से बड़े-बड़े ईंट भट्टे संचालित हो रहे है, लेकिन अब तक प्रशासन उन जगहों पर नहीं पहुंच पाई है। सिर्फ छोटे भट्टो पर ही कार्रवाई की गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर के निकट पहदा, पिकरी, टाड़ीपार , डोमाडी सहित क्षेत्र में लगभग दर्जनों की तादाद में अवैध ईट भट्ठे चल रहे हैं। इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से इनके हौसले बुलंद है।
शासन द्वारा विगत कुछ वर्षो से लाल ईंट पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया गया है। फिर भी यह कार्य क्षेत्र में अनवरत जारी है। चूंकि इन भट्ठों की वजह से पर्यावरण का भी बेहद नुकसान हो रहा है। इन ईंट भट्ठों में कच्ची लकड़ी बहुतायत में प्रयोग की जाती है, बडे़-बडे़ पेडों को काटकर इन भट्ठों में खपाया जाता है, फिर भी वन विभाग इस ओर से आंखें मूंदें बैठा है।
ईट संचालकों द्वारा बड़े पैमाने पर ईट का निर्माण करने के लिए शासकीय व निजी जमीन का खनन किया जा रहा है। इससे पर्यावरण तो प्रभावित हो ही रहा है, वहीं जलस्तर भी तेजी से गिरते जा रहा है। साथ ही लगातार हरे भरे जंगल कम होते जा रहा है।
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नेमसिंह सेन छत्तीसगढ़