कल हैं मकर संक्रांति, जाने दान- पुण्य का समय व विशेष बातें भारद्वाज श्रवण सारस्वत के साथ
कल हैं मकर संक्रांति, जाने दान- पुण्य का समय व विशेष बातें भारद्वाज श्रवण सारस्वत के साथ –
🚩_मकर संक्रांति के दिन क्या करें और क्या नहीं🌏
🌟मकर संक्रांति पर कहावत भी है – तिल चटके, दिन अटके। यानी इस दिन तिल चटकाए जाते हैं। तिल के लड्डू खाए जाते हैं और तिल के अन्य पकवान भी। लेकिन साथ ही तिल का दान भी महादान है। तिल चूंकि शनिदेव से संबंधित है इसलिए तिल के दान से शनिदोष दूर होता है। कहते हैं कि नाराज सूर्य भगवान को प्रसन्न करने के लिए उनके पुत्र शनिदेव ने काले तिलों का ही प्रयोग किया था। इसलिए इस दिन तिल का दान काफी शुभ माना जाता है। इससे शनिदोष खत्म होता है और सूर्य भगवान प्रसन्न होते हैं।
🌏काली वस्तुएं
मकर संक्रांति के दिन काली वस्तुएं जैसे काला कंबल, काले कपड़े, या अन्य जरूरत का सामान दान कर सकते हैं। इससे शनिदोष भी दूर होगा और साथ ही राहू का प्रभाव भी आपके जीवन से दूर होगा। लेकिन ध्यान रखें कि पुराना सामान दान न करें। कंबल दान करने से भरी ठंड में जरूरतमंदों को राहत मिलेगी जिससे शनिदेव आपसे प्रसन्न हो जाएंगे।
🔻मकर संक्रांति के साथ ही सूर्य उत्तरायण हो जाता है। इस दिन दान के साथ-साथ पूजा पाठ करना का बहुत अधिक महत्व है। इस दिन दान देने से कई गुना अधिक फल मिलता है। इस बार मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाएगी। मकर संक्रांति को कई जगह पर खिचड़ी का त्योहार भी कहा जाता है। इस दिन खिचड़ी खाने के साथ-साथ पतंग उड़ाना शुभ माना जाता है।
🌏शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि इस दिन सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने जाते है। जिसके साथ ही शुभ कामों की शुरुआत हो जाती है। लेकिन इस दिन कई ऐसे काम होते है। जिन्हें करनी की मनाही होती है।जानिए इनके बारे में।
🕉️ मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त
❄️ पुण्य काल- सुबह- 8 बजकर 3 मिनट 7 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट तक
💍 महापुण्य काल -सुबह- 8 बजकर 3 मिनट 7 सेकंड से 8 बजकर 27 मिनट 7 सेकंड तक
👍_स्नान करके ही करे किसी चीज का सेवन रोजाना हम बिना स्नान किए चाय, नाश्ता आदि कर लेते है लेकिन मकर संक्रांति के दिन ऐसा बिल्कुल भी न करें। शास्त्रों के अनुसार इस दिन स्नान-दान और पूजा-पाठ के बाद ही किसी भी चीज का सेवन करना चाहिए।
🎈_दान का अधिक महत्व मकर संक्रांति के दिन घर के बाहर से किसी को भुखा और खाली हाथ न लौटाए। इस दिन दान देने का बहुत अधिक महत्व होता है। ऐसा करने से आपको दोगुना फल मिलेगा। इसलिए इस दिन अपनी सामर्थ्य के अनुसार जरूर दान दें। अगर आपके घर पर कोई व्यक्ति आए जो कि साधु, संत, भिखारी हो उसे खाली हाथ न जाने दें।
❗_तामसी भोजन न करे मकर संक्रांति के दिम प्याज, लहसुन, मांस जैसे तामसी भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे आपके अंदर अधिक गुस्सा भरेगा।
⁉_नशे से बनाएं दूरी इस दिन किसी भी तरह के नशा से दूरी बनाने कर रखना चाहिए। हो सके तो एल्कोहाल क्या स्मोकिंग करने से भी बचें।
🙏_किसी पर न करे गुस्सा इस दिन अपनी वाणी को भी पवित्र रखें। पूरा दिन किसी को अपशब्द न कहें और न ही गुस्सा करें। सभी के साथ मधुरता से पेश आए। इसके साथ ही बड़े लोगों का सम्मान करे।
सूर्य ढलने के बाद न करे भोजन
🌞_अगर सूर्य देव की कृपा पाना चाहते हैं तो इस दिन संध्या काल यानी सूरज ढलने के बाद अन्न का सेवन न करे।
🎉_इन चीजों का करे सेवन मकर संक्रांति के दिन चावल और मूंगदाल के साथ तिल का सेवन करना शुभ माना जाता है।
🙏🏻 मकर संक्रान्ति के दिन तिल गुड़ के व्यंजन और चावल में मूंग की दाल मिलाकर बनाई गई खिचड़ी का सेवन ऋतु-परिवर्तनजन्य रोगों से रक्षा करता है । इनका दान करने का भी विधान है ।
🙏🏻 मकर संक्रान्ति पर्व पर तिल के उपयोग की महिमा पर शास्त्रीय दृष्टि से प्रकाश डालते हुए पूज्य बापूजी कहते हैं : ‘’जो मकर संक्रांति में इन छह प्रकारों से तिलों का उपयोग करता है वह इहलोक और परलोक में वांछित फल पाता है – तिल का उबटन, तिलमिश्रित जल से स्नान, तिल-जल से अर्घ, तिल का होम, तिल का दान और तिलयुक्त भोजन । किंतु ध्यान रखें – रात्रि को तिल व उसके तेल से बनी वस्तुएं खाना वर्जित है ।‘