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दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में बच्चों को जैविक खेती, बागवानी व स्कूलों में किचन गार्डन के बारे में बताया

_उरमूल सीमांत समिति बज्जू में दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन_

बज्जू :- ओरेकल और कैफ इंडिया के सहयोग से उरमुल ट्रष्ट बज्जू द्वारा संचालित सतत टिकाऊ कृषि कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण शिविर बुधवार को सम्पन्न हुआ शिविर में 25 बच्चों ने भाग लिया । प्रशिक्षण के पहले दिन सबसे पहले भगवानाराम सहाय ने सभी बच्चों के परिचय के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया ।
प्रोजेक्ट मैनेजर चेनाराम बिश्नोई ने बच्चों को बताया कि पिछले कुछ वर्षों से बड़े पैमाने पर प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन से तापमान में बढ़ोतरी और लगातार होते जलवायु परिवर्तन से बिना मौषम बारिश, सूखे की वजह से फसल चक्र प्रभावित हो रहा है इससे किसानों में आर्थिक अस्थिरता उत्पन्न हो रही है । इसलिए बच्चों को जलवायु परिवर्तन में योगदान देने की जरूरत है, इस दौरान
किताबी ज्ञान के साथ बच्चों को समाजिक शिक्षा और दायित्व तथा कम लागत में अधिक खेती कर बागवानी के गुर भी सिखाये गए।।
जैविक खेती ट्रेनर रोमल सिंह ने बच्चों को केंचुआ खाद बनाकर पौधों व सब्जियों में उपयोग करना सिखाया वही शिक्षा के साथ-साथ बागवानी के तरीको से भी छात्रों को रूबरू करवाया ।
चाइल्ड लाइन के खमाणाराम ने चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 के बारे में बताया , कि भारत सरकार द्वारा देखभाल व सरक्षंण वाले बच्चों की मदद के लिए चाइल्ड हैल्पलाइन शुरू किया है। इस नंबर पर कोई भी बच्चा आपातकाल के समय फोन करके मदद ले सकता है। उन्होंने बताया कि यदि कोई भी बच्चा किसी मुसीबत में फंस जाए, किसी व्यक्ति द्वारा प्रताडि़त किया जाए या अन्य समस्या आने पर इस नंबर पर फोन कर सकता है। इसके साथ बच्चों को जीवन जीने का अधिकार,विकास का अधिकार, सरक्षंण का अधिकार सहभागिता का अधिकार उनके अधिकारों के बारे में बताया । द प्रोग्राम लीड ट्रेनर ओमप्रकाश ने बताया कि गोडू , मानकासर, भलुरी, फुलासर सहित कई राजकीय स्कूलों में किचन गार्डन बनाये गए है । स्कूलों के बाग में जो सब्जी उगेगी, उसे मिड-डे मील के लिए किचन में पकाया जाएगा । दूसरे दिन उरमुल के अचलाराम, मघाराम, महावीर सिंह, आदि बच्चों को उरमुल डेयरी, ओजोला घास, उरमुल फार्म में बागवानी के बारे में बताया औऱ बच्चों को अनार , नींबु, किन्नू भी खिलाया । उरमुल सीमांत समिति में हस्तकला केंद्र की फैशन डिजाइनर श्वेता ने बच्चों को साबुन बनाना सिखाया ।
उरमुल ट्रष्ट बज्जू में फलोदी से आये मिट्टी हस्तकला ट्रेनर मोतीलाल ने बच्चों को मिट्टी के खिलौने व गमले बनाना सिखाया।
आयोजित प्रशिक्षण शिविर में बच्चों ने उरमुल सीमांत समिति परिसर में चले दो दिवसीय चले प्रशिक्षण शिविर में बच्चों ने विभिन्न खेल , गाने, अन्तराक्षरी कार्यक्रम में भाग लिया । उरमूल सीमांत समिति में आयोजित इस कार्य्रकम में गोडू, भलुरी, फुलासर , बज्जू तेजपुरा के जगह से बच्चों ने भाग लिया ।


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