आज है मासिक शिवरात्रि एवं जाने शुभ मुहूर्त व अनेकों विशेष बातें भारद्वाज श्रवण सारस्वत के साथ
🌞आज का पंचाग🌞
दिनांक :- 11 जनवरी 2021
वार :- सोमवार
तिथि :- त्रयोदशी 14:32 बजे तक तत्पश्चात चतुर्दशी शुरू
पक्ष :- कृष्ण पक्ष
माह :- पौष
नक्षत्र :- ज्येष्ठा 09:08 बजे तक तत्पश्चात मूल नक्षत्र शुरू
योग :- वृद्वि 08:38 बजे तक तत्पश्चात ध्रुव योग शुरू
करण :- वणिज 14:32 बजे तक तत्पश्चात विष्टि भद्र शुरू
चन्द्र राशि :- वृश्चिक 09:08 बजे तक तत्पश्चात धनु
सूर्य राशि :- धनु
ऋतु :- हेमंत
आयन :- उत्तरायण
संवत्सर :- शार्वरी
विक्रम संवत :- 2077 विक्रम संवत
शाका संवत :- 1942 शाका संवत
सूर्योदय :- 07:28 बजे
सूर्यास्त :- 17:56 बजे
दिन काल :- 10 घण्टे 27 मिनट
रात्री काल :- 13 घण्टे 33 मिनट
चंद्रास्त :- 16:06 बजे
चंद्रोदय :- 30:34 बजे
रुद्र गायत्री मंत्र :- ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात् ॥
🌌 दिन (वार) – सोमवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए हर सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत या मीठा कच्चा दूध एवं काले तिल चढ़ाएं, इससे भगवान महादेव की कृपा बनी रहती है परिवार से रोग दूर रहते है ।
सोमवार का व्रत रखने से मनचाहा जीवन साथी मिलता है, वैवाहिक जीवन में लम्बा और सुखमय होता है।
जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए हर सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत या मीठा कच्चा दूध एवं काले तिल चढ़ाएं, इससे भगवान महादेव की कृपा बनी रहती है परिवार से रोग दूर रहते है ।
✏️ तिथि के स्वामी – त्रयोदशी तिथि के स्वामी कामदेव जी हैं।
🪙 नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- ज्येष्ठा नक्षत्र के देवता इंद्र एवं ज्येष्ठा नक्षत्र के स्वामी बुध देव जी है।
⚜️ दिशाशूल – सोमवार को पूर्व दिशा का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से दर्पण देखकर, दूध पीकर जाएँ ।
🚕 यात्रा शकुन- मीठा दूध पीकर यात्रा करें।
👉🏼 आज का मंत्र-ॐ सौं सोमाय नम:।
🤷🏻♂️ आज का उपाय-शिव मंदिर में शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं।
🌴 वनस्पति तंत्र उपाय- पलाश के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व व त्यौहार- मास शिवरात्रि
✍🏼 विशेष – त्रियोदशी को बैगन नहीं खाना चाहिए । त्रयोदशी को बैगन खाने से पुत्र को कष्ट मिलता है ।
⚜️ त्रयोदशी तिथि के स्वामी कामदेव जी हैं। कामदेव प्रेम के देवता माने जाते है । उन्हें सदैव युवा और आकर्षक रहने का वरदान है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार कामदेव, भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी के पुत्र माने गए हैं। उनका विवाह प्रेम और आकर्षण की देवी रति से हुआ है।
कामदेव के हाथ में धनुष है जिसका एक कोना स्थिरता और दूसरा कोना चंचलता का प्रतीक है। कामदेव का धनुष फूलों का बना हुआ है। कामदेव जब कमान से अपना तीर छोड़ते हैं, तो उसमें कोई आवाज नहीं होती है।
कामदेव का वाहन हाथी को माना गया है। शास्त्रों में कुछ जगह कामदेव का वाहन तोते को भी बताया गया है ।
इनकी पूजा करने से जातक रूपवान होता है, उसे अपने प्रेम में सफलता एवं इच्छित एवं योग्य जीवनसाथी प्राप्त होता है। त्रयोदशी को कामदेव की पूजा करने से वैवाहिक सुख भी पूर्णरूप से मिलता है।
इस तिथि का खास नाम जयकारा भी है। समान्यता त्रयोदशी तिथि यात्रा एवं शुभ कार्यो के लिए श्रेष्ठ होती है।अपने रूप और आकर्षण शक्ति को बढ़ाने के लिए त्रियोदशी को कामदेव जी का मन्त्र ‘ॐ कामदेवाय विद्महे, रति प्रियायै धीमहि, तन्नो अनंग प्रचोदयात्’ की एक माला जाप अवश्य करें ।
🌷 नकारात्मक ऊर्जा मिटाने के लिए 🌷
➡12 जनवरी 2021 मंगलवार को दोपहर 12:23 से 13 जनवरी, बुधवार को सुबह 10:29 तक अमावस्या है ।
🏡 घर में हर अमावस्या अथवा हर १५ दिन में पानी में खड़ा नमक (१ लीटर पानी में ५० ग्राम खड़ा नमक) डालकर पोछा लगायें । इससे नेगेटिव एनेर्जी चली जाएगी । अथवा खड़ा नमक के स्थान पर गौझरण अर्क भी डाल सकते हैं ।