बिजली गुल तो मिलेगा मुआवजा, नए नियमों में उपभोक्ताओं को मिली बड़ी ताकत
नए कनेक्शन लेने और मौजूदा कनेक्शन में बदलाव के लिए नए नियमों की प्रक्रिया ज्यादा पारदर्शी, आसान और वक्त पर पूरी होगी. इसके लिए ऑनलाइन आवेदन भी दिया जा सकेगा. नए नियम के मुताबिक मेट्रो शहरों में नए कनेक्शन लेने या मौजूदा कनेक्शन में बदलव के लिए अधिकतम समयसीमा 7 दिन है, म्यूनिसिपल क्षेत्रों के लिए 15 दिन और ग्रामीण इलाकों के लिए 30 दिन है.
नए नियमों के मुताबिक बिना मीटर के कोई भी कनेक्शन नहीं दिया जाएगा. नया मीटर स्मार्ट प्री-पेमेंट मीटर या प्री-पेमेंट मीटर होना चाहिए. डिफेक्टिव या जले हुए या चोरी हुए मीटरों के रिप्लेसमेंट के प्रावधान भी किए गए हैं.
नए नियमों में बिजली के बिल और टैरिफ में पारदर्शिता पर फोकस है, बिलों का ऑनलाइन या ऑफलाइन भुगतान के अलावा एडवांस बिल पेमेंट का भी प्रावधान किया गया है
बिजली वितरण कंपनियों (DISCOMS) को सभी उपभोक्ताओं को 24×7 बिजली सप्लाई करना होगा. हालांकि राज्य आयोग कुछ कैटेगरी के उपभोक्ताओं के लिए बिजली सप्लाई के न्यूनतम घंटे निर्धारित कर सकते हैं.
अगर बिजली कंपनियां (DISCOM) बिजली सप्लाई देने में नाकाम रहती हैं, तो उन्हें उपभोक्ता को मुआवजा देना होगा, ये मुआवजा उपभोक्ताओं को ऑटोमैटिक तरीके से मिल जाएगा, इसकी मॉनिटरिंग भी की जाएगी
बिजली वितरण कंपनियों को 6000 रुपये प्रति दिन से 1 लाख रुपये प्रति दिन तक मुआवजा उपभोक्ताओं को देना पड़ सकता है, इसके लिए कुछ परिस्थितियां तय की गई हैं
1. अगर बिजली कंपनियां उपभोक्ता को एक तय समय के बाद भी बिजली सप्लाई नहीं कर पाती हैं,
2. अगर सप्लाई में एक तय बार से ज्यादा बाधा, रुकावट आती है
3. कनेक्शन लेने, कनेक्शन हटवाने, कनेक्शन दोबारा लगवाने और शिफ्टिंग में कितना टाइम लगा
4. बिल, वोल्टेज, मीटर से जुड़ी शिकायतों के निपटारे में कितना वक्त लिया गया
बिजली कंपनियों को शिकायतों के निपटारे के लिए एक तय अवधि बतानी होगी. नए प्रावधान में अधिकतम 45 दिन में शिकायतों को निपटारा हो जाना चाहिए.