पांच साल पहले प्यार, दो साल बाद हुई अनबन, और अब मौत
ममेरे भाई के साथ मिलकर छत्तरगढ़ की मनजीत कौर उर्फ रानी ने अपने प्रेमी की हत्या कर दी और शव के टुकड़े करके नहर में बहा दिए। पुलिस के अनुसार कुछ साल पहले फिरोजपुर के परमजीतसिंह और मनजीत के बीच प्रेम बढ़ा। दोनों ने साथ रहने का प्लान बनाया और घर से भागकर छत्तरगढ़ तहसील के मंडी 465 आरडी पहुंचकर रहने लगे। दो साल तक सही चलता रहा लेकिन बाद में दोनों ने अनबन रहने लगी। इससे परेशान परमजीत वापस पंजाब जाकर ट्रक चलाने लगा। पिछले तीन सालों से वहीं ठिकाना था।
वो राजस्थान आता तो रानी से मिलने जरूर पहुंचता। रिश्ता खत्म होने के बाद कभी-कभार चंद वक्त गुजारने के लिए आना रानी को बर्दाश्त नहीं हो रहा था। उसनेे ममेरे भाई कुलदीप के साथ मिलकर परमजीत को रास्ते से हटाने का मन बना लिया। मंडी 465आरडी से रानी आरडी 416 आकर रहने लगी।
21 दिसंबर को परमजीत बिरधवाल हैड पहुंचा। वहां गाड़ी छोड़कर रानी से मिलने 416 आरडी पहुंचा। वहां पहले से तैयार रानी और कुलदीप ने परमजीत की हत्या कर दी। शव को खुर्द-बुर्द करने के लिए रानी ने उसके शव के कई टुकड़े किए और कंबल में बांधकर नहर में फेंक दिया। जैसा कि छत्तरगढ़ थाना प्रभारी रतनलाल ने भास्कर को बताया।)
अभी तक नहीं मिला परमजीत का शव, पुलिस ने चलाया रेस्क्यू ऑपरेशन
छत्तरगढ़ पुलिस ने कुल्हाड़ी से टुकड़े कर कंबल में बांधकर नहर में फेंके परमजीत के शव को ढूंढ़ने के लिए इंदिरा गांधी नहर की 416 आरडी से लेकर 507 हेड तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया है। नहर किनारे रेस्क्यू टीम सीओ देवानंद, थानाप्रभारी रतनलाल हेड ऑपरेशन सुनील कुमार भी मृतक का शव ढूंढ़ने में लगे हैं।
परमजीत ने फोन नहीं उठाया तो भाई महिंद्रसिंह को संदेह हुआ और जुड़ती गई हत्या की कड़ियां
पंजाब के फिरोजपुर में रहने वाले बलवंतसिंह के बेटे परमजीतसिंह 21 दिसंबर को बिरधवाल हैड पहुंचा। इसके बाद वह रानी से मिलने गया। यह बात मृतक के भाई महिंद्र को पता थी। जब परमजीत का फोन बंद आ रहा था और उसका कुछ पता नहीं चल पा रहा था तो महिंद्रसिंह अपने रिश्तेदारों ने छत्तरगढ़ पहुंचा। उसने पुलिस को बताया कि वह अपने भाई को ढूंढ़ने जब बिरधवाल हेड पर पहुंचा तो उसे वहां नहर किनारे खून के निशान मिले हैं।
इसे देखते हुए उसने परमजीत की हत्या की आशंका जताते हुए मनजीत उर्फ रानी पर संदेह जताया। पुलिस ने रानी को ट्रेस कर राउंडअप कर लिया। रानी ने पुलिस को बताया कि परमजीत की हत्या के मामले में उसने अपने ममेरे भाई कुलदीप और एक अन्य साथी का सहयोग लिया। पुलिस ने रानी और कुलदीप को तो राउंड अप कर लिया है लेकिन तीसरा साथी अभी फरार चल रहा है। उसकी तलाश में दो तीन टीमें लगाई गई है।