गहलोत सरकार का फैसला : स्वास्थ्य बीमा योजना में अब कोविड और हीमोडायलिसिस का भी होगा इलाज
जयपुर. कोविड और हीमोडायलिसिस (Covid and hemodialysis) का इलाज अब राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना (Health Insurance Plan) के जरिए हो सकेगा. सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने राज्य आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना की समीक्षा के दौरान यह फैसला किया है. सीएम ने स्वास्थ्य बीमा योजना में कोविड-19 और हीमोडायलिसिस बीमारी को भी शामिल करने के निर्देश दिए हैं. सीएम ने इसका खर्च राज्य मद से दिये जाने की स्वीकृति भी दे दी है.
सीएम ने इस योजना से अधिक से अधिक पात्र लोगों को लाभ दिलाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस योजना को प्रभावी तरीके से लागू करने के निर्देश देते हुये कहा है कि इसकी क्रियान्विति के साथ-साथ गहन मॉनिटरिंग भी सुनिश्चित करें.
कोई भी अस्पताल फर्जी क्लेम सहित अन्य अनियमिततायें नहीं कर सके इसके लिए आईटी आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम विकसित कर टीपीए के माध्यम से गहन निगरानी रखी जाये. वहीं शिकायत सामने आने पर नियमानुसार कानूनी कार्रवाई भी की जाये.
राज्य में कुल 1 करोड़ 5 लाख परिवारों को योजना का लाभ दिया जा रहा है
सीएम ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा संचालित आयुष्मान भारत योजना में सामाजिक एवं आर्थिक जनगणना- 2011 के आधार पर लाभार्थियों का चयन किए जाने के कारण प्रदेश के करीब 59 लाख परिवार ही इसकी दायरे में आ रहे थे. लेकिन राजस्थान में विस्तृत रूप में लाई गई इस योजना में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को भी इसमें जोड़ा गया है। उसके बाद अब कुल 1 करोड़ 5 लाख परिवारों को इसका लाभ दिया जा रहा है. केन्द्र सरकार द्वारा शेष परिवारों के लिए अंशदान नहीं दिया जा रहा है.
प्रदेश में योजना के तहत प्रीमियम राशि प्रति परिवार 1662 रुपये है
गहलोत ने कहा कि प्रदेश में योजना के तहत प्रीमियम राशि प्रति परिवार 1662 रुपये है. जबकि केन्द्र सरकार की ओर से प्रीमियम राशि 1052 रुपये निर्धारित कर उसके अनुरूप ही अंशदान दिया जा रहा है. इसके चलते योजना में केन्द्र से केवल 400 करोड़ रुपये का अंशदान ही मिल रहा है. जबकि राज्य सरकार इस पर 1400 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष स्वयं वहन करेगी. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश के शेष पात्र परिवारों को भी योजना में शामिल करने और वास्तविक प्रीमियम राशि के अनुपात में अंशदान दिए जाने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया जाये.