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आज का पंचांग, रविवार, 20 दिसम्बर 2020

🌞 *आज का पंचाग* 🌞
🧾दिनांक :- 19 दिसम्बर 2020
⚛️मार्गशीर्ष शुक्ला षष्ठी
⚛️वार :- रविवार
⚛️तिथि    :- षष्ठी    14:52:03
🌔पक्ष    :- शुक्ल
🪐नक्षत्र :- शतभिष    21:00:07
⚛️योग     :- वज्र    12:00:32
⚛️करण     :- तैतुल    14:52:03
⚛️करण     :- गर    27:28:05*
📆माह (अमावस्यांत) :- मार्गशीर्ष
📆माह (पूर्णिमांत) :-    मार्गशीर्ष
🌔चन्द्र राशि     :- कुम्भ
🌝सूर्य राशि    :- धनु
🌈ऋतु :-    हेमंत
⚛️आयन :- दक्षिणायण
⚛️संवत्सर    :- शार्वरी
⚛️संवत्सर (उत्तर)    :- प्रमादी
⚛️विक्रम संवत    :- 2077 विक्रम संवत
⚛️विक्रम संवत (कर्तक)    :- 2077 विक्रम संवत
⚛️शाका संवत :- 1942 शाका संवत
🌝सूर्योदय :- 07:22:17
🌝सूर्यास्त :- 17:41:14
💫दिन काल :- 10:18:56
☄️रात्री काल :- 13:41:34
🌕चंद्रोदय :- 11:56:41
🌒चंद्रास्त     :- 23:26:26
🕉️ शुभाशुभ मुहूर्त 🕉️
❌राहू काल :-    16:24 – 17:41    अशुभ
❌यम घंटा :- 12:32 – 13:49    अशुभ
♻️गुली काल :- 15:07 – 16:24
✅अभिजित मुहूर्त :- 12:11 -12:52    शुभ
⚜️ पंचक :- 2️⃣
🕖 समय मानक :- मोमासर श्रीडूंगरगढ़ (बीकानेर) राज.
👇🏻चोघडिया, दिन👇🏻
☀️उद्वेग    :- 07:22 – 08:40    अशुभ
☀️ चर :- 08:40 – 09:57    शुभ
☀️ लाभ    :- 09:57 – 11:14    शुभ
☀️ अमृत     :- 11:14 – 12:32    शुभ
☀️ काल    :- 12:32 – 13:49    अशुभ
☀️ शुभ     :- 13:49 – 15:07    शुभ
☀️ रोग    :- 15:07 – 16:24    अशुभ
☀️ उद्वेग    :- 16:24 – 17:41    अशुभ
👇🏻चोघडिया, रात👇🏻
🔅शुभ     :- 17:41 – 19:24    शुभ
🔅अमृत     :- 19:24 – 21:07    शुभ
🔅चर :- 21:07 – 22:49    शुभ
🔅रोग    :- 22:49 – 24:32*    अशुभ
🔅काल    :- 24:32* – 26:15*    अशुभ
🔅लाभ    :- 26:15* – 27:57*    शुभ
🔅उद्वेग    :- 27:57* – 29:40*    अशुभ
🔅शुभ :-    29:40* – 31:23*    शुभ
❇️ दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
⛅ व्रत पर्व विवरण – चम्पा षष्ठी, रविवारी सप्तमी (दोपहर 02:54 से 21 दिसम्बर सूर्योदय तक
💥 विशेष – षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
भगवान सूर्य जी का मंत्र : ऊँ घृणि सूर्याय नम: ।।
🌠 रविवार को की गई सूर्य पूजा से व्यक्ति को घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। रविवार के दिन उगते हुए सूर्य को देव को एक ताबें के लोटे में जल, चावल, लाल फूल और रोली डालकर अर्ध्य करें।
इस दिन आदित्य ह्रदय स्रोत्र का पाठ करें एवं यथा संभव मीठा भोजन करें। सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है, सूर्य देव को जल देने से पितृ कृपा भी मिलती है।
रविवार के दिन भैरव जी के दर्शन, आराधना से समस्त भय और संकट दूर होते है, साहस एवं बल की प्राप्ति होती है। रविवार के दिन जी के दर्शन अवश्य करें ।
रविवार के दिन भैरव जी के मन्त्र ” ॐ काल भैरवाय नमः “ या ” ॐ श्री भैरवाय नमः “ की एक माला जाप करने से समस्त संकट, भय दूर होते है, रोगो, अकाल मृत्यु से बचाव होता है, मनवांछित लाभ मिलता है।
✏️ तिथि का स्वामी – षष्ठी तिथि के स्वामी भगवान  के स्वामी भगवान कार्तिकेय और सप्तमी तिथि के स्वामी भगवान सूर्य देव जी है ।
🪙 नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- शतभिषा नक्षत्र के देवता वरुण देव जी और शतभिषा के स्वामी राहु जी है ।
🔱 दिशाशूल – रविवार को पश्चिम दिशा का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से पान या घी खाकर जाएँ ।
🚕 यात्रा शकुन- इलायची खाकर यात्रा प्रारंभ करें।
👉🏼 आज का मंत्र-ॐ घृणि: सूर्याय नम:।
🤷🏻‍♀️ आज का उपाय- विष्णु मंदिर में सवा किलो गुड़ दान करें।
🌴 वनस्पति तंत्र उपाय-बेल के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व व त्यौहार- चंप्पाषष्ठी, सकंदषष्ठी, मार्तण्डभैरवोत्स, पंचक
✍🏼 विशेष – रविवार को बिल्ब के वृक्ष / पौधे की पूजा अवश्य करनी चाहिए इससे समस्त पापो का नाश होता है, पुण्य बढ़ते है।
रविवार के दिन भगवान सूर्य देव को आक का फूल अर्पण करना किसी भी यज्ञ के फल से कम नहीं है, इससे सूर्य देव की सदैव कृपा बनी रहती है ।
रविवार को अदरक और मसूर की दाल का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए । षष्टी के दिन नीम का सेवन करने से नीच योनि मिलती है ।
⚜️ षष्ठी (छठ) के देवता भगवान भोलेनाथ के पुत्र और देवताओं के सेनापति कार्तिकेय जी है। दक्षिण भारत में इन्हे भगवान मुरुगन के रूप में पूजा जाता है। भारत के आलावा विश्व के अन्य देशों जैसे श्रीलंका, मलेशिया, सिंगापुर आदि में भी कार्तिकेय जी को इष्ट देव के रूप में स्वीकार किया गया है।
कार्तिकेय जी को सदेव युवा रहने का वरदान प्राप्त है । इस तिथि में कार्तिकेय जी की पूजा करने से मनुष्य श्रेष्ठ मेधावी, रूपवान, दीर्घायु और कीर्ति को बढ़ाने वाला हो जाता है। यह यशप्रदा अर्थात सिद्धि देने वाली तिथि हैं।  भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से विवाद, मुक़दमो में सफलता मिलती है, शत्रु परास्त होते है।
कार्तिकेय गायत्री मंत्र : – ‘ॐ तत्पुरुषाय विद्महे: महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कन्दा प्रचोदयात’. यह मंत्र हर प्रकार के दुख एवं कष्टों का नाश करने के लिए प्रभावशाली है ।
🌷 वास्तु दोष 🌷
🏡 जिन के घर का मुख दक्षिण में हो, वे अपने घर के दरवाजे के बाहर एक गमले में आम का पौधा लगायें और गुरुमंत्र का जप करें ।
🌷 गंगा स्नान का फल 🌷
🙏🏻”जो मनुष्य आँवले के फल और तुलसीदल  से मिश्रित जल से स्नान करता है, उसे गंगा स्नान का फल मिलता है ।” (पद्म पुराण , उत्तर खंड)
🌷 चिंता, कष्ट, बीमारी निवृति के लिए 🌷
🏡 जिनके घर में चिंता, कष्ट और बीमारी ज्यादा है | भविष्य पुराण में आया है की मार्गशीर्ष मास में शुक्ल पक्ष की सप्तमी माने 21 दिसम्बर 2020 को सोमवार के दिन सुबह सूर्य भगवान को तिल के तेल का दीपक दिखाये अर्घ्य दे |
🌞 सूर्य भगवान को अर्घ्य दो तो इस भाव से – मन में एक बार स्मरण कर लेना की भगवत गीता में आपने कहाँ है – “ज्योति श्याम रविरंशुमान” ये ज्योतियों में सूर्य मै हूँ …. तो मेरा अर्घ्य स्वीकार करो | मेरा ये प्रणाम स्वीकार करें |
⛅ तो उस दिन को लोटे में चावल, तिल, कुंमकुम, केसर डालकर अर्घ्य दे | केसर न हो तो ऐसे ही कुंमकुम डाल दें अर्घ्य दें, तिल का दिया दिखा दें |
🏡 फिर घर में भोजन बने और सब खाये उसके पहले दही और चावल थाली में लेकर सूर्य भगवान को भोग लगाये और प्रार्थना करें हमारे घर में आपके लिए ये प्रसाद तैयार किया है ये नैवेद्य आप सूर्य भगवान स्वीकार करें और हमारे घर में सब प्रकार से आनंद छाया रहे, सब निरोग रहें, दीर्घायु बने | ऐसा करके उनको भोग लगाये और प्रसाद थोडा-सा छ्त पर रख दें घर के लोग भी प्रसाद में दही-चावल खुद भी खा लें |
पंडित भारद्वाज श्रवण सारस्वत
मोमासर, बीकानेर


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