आज है विनायक चतुर्थी, गणेशजी करेंगे सभी मनोरथ पूरे, देखें आज का पंचांग
🌞 ~ *आज का पंचांग* ~ 🌞
तिथि – चतुर्थी 14:22:25
पक्ष शुक्ल
नक्षत्र – श्रवण 19:03:04
योग – व्याघात 14:05:34
करण – विष्टि भद्र 14:22:25
करण – बव 26:12:10*
वार – शुक्रवार
माह – (अमावस्यांत) मार्गशीर्ष
माह – (पूर्णिमांत) मार्गशीर्ष
चन्द्र राशि – मकर till 31:15:22*
चन्द्र राशि – कुम्भ from 31:15:22*
सूर्य राशि – धनु
ऋतु – हेमंत
आयन – दक्षिणायण
संवत्सर – शार्वरी
संवत्सर (उत्तर) – प्रमादी
विक्रम संवत – 2077 विक्रम संवत
विक्रम संवत (कर्तक) – 2077 विक्रम संवत
शाका संवत – 1942 शाका संवत
सूर्योदय – 07:21:13
सूर्यास्त – 17:40:19
दिन काल – 10:19:06
रात्री काल – 13:41:26
चंद्रोदय – 10:38:24
चंद्रास्त – 21:30:29
⛅ शुभअशुभ मुहूर्त
राहू काल :- 11:13 – 12:31 अशुभ
यम घंटा :- 15:06 – 16:23 अशुभ
गुली काल :- 08:39 – 09:56
अभिजित मुहूर्त :- 12:10 -12:51 शुभ
🕖 समय मानक :- मोमासर श्रीडूंगरगढ़ बीकानेर (राज.)
⚛️ चौघड़िया दिन ⚛️
🔅चर :- 07:21 – 08:39 शुभ
🔅लाभ :- 08:39 – 09:56 शुभ
🔅अमृत :- 09:56 – 11:13 शुभ
🔅काल :- 11:13 – 12:31 अशुभ
🔅शुभ :- 12:31 – 13:48 शुभ
🔅रोग :- 13:48 – 15:06 अशुभ
🔅उद्वेग :- 15:06 – 16:23 अशुभ
🔅चर :- 16:23 – 17:40 शुभ
⚛️चोघडिया, रात⚛️
🔅रोग :- 17:40 – 19:23 अशुभ
🔅काल :- 19:23 – 21:06 अशुभ
🔅लाभ :- 21:06 – 22:48 शुभ
🔅उद्वेग :- 22:48 – 24:31* अशुभ
🔅शुभ :- 24:31* – 26:14* शुभ
🔅अमृत :- 26:14* – 27:56* शुभ
🔅चर :- 27:56* – 29:39* शुभ
🔅रोग :- 29:39* – 31:22* अशुभ
⛅ दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
⛅ व्रत पर्व विवरण – विनायक चतुर्थी
💥 विशेष – चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥
🌌 दिन (वार) – शुक्रवार के दिन दक्षिणावर्ती शंख से भगवान विष्णु पर जल चढ़ाकर उन्हें पीले चन्दन अथवा केसर का तिलक करें। इस उपाय में मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं।
शुक्रवार के दिन नियम पूर्वक धन लाभ के लिए लक्ष्मी माँ को अत्यंत प्रिय “श्री सूक्त”, “महालक्ष्मी अष्टकम” एवं समस्त संकटो को दूर करने के लिए “माँ दुर्गा के 32 चमत्कारी नमो का पाठ” अवश्य ही करें । पंडित श्रवण सारस्वत के अनुसार शुक्रवार के दिन माँ लक्ष्मी को हलवे या खीर का भोग लगाना चाहिए ।
शुक्रवार के दिन शुक्र ग्रह की आराधना करने से जीवन में समस्त सुख, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है बड़ा भवन, विदेश यात्रा के योग बनते है।
📝 चतुर्थी तिथि के स्वामी विघ्नहर्ता गणेश जी और पंचमी तिथि के स्वामी नाग देवता है
🪙 नक्षत्र के स्वामी – श्रवण नक्षत्र के देवता विष्णु और सरस्वती जी तथा स्वामी चंद्र देव जी है ।
🚕 यात्रा शकुन- शुक्रवार को मीठा दही खाकर यात्रा पर निकलें।
🤷🏻♀️ आज का मंत्र-ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:।
👉🏼 आज का उपाय-मंदिर में मखाने अर्पित करें।
🌴 वनस्पति तंत्र उपाय-गूलर के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व व त्यौहार- विनायक चतुर्थी, पंचक प्रारंभ
✍🏼 विशेष – चतुर्थी को मूली एवं पञ्चमी को बिल्वफल त्याज्य बताया गया है। इस तिथि में तिल का दान और भक्षण दोनों त्याज्य होता है। इसलिए चतुर्थी को मूली और तिल एवं पञ्चमी को बिल्वफल नहीं खाना न ही दान करना चाहिए। चतुर्थी तिथि एक खल और हानिप्रद तिथि मानी जाती है। इसके स्वामी गणेश जी हैं तथा रिक्ता नाम से विख्यात यह तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ तथा कृष्ण पक्ष में शुभफलदायिनी मानी गयी है।
⚜️ आज विनायक चतुर्थी है । प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी कहते है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा अर्चना, विनायक चतुर्थी का व्रत सभी प्रकार के मनोरथ पूर्ण करता है।
अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी तो पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। विनायक चतुर्थी की पूजा अमूमन दोपहर काल में की जाती है।
आज गणेश जी को रोली का तिलक लगाकर, लड्डुओं या गुड़ का भोग लगाकर “ॐ गण गणपतये नम:” मन्त्र की एक माला का जाप अवश्य करें ।
चतुर्थी को गणेश जी की आराधना से किसी भी कार्य में विघ्न नहीं आते है ।
🌷 काम धंधे में सफलता न मिलती हो तो 🌷
🙏🏻काम धंधे में सफलता न मिलती हो तो २१ बार ये गीता का आखरी श्लोक बोलें …
🌷 ” यत्र योगेश्वरः कृष्णो यत्र पार्थो धनुर्धरः
तत्र श्रीर्विजयो भूतिर्ध्रुवा नीतिर्मतिर्मम।।78।। ”
🙏🏻 २१ बार न बोल सकें तो कम से कम १ बार तो बोलें और शांत हो जाएँ ।
🌷 वास्तु शास्त्र 🌷
🏡 घर में सुख और समृद्धि बनी रहे, इसके लिए पुराने समय से ही कई परंपराएं प्रचलित हैं। ये परंपराएं अलग-अलग वस्तुओं और कार्यों से जुड़ी हैं। सभी के घरों में कुछ न कुछ वस्तुएं टूटी-फूटी होती है, बेकार होती है, फिर भी किसी कोने में पड़ी रहती हैं। 7 वस्तुएं ऐसी बताई गई हैं जो टूटी-फूटी अवस्था में घर में नहीं रखना चाहिए।
🏡 यदि ये चीजें घर में होती हैं तो इनका नकारात्मक असर परिवार के सभी सदस्यों पर होता है। जिससे मानसिक तनाव बढ़ता है और कार्यों में गति नहीं बन पाती है। इसी वजह से धन संबंधी कार्यों में भी असफलता के योग बनते हैं। घर में दरिद्रता का आगमन हो सकता है। यहां जानिए ये 7 चीजें कौन-कौन सी हैं…।
👉🏻 वास्तु अनुसार घर में नहीं रखनी चाहिए ये 7 टूटी-फूटी चीजें, बढ़ती है नकारात्मक ऊर्जा ।
🏡 1. बर्तन
कई लोग घर में टूटे-फूटे बर्तन भी रखे रहते हैं जो कि अशुभ प्रभाव देते हैं। शास्त्रों के अनुसार घर में टूटे-फूटे बर्तन नहीं रखना चाहिए। यदि ऐसे बर्तन घर में रखे जाते हैं तो इससे महालक्ष्मी असप्रसन्न होती हैं और दरिद्रता का प्रवेश हमारे घर में हो सकता है। टूटे-फूटे और बेकार बर्तन घर में जगह भी घेरते हैं, इससे वास्तु दोष भी उत्पन्न होता है। वास्तु दोष उत्पन्न होने पर नकारात्मक फल मिलने लगते हैं।
🏡 2. दर्पण
टूटा हुआ दर्पण रखना वास्तु के अनुसार एक बड़ा दोष है। इस दोष के कारण घर में नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय रहती है और परिवार के सदस्यों को मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है।
🏡 3. पलंग
वैवाहिक जीवन में सुख-शांति के लिए जरूरी है कि पति-पत्नी का पलंग टूटा हुआ बिल्कुल न हो। यदि पलंग ठीक नहीं होगा तो पति-पत्नी के वैवाहिक जीवन में परेशानियां आने की संभावनाएं काफी बढ़ जाती हैं।
🏡 4. घड़ी
खराब घड़ी घर में नहीं रखना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि घड़ियों की स्थिति से हमारे घर-परिवार की उन्नति निर्धारित होती है। यदि घड़ी सही नहीं होगी परिवार के सदस्य कार्य पूर्ण करने में बाधाओं का सामना करेंगे और काम निश्चित समय में पूर्ण नहीं हो पाएगा।
🏡 5. तस्वीर
यदि घर में कोई टूटी हुई तस्वीर हो तो उसे भी घर से हटा देना चाहिए। वास्तु के अनुसार यह भी वास्तु दोष उत्पन्न करती है।
🏡 6. दरवाजा
यदि घर का मुख्य दरवाजा या अन्य कोई दरवाजा कहीं से टूट रहा हो तो उसे तुरंत ठीक करवा लेना चाहिए। दरवाजे में टूट-फूट अशुभ मानी गई है। इनसे घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है और वास्तु दोष उत्पन्न होता है।
🏡 7. फर्नीचर
घर का फर्नीचर भी एकदम सही हालत में होना चाहिए। वास्तु के अनुसार फर्नीचर की टूट-फूट का भी बुरा असर हमारे जीवन पर होता है।
🏡 वास्तु दोष उत्पन्न होने पर घर-परिवार के सदस्यों को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जिस घर में वास्तु दोष होते हैं, वहां पैसों की कमी बनी रहती है। अत: इन दोषों का निवारण तुरंत ही कर लेना चाहिए।