कोरोना की जंग हारी पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक किरण माहेश्वरी
पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक किरण माहेश्वरी आखिरकार कोरोना से जंग हार गईं। वे पिछले लगभग 22 दिन से गुरुग्राम के मेदान्ता अस्पताल की आईसीयू में भर्ती होकर ज़िन्दगी से जद्दोजहद कर रहीं थीं। वरिष्ठ डॉक्टर्स की टीम उनको स्वस्थ करने में लगी हुई थी लेकिन माहेश्वरी की हालत लगातार क्रिटिकल बनी रही।
किरण माहेश्वरी की पार्थिव देह आज उदयपुर लाई जायेगी जहां कोविड प्रोटोकॉल के तहत उनका अंतिम संस्कार होगा। भाजपा की कद्दावर नेत्री के चले जाने से ना सिर्फ भाजपा के बल्कि प्रदेश के सियासी सियासी गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई है।
गौरतलब है कि माहेश्वरी को 28 अक्टूबर को कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई थी जिसके बाद उन्हें अगले ही दिन अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। इसके बाद भी स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने के चलते उन्हें एयर एम्बुलेंस के ज़रिये 7 नवंबर को गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल शिफ्ट करवाया गया था। तभी से वे वहां आईसीयू में भर्ती रहीं।
राज्यपाल ने जाने थे हाल, कई नेताओं ने जताई थी चिंतित
राज्यपाल कलराज मिश्र ने शनिवार को ही माहेश्वरी के पति से फोन पर बात कर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी। इस दौरान राज्यपाल ने माहेश्वरी के जल्द स्वास्थ्य होने की कामना भी की थी।
वहीं भाजपा पार्टी में भी वरिष्ठ विधायक के स्वास्थ्य को लेकर चिंता बनी हुई थी। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया सहित अन्य नेता भी माहेश्वरी के पति से बात कर उनके स्वास्थ्य को लेकर लगातार फीडबैक ले रहे थे।
…इसलिए मानी गईं कद्दावर नेत्री
59 वर्षीय माहेश्वरी का लंबा सियासी सफ़र रहा है। वे उदयपुर की सांसद एवं उदयपुर नगर परिषद की पहली महिला सभापति रहीं। उन्होंने वसुंधरा सरकार में कैबिनेट मंत्री से लेकर भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पार्टी में कई महत्वपूर्ण पदों की ज़िम्मेदारी संभाली। मूल रूप से उदयपुर की रहीं माहेश्वरी राजसमंद से विधायक चुनी गईं। वे कोटा उत्तर नगर निगम की प्रभारी थीं और कोटा चुनाव के दौरान ही कोविड पॉजिटव हुईं।
वे अखिल भारतीय महेश्वरी महासाभा, वैश्य महासम्मेलन, इंडियन लायंस परिसंघ, भारत विकास परिषद, मृगेंद्र भारती, सावरकर स्मृति जैसे कई संगठनों में एक सक्रीय सदस्य भी रहीं।