राजस्थान हाइकोर्ट ने राजस्थान में पटाखों के रोक के मामले में दखल से इनकार किया
राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश में पटाखों और आतिशबाजी पर रोक के मामले में दखल से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि व्यक्ति की आजीविका के अधिकार से बड़ा जीवन जीने का अधिकार है। कोरोना महामारी के चलते राज्य सरकार का पटाखों पर पाबंदी का निर्णय सही है। इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार के आदेश के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया है। न्यायाधीश पंकज भंडारी और न्यायाधीश सीके सोनगरा की खंडपीठ ने यह आदेश राजस्थान फायरवर्क्स डीलर एंड मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन व अन्य की याचिकाओं पर दिया।
एसोसिएशन की ओर से कहा गया था कि राज्य सरकार के आतिशबाजी व पटाखों पर पाबंदी के फैसले से पटाखा उद्योग से जुड़े हजारों लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया है। किसी एजेंसी ने भी रिसर्च में यह दावा नहीं किया है कि पटाखे चलाने से कोरोना फैलेगा।
वहीं, एसोसिएशन ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट पूर्व में आतिशबाजी की समय सीमा तय कर चुका है, इसलिए राज्य सरकार भी पटाखों पर पूरी तरह से पाबंदी लगाने के बजाए, इन्हें चलाने के लिए समय सीमा तय कर दें।”