राजस्थान : मुख्यमंत्री गहलोत का दीवाली तोहफा, राज्य कर्मचारियों को मिलेगा बोनस
जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने एक बड़ा फैसला किया है. उन्होंने राज्य के करीब साढ़े आठ लाख गैर राजपत्रित कार्मिकों को दीपावली पर बोनस (Diwali bonus) देने की घोषणा की है. साथ में अब कोविड-19 (Covid 19) के नाम से वेतन कटौती भी स्वेच्छा से होगी. अब तक कार्मिकों के वेतन से अनिवार्य रूप से कटौती की जा रही थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने इस पर ढील दी है. मुख्यमंत्री ने राज्य कर्मचारियों को बोनस देने की घोषणा कर बड़ी राहत प्रदान की है. दरअसल, वित्तीय संकट से जूझ रही राज्य सरकार के सामने बोनस देना बड़ी चुनौती थी. कार्मिकों को इस बात की आशंका थी कि इस बार दीपावली पर उन्हें बोनस नहीं मिलेगा, लेकिन मुख्यमंत्री ने तदर्थ बोनस देने की घोषणा कर करीब साढे आठ लाख गैर राजपत्रित कार्मिकों को बड़ी राहत प्रदान की है.
मुख्यमंत्री के इस निर्णय से राजकोषीय राजकोष पर करें 700 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा.
नोटबंदी की चौथी बरसी मनाई कांग्रेस ने
इससे पहले आज राजस्थान कांग्रेस ने नोटबंदी की चौथी बरसी को विश्वासघात दिवस के तौर पर मनाया. सीएम अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके केंद्र सरकार पर निशाना साधा. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नोटबंदी पर श्वेत पत्र जारी किए जाने की मांग करते हुए रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बताएं कि नोटबंदी अपने कथित उद्देश्यों में कितनी सफल रही. गहलोत ने रविवार को कहा, ‘प्रधानमंत्री को चाहिए कि श्वेत पत्र निकालकर वे देशवासियों को बताएं कि नोटबंदी के दौरान नक्सलवाद, आतंकवाद खत्म होने और कालाधन वापस लाने का जो जिक्र किया गया था, उसपर क्या क्या प्रभाव हुआ है.’ उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को देश को बताना चाहिए कि अर्थव्यवस्था किस दिशा की ओर जा रही है. पूरा देश चिंतित है. व्यापार धंधे ठप हो रहे हैं. बेरोजगारी बढ़ रही है.
राज्यों के साथ केंद्र ने किया विश्वासघातगहलोत ने कहा कि बिहार में चुनाव के दौरान बेरोजगारी एक मुद्दा बना है. वह एक नमूना है कि किस प्रकार पूरा मुल्क बेरोजगारी से ग्रस्त हो गया है और नौजवानों में कितना आक्रोश है. इसकी झलक बिहार चुनाव में दिखी. उन्होंने कहा कि जीएसटी में राज्यों को हक नहीं देना कहां की समझदारी है. यह तो राज्यों के साथ केन्द्र सरकार का विश्वासघात है. यह संघीय प्रणाली में उचित नहीं है. गहलोत ने कहा कि नोटबंदी से ग्रामीण अर्थव्यवस्था पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गई.