अमेरिकी राष्ट्रपति की फाइनल डिबेट में ट्रम्प बोले भारत को देखो वहां की हवा गन्दी है।
अमेरिका में गुरुवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चुनाव में उनके प्रतिद्वंदी जो बाइडेन के बीच प्रेसिडेंशियल डिबेट हुई. इस डिबेट में हार-जीत तय करने को लेकर शुरुआती पोल्स सामने आ चुके हैं.
सीएनएन के शुरुआती पोल के मुताबिक, डिबेट देखने वाले 53 फीसदी वोटरों का मानना है कि इसमें बाइडेन ने बाजी मारी है, वहीं 39 फीसदी वोटर मानते हैं कि ट्रंप डिबेट में बाइडेन पर भारी पड़े. यहां ट्रंप के लिए राहत की बात ये हो सकती है कि पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट के बाद सीएनएन के शुरुआती पोल में डिबेट देखने वाले सिर्फ 28 फीसदी वोटरों ने कहा था कि ट्रंप ने डिबेट में जीत दर्ज की. जबकि गुरुवार डिबेट में ट्रंप के लिए यह आंकड़ा बढ़ा है.
महिलाओं में से 60 फीसदी का मानना है कि बाइडेन ने गुरुवार की डिबेट जीती है, जब ट्रंप के लिए ऐसा सोचने वाली महिलाएं 35 फीसदी हैं. पुरुषों में से 47 फीसदी को लगता है कि बाइडेन डिबेट में जीते हैं, जबकि ट्रंप को विजेता मानने वाले 44 फीसदी हैं.
सीएनएन के मुताबिक, गुरुवार की डिबेट देखने वालों में से 56 फीसदी का कहना है कि ट्रंप अर्थव्यवस्था को बेहतर तरीके से चला सकते हैं, जबकि बाइडेन के समर्थन में ऐसा सोचने वालों का आंकड़ा 44 फीसदी का है. विदेश नीति पर 50 फीसदी लोगों की पहली पसंद बाइडेन हैं, जबकि 48 फीसदी इसे लेकर ट्रंप को बाइडेन से अच्छा मानते हैं.
कोरोना वायरस से निपटने में बाइडेन पर 57 फीसदी लोगों ने भरोसा जताया है, जबकि ट्रंप के लिए यह आंकड़ा 41 फीसदी का है. क्लाइमेट चेंज के मुद्दे पर भी बाइडेन ने बाजी मारी है, उनके समर्थन में 67 फीसदी लोग हैं, जबकि ट्रंप के समर्थन में महज 29 फीसदी.
आपको बता दे कि कहने को तो ट्रंप हमारे दोस्त बताए जाते हैं, लेकिन हमारे लिए जब बोलते हैं कुछ बुरा ही बोलते हैं. आखिरी प्रेशिडेंशियल डिबेट में उन्होंने कहा- देखिए भारत में कितनी गंदगी है. ये बात उन्होंने तब कही जब जलवायु परिवर्तन पर बहस हो रही थी. उन्होंने कहा- भारत, चीन और रूस अपनी हवा को लेकर परवाह नहीं करते, जबकि अमेरिका करता है. चीन की हवा गंदी है. देखिए भारत कितना गंदा है, रूस अपनी हवा की परवाह नहीं करता है, लेकिन हम करते हैं.
ट्रंप ने कहा कि पेरिस जलवायु समझौते से हट गए क्योंकि इसने अमेरिका को “गैर-प्रतिस्पर्धी देश” बना दिया होता. इससे पहले डिबेट में ट्रंप कह चुके हैं कि भारत कोरोना के कारण हुई मौतों का सही आंकड़ा नहीं देता. ट्रंप की चुनावी मजबूरी है कि वो अपने आप को डिफेंड करें लेकिन ये समझ से परे है कि जिस देश ने उन्हें इतना प्यार दिया, नमस्ते ट्रंप जैसा भव्य कार्यक्रम कर उनका स्वागत किया, उसका हर बार वो अपमान क्यों करते हैं?