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कोरोना को लेकर हुई स्टडी में दावा : भारत हर्ड इम्युनिटी की स्टेज में, लगभग 38 करोड़ हो चुके है संक्रमित

कोरोना वायरस का कहर भारत में लगातार फैल रहा है, देश में कम्युनिटी ट्रांसमिशन की बात स्वीकारी जा चुकी है. इस बीच एक स्टडी का दावा है कि भारत में अबतक करीब 38 करोड़ लोग इस वायरस से प्रभावित हो चुके हैं और अब देश हर्ड इम्युनिटी की स्टेज में पहुंच चुका है.
इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने भारत में कोरोना वायरस को लेकर एक स्टडी पब्लिश की है, जिसमें SAIR मॉडल के तहत अध्ययन किया गया है. कहा गया है कि अगर इस मॉडल की मानें तो भारत में 38 करोड़ लोग हर्ड कम्युनिटी की स्टेज तक पहुंच गए हैं लेकिन अभी भी खुद की सुरक्षा करना काफी जरूरी है. इस स्टडी को मनिंद्रा अग्रवाल, माधुरी कनितकर, एम. विद्यासागर ने लिखा है.
स्टडी के मुताबिक, भारत में तय समय पर किए गए सख्त लॉकडाउन के कारण कोरोना की रफ्तार कम रही. अगर मार्च में लॉकडाउन ना होता तो जून में ही पीक आ गया होता. ऐसी स्थिति में 1.4 करोड़ केस और 26 लाख मौतें हो सकती थीं.
Susceptible-asymptomatic-infected-recovered (SAIR) मॉडल के मुताबिक, भारत में बड़ी जनसंख्या के हिसाब से टेस्टिंग काफी कम हुई है, ऐसे में काफी लोग ऐसे हैं जो बिना लक्षण के कोरोना की चपेट में आए हैं लेकिन उसका पता नहीं चला.
मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक, भारत में 17 सितंबर को पीक आया था. अगर दिल्ली की बात करें तो यहां पर दूसरी वेव करीब एक हफ्ते ही पहले आ गई थी, पहली वेव 20 फीसदी तक तेज थी, जबकि दूसरी वेव दस फीसदी तक तेज थी. दिल्ली का ही सीरो सर्वे करीब 24 फीसदी लोगों को कोरोना से संक्रमित बता चुका था.
स्टडी में कहा गया है कि लॉकडाउन ना होने पर दो मिलियन से अधिक मौत हो सकती थी, एक अप्रैल से एक मई के बीच के ही लॉकडाउन ने करीब पांच से दस लाख तक मौतों को कम कर दिया. हालांकि, अभी भी देश में कोरोना को लेकर काफी चिंताएं बरकरार हैं. अभी भी देश में कोरोना महामारी का बिल्कुल सटीक डाटा उपलब्ध नहीं है, जिससे आगे के लिए कोई रिसर्च की जा सके.


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