पीएम मोदी ने कहा लॉकडाउन खत्म हुआ है कोरोना नही, पढ़िये संबोधन की खास बातें
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सातवीं बार देश को संबोधित किया। कोरोना के खिलाफ जनता कर्फ्यू से लेकर आज तक हम सभी भारतीयों ने एक बहुत लंबा सफर तय किया है।
समय के साथ आर्थिक गतिविधियों में भी धीरे-धीरे तेजी नजर आ रही है। हम में से अधिकांश लोग, अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए, फिर से जीवन को गति देने के लिए, रोज घरों से बाहर निकल रहे हैं। त्योहारों के इस मौसम में बाजारों में भी रौनक धीरे-धीरे लौट रही है।
उन्होंने कहा कि जब तक कोरोना के खिलाफ लड़ाई में देश को सफलता नहीं मिल जाती तब तक लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने शाम छह बजे राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि भारत आज संभली हुई स्थिति में है और किसी भी सूरत में इसे बिगड़ने नहीं देना है।
जानिए बड़ी बातें
कोविड-19 महामारी के बाद अपने सातवें राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ”समय के साथ आर्थिक गतिविधियां भी तेजी से बढ़ रही हैं। हम में से अधिकांश लोग अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए, फिर से जीवन को गति देने के लिए, रोज घरों से बाहर निकल रहे हैं। त्योहारों के इस मौसम में बाजारों में भी रौनक धीरे-धीरे लौट रही है।”
उन्होंने कहा, ”लेकिन हमें ये भूलना नहीं है कि लॉकडाउन भले चला गया हो, वायरस नहीं गया है। बीते 7-8 महीनों में, प्रत्येक भारतीय के प्रयास से, भारत आज जिस संभली हुई स्थिति में हैं, हमें उसे बिगड़ने नहीं देना है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि एक कठिन समय से निकलकर देश आगे बढ़ रहा है और थोड़ी सी लापरवाही इस गति को रोक सकती है।
उन्होंने कहा, ”थोड़ी सी लापरवाही हमारी खुशियों को धूमिल कर सकती है। जीवन की ज़िम्मेदारियों को निभाना और सतर्कता ये दोनों साथ-साथ चलेंगे तभी जीवन में खुशिया बनी रहेंगी।”
हमें ये भूलना नहीं है कि लॉकडाउन भले चला गया हो, वायरस नहीं गया है। बीते 7-8 महीनों में, प्रत्येक भारतीय के प्रयास से, भारत आज जिस संभली हुई स्थिति में हैं, हमें उसे बिगड़ने नहीं देना है और अधिक सुधार करना है।
आज देश में रिकवरी रेट अच्छी है, Fatality Rate कम है। दुनिया के साधन-संपन्न देशों की तुलना में भारत अपने ज्यादा से ज्यादा नागरिकों का जीवन बचाने में सफल हो रहा है। कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई में टेस्ट की बढ़ती संख्या हमारी एक बड़ी ताकत रही है।
सेवा परमो धर्म: के मंत्र पर चलते हुए हमारे doctors, nurses, health workers इतनी बड़ी आबादी की निस्वार्थ सेवा कर रहे हैं। इन सभी प्रयासों के बीच, ये समय लापरवाह होने का नहीं है। ये समय ये मान लेने का नहीं है कि कोरोना चला गया, या फिर अब कोरोना से कोई खतरा नहीं है।
कई लोगों ने अब सावधानी बरतना बंद कर दिया है। ये ठीक नहीं है। अगर आप लापरवाही बरत रहे हैं, बिना मास्क के बाहर निकल रहे हैं, तो आप अपने आप को, अपने परिवार को, अपने परिवार के बच्चों को, बुजुर्गों को उतने ही बड़े संकट में डाल रहे हैं।
एक कठिन समय से निकलकर हम आगे बढ़ रहे हैं, थोड़ी सी लापरवाही हमारी गति को रोक सकती है, हमारी खुशियों को धूमिल कर सकती है। जीवन की जिम्मेदारियों को निभाना और सतर्कता ये दोनो साथ-साथ चलेंगे तभी जीवन में खुशीयां बनी रहेंगी।
मैं आज मीडिया और सोशल मीडिया के साथियों से कहना चाहता हूं कि आप जागरूकता लाने के लिए इन नियमों का पालन करने के लिए जितना जन-जागरण अभियान करेंगे ये आपकी तरफ से देश की बहुत बड़ी सेवा होगी।
लेकिन हमें ये भूलना नहीं है कि लॉकडाउन भले चला गया हो, वायरस नहीं गया है। बीते 7-8 महीनों में, प्रत्येक भारतीय के प्रयास से, भारत आज जिस संभली हुई स्थिति में हैं, हमें उसे बिगड़ने नहीं देना है।