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शारदीय नवरात्रा कल से, घोड़े पर सवार होकर मन की मुराद पूरी करने आएगी दुर्गा माँ

इस साल शारदीय नवरात्र पर राजयोग, द्विपुष्कर योग, सिद्धियोग, सर्वार्थसिद्धि योग और अमृत योग जैसे संयोग बन रहे हैं। 17 से 25 अक्तूबर तक नवरात्र मनाए जाएंगे। मान्यता है कि इन दिनों मां दुर्गा का पाठ करना बहुत ही उत्तम रहता है। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस बार नवरात्र पर मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं और भैंसे पर सवार होकर विदा होंगी। इसे शुभ नहीं माना जा रहा। ऐसा कहा जाता है कि माता के वाहन के रूप से भविष्य के कई संकेत मिलते हैं।
ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्रपुरी के अनुसार 17 अक्तूबर को घट स्थापना मुहूर्त सुबह 06:27 से 10:13 बजे तक रहेगा। अभिजित मुहूर्त सुबह 11:44 मिनट से दोपहर 12:29 बजे तक होगा। 23 अक्तूबर को सुबह 6:30 बजे पर सप्तमी तिथि रहेगी। इसलिए सप्तमी तिथि को सातवां नवरात्र मानेंगे। 24 को सुबह 6:59 पर अष्टमी तिथि रहेगी जबकि सूर्य उदय 6:30 पर होगा। कंजक व अष्टमी पूजन इसी सुबह माना जाएगा। इसके बाद नवमीं तिथि लग जाएगी।
इस साल नवरात्रि पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार, नवरात्रि के हर दिन अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर मां दुर्गा भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए पृथ्वी पर आती हैं। बताया जा रहा है कि इस बार मां दुर्गा शेर की सवारी छोड़ घोड़े पर सवार होकर आएंगी और भैसें पर विदा होंगी।
नवरात्रि 17 अक्टूबर से शुरू होकर 25 अक्टूबर तक रहेंगे। इस बार अष्टमी और नवमी एक ही दिन पड़ रही है। 24 अक्टूबर को सूर्योदय के समय अष्टमी और दोपहर को नवमी तिथि रहेगी। 25 अक्टूबर को दशमी तिथि
इस साल की तरह की अगली साल भी नवरात्रि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 2021 को मां दुर्गा का वाहन अश्व यानी घोड़ा ही होगा। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, लगातार दो नवरात्रि में मां दुर्गा का एक ही वाहन होना शुभ संकेत नहीं है।
58 साल बाद बन रहा शुभ संयोग-
इस साल नवरात्रि में खास संयोग बन रहा है। बताया जा रहा है कि यह शुभ संयोग 58 साल बाद पड़ रहा है। इस साल शनि और गुरू अपनी स्वराशि मकर और धनु में रहेंगे। इस संयोग को बेहद शुभ माना जा रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस खास संयोग से मां दुर्गा जल्दी प्रसन्न होंगी और मनोकामनाओं को पूरा करेंगी।
किस दिन मां के कौन-से स्वरूप की होगी पूजा-
17 अक्टूबर- मां शैलपुत्री पूजा, घटस्थापना
18 अक्टूबर- मां ब्रह्मचारिणी पूजा
19 अक्टूबर- मां चंद्रघंटा पूजा
20 अक्टूबर- मां कुष्मांडा पूजा
21 अक्टूबर- मां स्कंदमाता पूजा
22 अक्टूबर- षष्ठी मां कात्यायनी पूजा
23 अक्टूबर- मां कालरात्रि पूजा
24 अक्टूबर- मां महागौरी दुर्गा पूजा
25 अक्टूबर- मां सिद्धिदात्री पूजा
 


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