राजस्थान के बाद अब यूपी में पुजारी को बनाया निशाना, जमीन विवाद को लेकर गोली मारी
राजस्थान में पुजारी को जिंदा जलाने के बाद अब उत्तर प्रदेश में जमीन विवाद में गोंडा जिले में एक पुजारी को गोली मारी गई है। यह मामला कोतवाली इटियाथोक क्षेत्र के तिर्रे मनोरमा का है। बताया जा रहा है कि श्री राम जानकी मंदिर के पुजारी को शनिवार की रात लगभग दो बजे गोली मार दी गई। गोली लगने से पुजारी अतुल बाबा उर्फ सम्राट दास गंभीर रूप से घायल हो गए। उनको इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया। गंभीर होने के कारण डॉक्टरों ने लखनऊ रेफर कर दिया है। यह मामला भी जमीन विवाद का बताया जा रहा है।
कोतवाल संदीप कुमार सिंह ने बताया कि अतुल बाबा उर्फ सम्राट दास राम जानकी मंदिर तिर्रे मनोरमा में पूजा पाठ करते हैं और विगत दो साल से मंदिर पर रहते हैं।
शनिवार को रात को लगभग दो बजे कुछ लोगों ने मंदिर परिसर में आकर गोली मार दी। मंदिर के पुजारी सीताराम दास ने चार लोगों के विरुद्ध तहरीर दी है।
कोतवाल संदीप कुमार सिंह ने बताया कि चारों आरोपियों के खिलाफ धारा हत्या के प्रयास में मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है। और तलाश की जा रही है। उन्होंने बताया मंदिर से संबंधित भूमि का विवाद भी चल रहा है। घटना के पीछे भू-माफियाओं का हाथ बताया जा रहा है। पुलिस ने घटना के मामलें में फिलहाल दो लोगों को हिरासत में ले लिया है। हालांकि अभी इसकी पुष्टि वह नहीं कर रही है।
राजस्थान में क्यों हुई थी पुजारी की हत्या
राजस्थान पुलिस के अनुसार घटना सापोटरा के बूकना गांव की थी। वहां बुधवार को एक मंदिर के पुजारी बाबू लाल वैष्णव पर पांच लोगों ने हमला किया। आरोप है कि मंदिर के पास की खेती की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे इन लोगों ने पुजारी पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी। पुलिस के मुताबिक, मरने से पहले पुजारी ने पुलिस को बताया था कि कैलाश मीणा अपने साथियों शंकर, नमो, किशन और रामलखन के साथ मंदिर के बाड़े पर कब्जा कर छप्पर लगा रहा था। मैंने विरोध किया तो पेट्रोल डालकर आग लगा दी। मेरा परिवार मंदिर की 15 बीघा जमीन पर खेती कर अपना गुजारा करता है।
विवाद कैसे शुरू हुआ :
बाबूलाल वैष्णव सपोटरा तहसील के बूकना गांव के पुराने राधाकृष्ण मंदिर में पूजा करते थे। ग्रामीणों ने मंदिर के लिए खेती की जमीन दान दी थी, जो राजस्व रिकॉर्ड में मंदिर माफी में दर्ज है। करीब एक महीने पहले कुछ लोग जमीन पर कब्जा करने की कोशिश करने लगे। पुजारी ने इसकी शिकायत की थी। 4-5 दिन पहले भी गांव के 100 घरों की बैठक हुई थी, जिसमे पंचों ने पुजारी का समर्थन किया था।