हाथरस कांड में योगी सरकार की कार्यवाही, एसपी, डीएसपी, इंस्पेक्टर को किया निलंबित
हाथरस कांड पर चौतरफा घिरी योगी सरकार ने वहां के एसपी, डीएसपी व इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा संबंधित पुलिसकर्मियों का नार्को टेस्ट भी किया जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्राथमिक जांच रिपोर्ट के आधार पर मौजूदा एसपी, डीएसपी, इंस्पेक्टर व कुछ अन्य के खिलाफ सस्पेंशन की कार्रवाई करने के निर्देश दिए। हालांकि इस बात की पहले से ही आशंका जताई जा रही थी कि डीएम प्रवीण कुमार और एसपी विक्रांत वीर पर कार्रवाई हो सकती है और हुआ भी ऐसा ही। इस आदेश के बाद एसपी विक्रांत वीर की जगह एसपी शामली विनीत जयसवाल को हाथरस का नया एसपी नियुक्त किया गया है। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस में बीते दिन के पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट तलब की है।
जिला व पुलिस प्रशासन की भूमिका के बारे में पूरा ब्योरा मांगा गया है। इस बीच हाथरस कांड पर सीएम योगी ने शुक्रवार ने ट्वीट करके कहा- ‘उत्तर प्रदेश में माताओं-बहनों के सम्मान-स्वाभिमान को क्षति पहुंचाने का विचार मात्र रखने वालों का समूल नाश सुनिश्चित है। इन्हें ऐसा दंड मिलेगा जो भविष्य में उदाहरण प्रस्तुत करेगा। यह हमारा संकल्प है-वचन है।’
हाथरस कांड बीते तीन दिन से सुर्खियों में हैं। पीड़िता की मौत के बाद लखनऊ से लेकर दिल्ली तक सियासत गरमा गई है। जिस तरह से सभी विपक्षी दल एकजुट होकर योगी सरकार पर हमलावर हैं उसके बाद इस बात का पहले से अंदेशा था कि सरकार इस मामले में कार्रवाई करेगी। भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री खुद पूरे मामले पर नजर रखे हुए हैं।
दरअसल, रात में पीड़िता का अंतिम संस्कार कराए जाने का मामला शासन के गले की हड्डी बन गई थी। जिस तरह आनन-फानन में देर रात पीड़िता का अंतिम संस्कार किया गया उसके बाद ही प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठने लगे थे। हाईकोर्ट ने भी इसी को लेकर नाराजगी जताई है। शासन का कोई भी अधिकारी यह बताने को तैयार नहीं है कि रात में अंतिम संस्कार किसके निर्देश पर किया गया। सोशल मीडिया पर वायरल हुए हाथरस डीएम प्रवीण कुमार के एक वीडियो को भी सरकार ने काफी गंभीरता से लिया जिसमें वह पीड़िता के पिता से धमकाने वाले अंदाज में बात करते दिख रहे थे।