नाबालिक बालिका ने चाइल्ड हेल्पलाइन से मांगी हेल्प, माँ से बचाने की लगाई गुहार
श्रीगंगानगर. शहर की एक नाबालिग बालिका (Minor girl) ने मां की प्रताड़ना से परेशान होकर बहादुरी दिखाते हुये चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर पर फोन किया. बच्ची ने बाल कल्याण समिति (Child Line and Child Welfare Committee) से मां से खुद को बचाने की गुहार लगाई. नाबालिग का कहना है कि उसकी मां उसे गलत काम के दलदल में घसीटना चाहती है. इस पर बाल कल्याण समिति ने तत्परता बरतते हुए बालिका का बयान दर्ज किया है. समिति अब बालिका की शिकायत पर आरोपी मां के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवाने की तैयारी कर रही है.
जानकारी के अनुसार, मामला शहर के शिवाजी नगर जुड़ा है. यहां रहने वाली 14 वर्षीय नाबालिग बालिका ने चाइल्ड लाइन को फोन कर बताया कि वह और उसके दो भाई अपने पिता के साथ रहते हैं. करीब 4 माह पहले उसकी मां केरी गांव में किसी और के साथ रहने लगीं. कुछ दिन पहले मां ने पिता के खिलाफ मामला भी दर्ज करवा दिया. बालिका ने बताया कि मां ने घर आकर उनके साथ मारपीट की और बोली कि तू मेरे साथ चल. वहीं रहेंगे और जो मैं कहूंगी वह तुम करना तो तुम्हें खूब पैसे मिलेंगे
बच्ची का आरोप- मां का चाल चलन ठीक नहीं
बालिका ने बताया कि उसके पिता मजदूरी कर अपना और उनका पेट पाल रहे हैं. वह पिता के साथ किराए के मकान में रहती है. बालिका ने अपने और अपने भाइयों के संरक्षण की गुहार लगाई है. चाइल्डलाइन ने इस बारे में बाल कल्याण समिति अध्यक्ष एडवोकेट लक्ष्मीकांत सैनी को बताया. इस पर गुरुवार को लक्ष्मीकांत सैनी, सदस्य प्रभा शर्मा और चाइल्डलाइन के जिला समन्वयक त्रिलोक वर्मा बालिका के घर पहुंचे और बच्ची का बयान दर्ज किया. बयानों में बालिका ने बताया कि उसकी मां का चाल चलन ठीक नहीं है और वह गैर मर्दों के साथ रहती हैं. बालिका का कहना है कि वह उसे भी इस दलदल में घसीटना चाहती हैं, लेकिन वह और उसके भाई पिता के साथ ही रहना चाहते हैं.
सातवीं कक्षा में पढ़ती है बालिका
बाल कल्याण समिति ने पड़ोस के लोगों से पीड़िता की मां के बारे में जानकारी जुटाई तो मामला प्रथम दृष्टया सही पाया गया है. बाल कल्याण समिति ने बच्चों को संरक्षण दिया है और बच्ची के बयान के आधार पर उसकी मां के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए संबंधित थाने को निर्देशित किया है. चाइल्डलाइन के जिला समन्वयक त्रिलोक वर्मा ने बताया है कि बालिका सातवीं कक्षा में पढ़ती है.