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शिक्षा निदेशालय ने परीक्षाओं को लेकर जारी किए सख्त दिशा निर्देश

प्रदेश के कॉलेजों में शुरू होने जा रही यूजी और पीजी अंतिम वर्ष की परीक्षाओं में ड्यूटी कर रहे वीक्षकों के परीक्षा के दौरान मोबाइल पर बात करने पर रोक रहेगी। इस संबंध में कॉलेज शिक्षा निदेशालय की ओर से सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। वीक्षकों को अपना मोबाइल साइलेंट मोड में रखना होगा। शिक्षा निदेशालय का मानना है कि कुछ वीक्षक ड्यूटी के दौरान परीक्षा कक्ष में मैगजीन पढ़ते हैं या परीक्षा कक्ष के द्वार पर खड़े रहते हैं। वह सतर्कता से नहीं घूमते और समूह बनाकर बैठे रहते हैं जो ड्यूटी के प्रति लापरवाही की श्रेणी में आता है। वहीं कुछ वीक्षक इस दौरान उत्तर पुस्तिका चैक करने या अन्य काम करते हैं जो अनुशासनहीनता है। यदि किसी भी परीक्षा केंद्र पर इस प्रकार की घटना देखने में आती है तो दोषी वीक्षक पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
मुख्यद्वार पर करनी होगी चैकिंग
निदेशालय ने निर्देश दिए हैं कि परीक्षार्थियों की चैकिंग परीक्षा केंद्र के मुख्यद्वार पर की जाए। परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने से पूर्व उनकी चैकिंग की व्यवस्था होने से वह नकल से संबंधित कोई भी सामग्री, मोबाइल आदि परीक्षा कक्ष में लेकर नहीं जा सकेंगे। इतना ही नही जब तक परीक्षा समाप्त नहीं हो जाती परीक्षा सुपरवाइजर को परीक्षा कक्षों के बाहर ही रहना होगा। उसे परीक्षा पत्र वितरित करने के बाद स्टाफ रूम में जाने की अनुमति नहीं होगी। परीक्षा के दौरान यदि कोई वीक्षक कुछ समय के रिलीव होता है तो ऐसे समय में सुपरवाइजर को परीक्षा कक्ष का ध्यान रखना होगा।
फ्लाइंग स्कवॉड के साथ रहें केंद्राधीक्षक
परीक्षा के समय चैकिंग के दौरान स्थानीय फ्लाइंग स्क वॉड के साथ केंद्राधीक्षक,अतिरिक्त केंद्राधीक्षक और सहायक केंद्राधीक्षक का होना जरूरी होगा। कॉलेज शिक्षा का कहना है कि देखने में आया है कि कॉलेज की फ्लाइंग स्कवॉड के सदस्य कक्षा कक्षों की जांच कर स्टाफ रूम में या किसी भी जगह एक साथ बैठ जाते हैं,जो सही नहीं है इसलिए जरूरी है कि स्कवॉड के सदस्य चैकिंग करने के बाद अलग अलग विंग में जाकर परीक्षा के सफल संचालन को सुनिश्चित करें।
नियमित परीक्षार्थी को परीक्षा कार्य का दायित्व नहीं
परीक्षा केंद्रों पर वीक्षक लगाए जाने के लिए भी निदेशालय ने कुछ निर्देश दिए हैं जिसके मुताबिक किसी भी नियमित या स्वयंपाठी परीक्षार्थी को परीक्षा संबंधी कार्य नहीं दिया जा सकेगा। यदि किसी कॉलेज में उसी कॉलेज के किसी अधिकारी या कार्मिक का रिश्तेदार परीक्षा दे रहा है तो संबंधित कार्मिक को परीक्षा प्रश्नपत्र की ड्यूटी और वीक्षण कार्य में नहीं लगाया जा सकेगा। पिछले पांच साल में रिटायर हुए व्याख्याता,प्रयोगशाला सहायक मंत्रालयिक कर्मचारियों को परीक्षा कार्य में लगाया जा सकता है। कोई भी कर्मचारी और अधिकारी संस्था प्रधान की अनुमति के बिना कार्यालय नहीं छोड़ सकेगा। प्राचार्य और केंद्राधीक्षक को प्रश्न पत्र वाहक से खुद प्रश्नपत्र लेने होंगे।


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