मौसम अपडेट- 44 साल बाद जल्दी आएगी सर्दी, पूरी सितम्बर हो सकती है बारिश
44 साल बाद इस वर्ष मौसम अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ने को तैयार है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक इस बार ठंड भी जल्द दस्तक देगी और पूरे सितंबर माह तक झमाझम होने की संभावना है। देशभर में अगस्त में अधिक वर्षा, हवा की दिशा में परिवर्तन और समुद्र की सतह का पानी ठंडा होना ला नीना के असर का संकेत कर रहे हैं। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विशेषज्ञ के मुताबिक इस बार सर्दी जल्दी और काफी पड़ सकती है, जबकि बारिश के सितंबर भर जारी रहने के आसार हैं।
ला नीना के सक्रिय होने की संभावना
मौसम विज्ञानी सुनील पांडेय ने बताया कि अगस्त की वर्षा ने पिछले 44 साल का रिकॉर्ड तोड़ा है, जबकि हवा में 3 दिन से ठंडक महसूस हो रही है। इससे ला नीना के सक्रिय होने की पूरी संभावना है। इसका असर इंडोनेशियाई क्षेत्र, मैक्सिको की खाड़ी, दक्षिणी अमेरिका समेत कई द्वीप पर पड़ेगा। भारत के दक्षिण क्षेत्र में भी ठंड का अनुभव होगा। हालांकि अब तक मौसम विभाग की कोई घोषणा या अलर्ट जारी नहीं किया गया है।
मानसून का रुख तय करने वाली समुद्री घटना
ला नीना मानसून का रुख तय करने वाली समुद्री घटना है, जो कि सात से आठ साल में अल नीनो के बाद होती है। अल नीनो में जहां समुद्र की सतह का तापमान बहुत अधिक बढ़ जाता है, वहीं ला नीना में समुद्र की सतह का तापमान कम होने लगता है। इसके पीछे बड़ी वजह हवा की दिशा में बदलाव होना है। इसमें समुद्री क्षेत्रों में हवा की रफ्तार 55 से 60 किमी रहती है। मैदानी क्षेत्रों में यह 20 से 25 किमी की गति से चलती है।
भूमध्य रेखा के पास से होता सक्रिय
डॉ. पांडेय ने बताया कि ला नीना भूमध्य रेखा के आसपास प्रशांत महासागर के करीब सक्रिय होता है। इसका असर अन्य महाद्वीपों में नजर आता है। प्रशांत महासागर का सबसे गर्म हिस्सा भूमध्य सागर के नजदीक रहता है। पृथ्वी के घूर्णन के कारण वहां हवा पूर्व से पश्चिम की ओर चलती हैं, जबकि ला नीना में यह परिवर्तित होती रहती हैं।