भाजपा युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा का काउंटडाउन शुरू
प्रदेश भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पद पर बहुप्रतीक्षित सस्पेंस जल्द ख़त्म होने की उम्मीद है। पार्टी की युवा ब्रिगेड की बागडोर किसे थमाई जाए इसे लेकर प्रदेश नेतृत्व का मंथन लगभग पूरा हो चुका है, अब औपचारिक मुहर लगाकर घोषणा ही शेष रह गई है। गौरतलब है भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में कई युवा नेता दावेदारी कर रहे हैं, जिससे इस महत्वपूर्ण पद पर घोषणा हमेशा की तरह दिलचस्प बना हुआ है।
इसलिए और ज़्यादा दिलचस्प बन रही नियुक्ति
भाजपा युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए वैसे तो विभिन्न जिलों से कई नेता दावेदारी कर रहे हैं। लेकिन इन नामों में भी चार नामों पर सबसे ज़्यादा चर्चा हो रही है। इनमें पूर्व उपराष्ट्रपति दिवंगत भैरोंसिंह शेखावत के दोहिते व विधायक नरपत सिंह राजवी के पुत्र अभिमन्यु राजवी, प्रदेश प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज, युवा नेता मिथिलेश गौतम और जोगेंदर सिंह राजपुरोहित के नाम लिए जा रहे हैं।
उधर, प्रदेश नेतृत्व की ओर से मंगलवार को घोषित हुई मीडिया पैनालिस्ट की टीम में अभिमन्यु राजवी और लक्ष्मीकांत भारद्वाज को भी जगह दी गई है। ऐसे में मिथिलेश गौतम और जोगेंदर राजपुरोहित खेमे सहित अन्य संभावित दावेदारों के बीच उम्मीद बढ़ गई है। मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए इस पद पर घोषणा बेहद दिलचस्प होती दिख रही है।
ये नाम भी दौड़ में
भायुमो प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में युवा नेताओं की फहरिस्त इस बार कुछ ज़्यादा ही बड़ी है। जानकारों की माने तो अध्यक्ष बनने के लिए लगभग एक दर्जन युवा नेता शामिल हैं। बताया जा रहा है कि अभिमन्यु, लक्ष्मीकांत, मिथिलेश और जोगिन्दर सिंह के अलावा युवा नेता महेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश वर्मा, गजपाल सिंह राठौड़, प्रेम सिंह वनवासा, चन्द्रभान सिंह, श्याम शर्मा, जेपी यादव, नरेन्द्र धाकड़, धर्मा दागुर, संदीप दायमा कमल चौधरी और विकास चौधरी जैसे नाम इस दौड़ में शामिल हैं।
केंद्रीय संगठन तक लॉबिंग!
भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष पद पाने के लिए सभी संभावित दावेदार जी-तोड़ कोशिशों में जुटे हैं। मौके को भुनाने के लिए पिछले कई दिनों से ये युवा नेता अपने-अपने नेताओं की शरण में जा पहुंचे हैं। सूत्रों की माने तो प्रदेश से लेकर केंद्रीय संगठन तक में ‘धोक’ लगाई गई है।
पूनिया-वसुंधरा कैम्प में ‘टकराव’ पर भी नज़र
इधर, कार्यकारिणी में वसुंधरा राजे खेमे के नेताओं को जगह नहीं मिल पाने की खबरें सुर्ख़ियों में रहने के बाद अब मोर्चे और प्रकोष्ठों में होने वाली महत्वपूर्ण नियुक्तियों पर भी पार्टी के नेताओं में टकराव की स्थिति बन सकती है। पार्टी के अंदरूनी गलियारों में इस बात की चर्चा ज़ोरों पर है कि इस बार की नियुक्तियों में क्या पूनिया कैम्प के नेताओं को तवज्जो मिलती है या वसुंधरा राजे कैम्प के नेताओं को।
बेसब्री से हो रहा इंतज़ार
भाजयुमो के नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा को लेकर इंतज़ार लंबा हो चला है। डॉ सतीश पूनिया के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से ही उम्मीदें लगाई जा रही थीं कि पार्टी के सभी मोर्चों और प्रकोष्ठों में बड़े पैमाने पर बदलाव किये जायेंगे। हालांकि कोरोना और विधायकों की कथित खरीद-फ़रोख मामले पर गरमाई राजनीति की वजह से ये नियुक्तियां अटक गईं। अब किसी भी वक्त पार्टी के मोर्चे और प्रकोष्ठों की ‘नई शक्ल’ सामने होगी।