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क्या कहती है WHO की रिपोर्ट, क्यों है खतरनाक स्कूल खोलना



देश में निजी स्कूल जहां लगातार स्कूल खोलने के लिए सरकार पर दबाव बना रहे हैं, वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ की स्कूल खोलने संबंधी रिपोर्ट एक अलग ही चेतावनी से आगाह कर रही है। खबर है कि सरकार 15 अगस्त के बाद स्कूल खोलने की घोषणा कर सकती है और आगामी सितंबर माह से बड़ी क्लास 10वीं से 12वीं तक के बच्चों के लिए देशभर में स्कूल खोले जा सकते हैं। इस बीच यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूनिसेफ की रिपोर्ट पर यकीन किया जाए तो भारत में फिलहाल स्कूल खोलना खतरनाक हो सकता है।
WHO और यूनिसेफ के मुताबिक भारत के प्रति तीन स्कूलों में से केवल एक स्कूल में पीने का पानी की व्यवस्था है, ऐसी हालत में भारत के स्कूलों में कोविड-19 महामारी के मद्देनजर हालत खतरनाक हो सकते हैं। गौरतलब है कि पानी के अभाव में बार-बार हाथ नहीं धोने से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ सकता है। हालांकि WHO और यूनिसेफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले की तुलना में अब भारत में हेंड वॉश करने की सुविधा में तेजी से बढ़ोतरी हुई है लेकिन देश के कई इलाके अभी भी ऐसे हैं, जहां स्कूलों में साबुन की कमी है।

WHO और यूनिसेफ की रिपोर्ट के मुताबिक विश्व स्तर पर 469 मिलियन से अधिक बच्चों के पास 2019 में स्कूल में स्वच्छता संबधी कोई सेवा उपलब्ध नहीं थी। इन बच्चों में 244 मिलियन बच्चे अफ्रीका से हैं। WHO और यूनिसेफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 60 देशों में कोविड-19 के कारण स्वास्थ्य और मानवीय संकट का सबसे अधिक खतरा है। आधे से ज्यादा देशों के पास तो बुनियादी स्वच्छता सेवा का भी अभाव है। रिपोर्ट में भारत के संबंध में कहा गया है कि अधिकांश स्कूलों में विशेष जरूरत वाले बच्चों के लिए शौचालय सुविधा का भी अभाव है। ऐसे में भारत में कोविड-19 महामारी के बढ़ते संक्रमण के बीच स्कूलों को खोलना खतरनाक साबित हो सकता है। यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक ने कहा कि हमें बच्चों की शिक्षा को प्राथमिकता देना चाहिए, लेकिन बच्चों की सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए।


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