अब हिचकी आए तो ये मत समझिए कि कोई याद कर रहा है, ये कोरोना भी हो सकता है
अमेरिका के कुक काउंटी हेल्थ के डॉक्टरों ने एक 62 वर्षीय व्यक्ति के केस रिपोर्ट को विस्तार से बताया, जो चार दिनों तक लगातार हिचकी से पीड़ित होने के बाद अस्पताल के आपातकालीन विभाग में भर्ती हुआ था। लगातार हिचकी को हिक-कफ भी कहा जाता है। रोगी को पहले कभी फेफड़ों की बीमारी नहीं हुई थी और पिछले चार महीनों में उसका लगभग 11 किलो वज़न कम हो गया, वह भी बिना कोशिश किए।
मरीज़ में कोरोना वायरस के लक्षण नहीं थे
मरीज़ को 4 दिन लगातार हिचकियों के बाद अस्पताल में भर्ती किया था और उसमें कोरोना वायरस के कोई लक्षण नहीं थे। यहां तक कि शारीरिक जांच में कुछ सामने नहीं आया। शरीर का तापमान 99.1 डिग्री था, लेकिन सूखी खांसी, कंजेशन, सीने में दर्द या फिर सांस में तकलीफ भी नहीं थी।
एक्स-रे में फेफड़ों में गड़बड़ी दिखी
लगातार हिचकी के कारण को समझने के लिए डॉक्टरों ने एक्स-रे करवाया, जिसमें उन्हें दोनों फेफड़ों में असामान्य कांच जैसी अपारदर्शी दिखी। इन असामान्यताएं ने उसके फेफड़ों को किसी प्रकार की क्षति, सूजन या रक्तस्राव के संकेत दिए।
इसके बाद सीटी स्कैन किया गया, जिसमें फेफड़ों में इंफ्लामेशन की पुष्टि हुई, जिससे हिचकी आ सकती है। उसके बाद डॉक्टरों ने मरीज़ का कोरोना वायरस टेस्ट करने का फैसला किया, जिसके बाद उसे कोविड-19 यूनिट में भर्ती कराया गया। जब तक मरीज़ को भर्ती कराया गया तब तक उसके शरीर का तापमान 101.1 डिग्री पहुंच गया था। उसकी दिल की धड़कने भी बढ़ गई थीं। रिपोर्ट के अनुसार, अगले दिन मरीज़ कोरोना वायरस पॉज़ीटिव भी पाया गया।
इससे साबित क्या होता है
शोधकर्ताओं के मुताबिक, लगातार आ रही हिचकियों का संबंध कोरोना वायरस से था, हालांकि वज़न कम होने का इस बीमारी से कोई संबंध नहीं था। डॉक्टरों के मुकाबिक, ये ऐसा पहला मामला था, जहां कोरोना के मरीज़ में शुरुआती लक्षण के तौर पर हिचकियां देखी गई हों।