महिला के कॉमेंट पर अमिताभ ने दिया ये जवाब
अमिताभ बच्चन की हाल ही में कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई जिसके बाद उन्हें हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया। फिलहाल, वह घर पर हैं और सोशल मीडिया पर काफी ऐक्टिव हैं। वह फैंस को धन्यवाद भी दे रहे हैं जिन्होंने उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की।
इस बीच बिग बी पिछले कुछ दिनों से लगातार ट्रोलर्स को भी करारा जवाब देते नजर आ रहे हैं। अब हाल ही में किसी यूजर ने उनसे कहा ,’आप अपनी एक्स्ट्रा दौलत को जरूरतमंदों को दान क्यों नहीं कर दते हैं? मुझे यकीन है कि आपका वॉलेट प्यार ओर आशीर्वाद से भर जाएगा! मिसाल पेश करें।’
इसके जवाब में अमिताभ ने लंबा- चौड़ा ब्लॉग लिख डाला। इसमें उन्होंने लिखा, ‘मैं यह देखकर रो पड़ा क्योंकि कहीं न कहीं आज इस महिला ने मेरे उस विश्वास को तोड़ दिया कि मैं अपनी चैरिटी के बारे में बात नहीं करूंगा, सिर्फ चैरिटी करूंगा। अब इस पर बात करने की जरूरत है।’
अमिताभ ने जो जवाब महिला को दिया, उसका स्क्रीनशॉट अपने ब्लॉग पर शेयर किया। इसमें लिखा है, ‘सीमा पटेल जी.. हां मेरा वॉलेट प्यार और आशीर्वाद से भरा है। आप पूरी तरह से भ्रम में हैं और मैंने जो किया है या कर रहा हूं या जो करता रहूंगा, आपको उसकी बिल्कुल भी जानकारी नहीं है। न सिर्फ गरीबों और जरूरतमंदों बल्कि हजारों किसानों को मेरे द्वारा मदद किए जाने के बाद सूइसाइड से बचाया गया, फिर चाहे वे आंध्र के हों, विदर्भ के हों, बिहार के या फिर यूपी के हों।’
बिग बी ने आगे लिखा, ‘सीआरपीएफ के जवान जिन्होंने अपनी जिंदगी जम्मू-कश्मीर और पुलवामा में बलिदान कर दी, उनके परिवारों की मदद की, ऐसे में आप यहां फेसबुक पर अपना कम जानकारी वाला कॉमेंट करने में सुरक्षित हैं। इंडस्ट्री में काम करने वाले वर्कर्स के 1 लाख परिवारों को राशन और खाना 6 महीने तक उपलब्ध कराया गया। लॉकडाउन के बाद से आज तक रोज का लंच और डिनर शहर के 5 हजार गरीब लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है।’
अमिताभ बच्चन ने उद्योग समुदाय के श्रमिकों की संख्या 100,000 परिवारों की है, जिन्हें 6 महीने के लिए राशन और भोजन उपलब्ध कराया गया है। शहर में गरीबों के लिए लॉकडाउन के बाद से अब तक प्रतिदिन 5000 लंच और डिनर उपलब्ध करवाया। मेरी टीम को नासिक हाइवे पर बसों में जाने वालों को भोजन और पानी पहुंचाया ।मुंबई से अपने गाँव में नंगे पैर चलने वाले प्रवासी कामगारों को व्यक्तिगत रूप से बिहार और यूपी में उनके घरों तक पहुंचाने में बसों की व्यवस्था की।
मेरे द्वारा बुक की गई पूरी ट्रेन के लिए प्रवासी श्रमिकों को उनके घरों तक पहुँचाया गया .. और जब राजनीति ने ट्रेन को रद्द कर दिया, तो इंडिगो के 6 विमानों की बुकिंग और चार्टर्ड करने के लिए एक घंटे के भीतर, प्रत्येक उड़ान में 180 यात्रियों को ले जाया गया – 2 से वाराणसी, 2 से गोरखपुर, एक इलाहाबाद, एक पटना, और उड़ान में प्रवासियों को सूखे भोजन के पैकेट उपलब्ध कराना और प्रवासियों को अपने-अपने गाँवों में ले जाने के लिए व्यवस्था करना, यह सब मेरी अपनी निजी लागत पर अग्रिम पंक्ति के कामगारों के लिए है। मुंबई में अस्पतालों और पुलिस बलों को 15,000 पीपीई किटों और 10,000 से अधिक मास्क दान किया। दिल्ली में सिख समुदाय के अध्यक्ष को पर्याप्त दान प्रदान करने के लिए, जो सहायता और इस संकट में गरीबों को खाना खिलाया।
उन्होंने कहा, “मेरी व्यक्तिगत नीति बिना बताए लोगों की मदद करना है। उन्होंने लिखा कि आपके इस सवाल ने आज मुझे ये सब बताने के लिए मजबूर किया और मुझे इतना पछतावा हो रहा है कि मुझे स्पष्टीकरण देना पड़ा है। उन्होंने लिखा कि भगवान का अर्शीवाद और लोगों की दुआएं है जो मैं कोरोना को मात दे सका। डाक्टरों और अस्पताल के चिकित्सा कर्मियों द्वारा की गई दिन रात सेवा और इलाज और एक लाख शुभचिंतकों के प्रार्थना और दोहरे और आशीर्वाद से मैं आज स्वस्थ्य हूं।