अम्बाला एयरबेस पर पाँचों राफेल की सुरक्षित लेंडिंग, राजनाथ सिंह ने किया ट्वीट
दुश्मन का काल माने जाने वाले 5 फाइटर जेट राफेल (Rafale) बुधवार को अंबाला एयरबेस पहुंच गए हैं. सोमवार को फ्रांस के मेरिनैक से राफेल ने उड़ान भरी थी और अबू धाबी के पास अल ढफरा एयरबेस में एक दिन का स्टॉप था. टू लेग की इस उड़ान में राफेल (Rafale) करीब 7,000 किमी की दूरी तय करके अंबाला पहुंचे हैं.
https://twitter.com/rajnathsingh/status/1288410023597494272?s=19
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राफेल को लेकर ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा, राफेल अंबाला में सुरक्षित लैंड कर चुके हैं. भारत में राफेल लड़ाकू विमानों का आना हमारे सैन्य इतिहास में एक नए युग की शुरुआत है. ये मल्टीरोल विमान भारतीय वायुसेना की क्षमताओं में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगे.
https://twitter.com/rajnathsingh/status/1288413583173234690?s=19
पहला राफेल RB-001, जानें क्यों खास है ये
पहले राफेल को RB-001 टेल संख्या दी गई है, जिसके शुरुआती अक्षर वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया के नामों को दर्शाते हैं. उन्होने राफेल डील के लिए कई वार्ताओं का नेतृत्व किया था. वायुसेना प्रमुख खुद भी इंडियन एयरफोर्स के बेहतरीन पायलट हैं, उन्होंने राफेल भी उड़ाया है.
नंबर 17 स्क्वाड्रन का हिस्सा होंगे राफेल
ये राफेल उन भारतीय पायलटों द्वारा उड़ाए गए हैं जिन्होंने इसका व्यापक प्रशिक्षण लिया है. राफेल IAF के नंबर 17 स्क्वाड्रन का हिस्सा होंगे. इसे “गोल्डन एरो” के रूप में भी जाना जाता है. राफेल को भारत लाने वाले एयरक्राफ्ट का नेतृत्व ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह ने किया, जोकि नंबर 17 सक्वाड्रन में कमांडिंग ऑफिसर हैं.
अंबाला एयरबेस के पास धारा 144, तीन किलोमीटर तक नो ड्रोन जोन
राफेल विमानों के भारत आगमन को लेकर अंबाला एयरबेस पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए. अंबाला एयरबेस के 3 किलोमीटर के दायरे को नो ड्रोन जोन घोषित कर दिया गया. एयरबेस के तीन किलोमीटर के दायरे में ड्रोन पर पूरी तरह से पाबंदी है. अगर कोई इसका उल्लंघन करता है तो उस पर एक्शन लिया जाएगा. इसके साथ ही एयर फोर्स बेस के जदीक धारा 144 लगाई गई है. फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.
पहले राफेल को RB-001 टेल संख्या दी गई है, जिसके शुरुआती अक्षर वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया के नामों को दर्शाते हैं. उन्होने राफेल डील के लिए कई वार्ताओं का नेतृत्व किया था. वायुसेना प्रमुख खुद भी इंडियन एयरफोर्स के बेहतरीन पायलट हैं, उन्होंने राफेल भी उड़ाया है.
नंबर 17 स्क्वाड्रन का हिस्सा होंगे राफेल
ये राफेल उन भारतीय पायलटों द्वारा उड़ाए गए हैं जिन्होंने इसका व्यापक प्रशिक्षण लिया है. राफेल IAF के नंबर 17 स्क्वाड्रन का हिस्सा होंगे. इसे “गोल्डन एरो” के रूप में भी जाना जाता है. राफेल को भारत लाने वाले एयरक्राफ्ट का नेतृत्व ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह ने किया, जोकि नंबर 17 सक्वाड्रन में कमांडिंग ऑफिसर हैं.
अंबाला एयरबेस के पास धारा 144, तीन किलोमीटर तक नो ड्रोन जोन
राफेल विमानों के भारत आगमन को लेकर अंबाला एयरबेस पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए. अंबाला एयरबेस के 3 किलोमीटर के दायरे को नो ड्रोन जोन घोषित कर दिया गया. एयरबेस के तीन किलोमीटर के दायरे में ड्रोन पर पूरी तरह से पाबंदी है. अगर कोई इसका उल्लंघन करता है तो उस पर एक्शन लिया जाएगा. इसके साथ ही एयर फोर्स बेस के जदीक धारा 144 लगाई गई है. फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.