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नरम पड़े गहलोत के बोल, हुए मीडिया से रूबरू

राजस्थान में चल रहे सियासी घमसान के बीच आज मूख्यमंत्री अशोक गहलोत मीडिया से बात की। आज उनका रुख पिछले कई दिनों की तुलना में नरम भी नज़र आया। जयपर के होटल फेयरमॉऊंट से निकलते समय मीडिया वालों से बात करते समय उन्होंने न सिर्फ तसल्ली से जवाब दिये बल्कि यह भी जताने के प्रयास किया कि वे सहज हैं। दो दिन पहले मीडिया के सामने जिस तरह गहलोत आक्रामक थे, वैसा आज कुछ भी नहीं दिखा। हमेशा की तरह उन्होंने समझाने के लहजे में बात की और मुस्कराते रहे। पढ़ें, क्या कहा उन्होंने
मीडिया-
सर क्या आप कल विधानसभा का सत्र बुलाएंगे ?
गहलोत-
विधानसभा का सत्र जल्दी ही होगा, मेज्योरिटी हमारे साथ में है, पूरे कांग्रेस विधायक एकजुट हैं और जो कोर्ट में जो लोग गए हैं, जिन्होंने गलती की है, जो भटक गए हैं। वो लोग कोर्ट में गए हैं सिर्फ एक पॉइंट है, स्पीकर साहब ने उनको जो नोटिस दिया है, वो नोटिस जो है सही दिया है या नहीं दिया है। उसका एंटी-डिफेक्शन बिल से कोई संबंध नहीं है, संबंध सिर्फ इतना है कि हमने एक मीटिंग की सीएम हाउस के अंदर, एक मीटिंग हमने की थी होटल के अंदर विधायकदल की, वो मीटिंग इसलिए की थी कि जो लोग चले गए थे वो वापस आ जाएं, वो आए नहीं थे। उसके लिए हमारे चीफ व्हिप ने एक पिटीशन दायर की स्पीकर के पास में कि इनकी मंशा अलग होने की है, उसके लिए सुप्रीम कोर्ट के कई फैसले भी आए हुए हैं। जब मंशा मालूम पड़ जाए कि विधायक पार्टी से हटकर जाना चाहता है, वॉलेंटियरी जाना चाहता है उसके लिए स्पीकर नोटिस देकर, बातचीत करके उनके साथ, बयान लेकर फैसला कर सकता है। ये सिर्फ वो पॉइंट है जिसके ऊपर बहस चल रही है और स्टेट हाईकोर्ट में भी, डबल बैंच में भी और सुप्रीम कोर्ट के अंदर भी, ये सारे फैसले वो आ रहे हैं, एंटी-डिफेक्शन एक्ट से इसका कोई संबंध नहीं है और हमारे पास पूरी मेज्योरिटी भी है, हम एकजुट हैं, तभी यहां बैठे हुए हैं।

मीडिया-
तो कब बुला रहे हैं सर सत्र आप?
गहलोत-
बहुत जल्दी बुला लेंगे और उसी रूप में हम आगे बढ़ेंगे। हमें उम्मीद है कि जिन लोगों को बंधक बना रखा है वहां पर, बाउंसर लगा रखे हैं, उनके फोन आ रहे हैं कि भई हम किसी ढंग से कैसे हम बाहर निकलें, निकल नहीं पा रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि उनमें से कई लोग जब आएंगे तो हमारे साथ वोट करेंगे और हमारे उसके अलावा भी पूरी मेज्योरिटी है और उसी मेज्योरिटी के आधार पर हम हाउस में जाएंगे और बहुमत साबित करके दिखाएंगे।
मीडिया-
आपके परिजनों, जानकर पर कार्रवाई हो रही है…
गहलोत-
ईडी की कार्रवाई हो, इनकम टैक्स की हो, सीबीआई की हो, 6 साल से लगातार मैं खुद बोल रहा हूं, पूरा देश बोल रहा है कि जिस प्रकार से कार्रवाईयां शुरु हुई हैं मोदीजी के राज के अंदर, अमित शाह जी के इशारे पर, सीबीआई, ईडी सबको मालूम है किस रूप में काम कर रही हैं, तो ये कोई नई बात नहीं है। पहले जब छापे पड़ते थे तो छापे पड़ने के बाद पता चलता था कि अमुक के घर छापा पड़ गया है, अब ऐसी स्थिति है 3-4 दिन पहले ही खबर लग जाती है इशारों के अंदर कि छापे पड़ने वाले हैं और उसी रूप में छापे पड़ रहे हैं। इन छापों से न हम घबराने वाले हैं न हमारा मिशन जो है वो रुकने वाला है। हम बीजेपी की जो नीतियां हैं, उसके कार्यक्रम, उनके सिद्धांत इस देश को बर्बाद करने वाले हैं, फासिस्ट लोग हैं, लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं। इसका मुकाबला करने का दमखम आज भी है तो कांग्रेस के अंदर है। इसमें कोई दो राय नहीं कि कांग्रेस 54 पर भी आ गई, 44 पर भी आ गई, पूरे मुल्क में कांग्रेस-कांग्रेसजन, हर घर में कांग्रेस की भावना बल्कि कहना चाहिए कि जो लोग समझदार हैं चाहे बीजेपी के हों चाहे किसी पार्टी के हों, वो भी जानते हैं कि कांग्रेस एक मजबूत दल के रूप में रहनी चाहिए। सरकारें आती हैं, जाती जाएंगी लेकिन कांग्रेस की मजबूती देश की मजबूती है, ये सोचकर हम लोग राजनीति कर रहे हैं और उसी रूप में कांग्रेस एकजुटता से आगे बढ़ेगी। राहुल गांधी के जो इंटरेक्शन हो रहे हैं देश और विदेश के अंदर, विषयवार हर विषय पर हो रहे हैं, देश उनको भी सुन रहा है, वो क्या सोचते हैं, क्या करते हैं, क्या उनकी खुद की सोच है।
अब मोदी जी अच्छे वक्ता हैं, एक हद तक आप जनता को प्रभावित कर सकते हो, चाहे ताली बजवा दी हो, थाली बजवा दी हो, बेंड बजवा दी हो, मोमबत्ती लगवा दी हो, एक हद तक सब ठीक है। अल्टीमेटली मुल्क समझता है कोरोना महामारी है और बहुत भयंकर महामारी है, खतरनाक महामारी है। उसके अंदर जो केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर इसका मुकाबला करना चाहिए था, किया भी है, आगे भी करना चाहिए। उससे हटकर आप लोगों ने सरकार भंग कर दी, टॉपल कर दी मध्यप्रदेश की, उसके पहले हो चुकी थी कर्नाटक की। कोरोना के चलते हुए हम तो पूरी तरह ताकत लगाए हुए थे 24 घंटे, आप सबको मालूम है, पूरे प्रदेशवासी साथ थे, सबको हमने साथ लिया, विपक्षी पार्टियों को साथ लिया, 21 घंटे मैंने वीसी की विधायकों के साथ में, तमाम बीजेपी के विधायक थे, एमपीज़ थे, सबने मिलकर माहौल बनाया, धर्मगुरुओं से बातचीत की, डॉक्टरों से बातचीत की, एक्टिविस्ट्स से बात की, राजस्थान का माहौल पूरे देश में अपने आप में चर्चा का विषय रहा, वो मुकाबला हमने किया, आज भी हम कर रहे हैं। उसके बीच में आप सरकार को टॉपल करने के लिए हमारे कुछ साथियों को गुमराह करके ले जाओ और हॉर्स ट्रेडिंग के माध्यम से आप सरकार को टॉपल कर दो, जब लोगों का जीवन बचाने का संकट हो, जिंदगी जा रही हो, लोग मर रहे हैं, 500 लोगों की जान इधर जा चुकी है, हजारों की देश में जा रही हैं, उसके अंदर आप राजनीति करो, सरकार बदलो, टॉपल करो, जनता इनको माफ नहीं करेगी, न देश की न प्रदेश की।
मीडिया-
कल आपने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी है केंद्रीय मंत्री का नाम लेकर?
गहलोत-
प्रधानमंत्री जी को चिट्ठी मैंने लिखी है, मैंने कहा कि डेमोक्रेसी है, संघीय ढांचा है, प्रधानमंत्री कल ये नहीं कह दें कि मुझे जानकारी नहीं थी या मुझे अधूरी जानकारी दी गई मेरे लोगों द्वारा। कल कभी मैं उनसे मिलूं तो मुझे ये नहीं कहें कि भई ये बात तो मुझे मालूम ही नहीं थी, तो मैंने कहा कि कम से कम उन्हें लिखकर भेजूं, मैंने टैग भी किया उनको, कल वो ये नहीं कहें कि मुझे जानकारी मेरी पार्टी ने दी नहीं थी, इसलिए ये सबकुछ हो गया। वो स्पष्ट करने के लिए मैंने प्रधानमंत्री महोदय श्रीमान नरेंद्र मोदी साहब को पत्र लिखा है, वो रिकॉर्ड में लाने के लिए। तीन दिन तक मैंने उसको जारी नहीं किया आपके सामने, कल जाकर मैंने उनको टैग किया और ट्वीट किया। मैं समझता हूं अब भी प्रधानमंत्री जी और उनके साथी लोग, अब तो वो पकड़े गए हैं, जब ऑडियो टेप सही है, दुनिया की कोई ताकत, हम तो अमेरिका भेज देंगे एफएसएल के लिए, अगर देखेंगे कि राजस्थान की सरकार को विश्वास नहीं है, राजस्थान में एफएसएल को विश्वास नहीं है जांच की, दिल्ली में विश्वास नहीं है हम लोगों को तो अमेरिका की जो शानदार एजेंसी है एफएसएल की वहां भेजकर वो इस की टेस्ट करवा देंगे, वो टेस्ट क्यों नहीं दे रहे हैं, उनको चाहिए आगे आकर अपना वॉइस टेस्ट करवाएं। वैसे तो जो केंद्रीय मंत्री हैं, एमएलए एमपी हैं उनकी वॉइस टेस्ट होती है, हम लोग इतनी जगह स्पीच देते हैं तो सबको मालूम है कि बिल्कुल ही आवाज उनकी है, दुनिया मानती है, प्रदेश मानता है, जनता मानती है, फिर भी बचाव करने के लिए आदमी पहला रिएक्शन यही देता है- “मेरी आवाज नहीं थी”, और धमकियां भी दे रहे हैं वो लोग, मैं देख रहा हूं, कोई चलने वाला नहीं है, सच्चाई की जीत होगी, सत्यमेव जयते। सत्यमेव जयते। सत्यमेव जयते।
मीडिया-
टकराव की स्थति होगी…
गहलोत-
मैंने कहा आप सिर्फ वह पॉइंट देखिए, विधानसभा के अध्यक्ष महोदय ने जो जारी किया है नोटिस वो नोटिस दे सकते हैं क्या वो, इस पर वो बहस हो रही है पूरी, एंटी-डिफेक्शन एक्ट दूसरा बना हुआ है। विधानसभा चलेगी, जल्द ही हम बुलाएंगे उनको, उसमें हम कोरोना की बात भी करेंगे, पॉलिटिकल बात भी करेंगे, सब बातें करेंगे।
मीडिया-
सर क्या विधानसभा का सत्र सोमवार को बुलाएंगे ?
गहलोत-
देखिए जैसे ही हम लोग उसको तय कर लेंगे सबसे पहले सूचना किसको आएगी? आप लोगों को आएगी।
मीडिया- सर, क्या कॉन्सटिट्यूशनल बॉडीज के अंदर आपस में टकराव की स्थिति बन रही है?
गहलोत-
इससे बचना चाहिए, हम तो ज्यूडिशियरी का सबसे ज्यादा सम्मान करने वाले लोगों में से हैं। हम कभी भी ज्यूडिशियरी में इंटरफेयर नहीं करते हैं, हस्तक्षेप नहीं करते हैं, न कभी हम सोचते हैं किसी को करना चाहिए। एक ज्यूडिशियरी ही ऐसी है जहां एक गरीब आदमी भी, अमीर आदमी भी, कोई भी व्यक्ति जाकर न्याय प्राप्त कर सकता है। जब ज्यूडिशियरी पर विश्वास खत्म हो जाएगा तो फिर देश कैसे बचेगा? क्योंकि आप देख रहे हो कि चाहे वह कार्यपालिका हो, यही शिकायत आती है, आप देखते है विधायिका हो वहां कई बिल पास होते हैं वो रुक जाते हैं ज्यूडिशियरी के अंदर, चौथा स्तंभ आप खड़े हो, चौथे स्तंभ पर हमारा बहुत विश्वास है, यकीन है, बचपन से ही है और मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि मैं आज तक पहुंचा हूं यहां पर तो पूरी मीडिया ने मेरा साथ दिया है आज तक और सच्चाई का साथ दिया है। मेरा साथ दिया है मतलब, मैं सच्चाई पर ही चला हूं लाइफ के अंदर, सच्चाई पर ही चलना चाहता हूं आगे भी। मीडिया से मेरी कोई शिकायत नहीं है, पर हां आज मीडिया गोदी मीडिया बन गया है, आज मीडिया दबाव के अंदर है, आज मीडिया कोरोना के बाद में और संकट में आ गया है, जो राज्यों में है वो तो ज्यादा संकट में आ गया है क्योंकि तनख्वाह देने में भी उनको लाले पड़ रहे हैं खुद को अपने संवाददाताओं को, स्टाफ को, स्टाफ निकाला जा रहा है। मुझे बहुत दुःख हो रहा है ऐसे वक्त में कि आप लोगों की कितनी-कितनी तनख्वाहें होती होंगी, किस प्रकार से कठिन समय में काम करते हो, तनख्वाह कम हो रही है, निकाल रहे हैं लोगों को, फिर भी बोल नहीं पा रहे हैं क्योंकि स्वाभिमानी हैं वो लोग, ये सब बातें मेरे ज़ेहन में हैं। देश में मीडिया को हिम्मत करनी चाहिए, आगे आना चाहिए, सच्चाई का साथ देना चाहिए, सच्चाई का साथ देंगे तो डेमोक्रेसी बच जाएगी देश के अंदर, वरना तो धर्म के नाम पर, जाति के नाम पर अगर ये फैसले होते गए एकतरफा देश के अंदर, जो अभी 6 साल से हो रहे हैं, पता नहीं ये मुल्क को किस दिशा में ले जाएंगे, कहां ले जाएंगे।
मीडिया-
बड़ी गिरफ्तारियां हो सकती हैं जिन लोगों ने गलत किया है?
गहलोत-
मैं कौन होता हूं भइया इसका जवाब देने वाला, कानून अपना काम करता है।
मीडिया-
संजीवनी क्रेडिट सोसायटी वाले मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को नोटिस दिया है एसओजी को जांच करने के लिए?
गहलोत-
कोर्ट के कामों में या एजेंसियों के कामों में मैं हस्तक्षेप नहीं करता हूं। अगर मैं आरोप लगाता हूं सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स, अगर मोदी जी की सरकार के प्रभाव में काम करते हैं जो नहीं करना चाहिए तो मैं कौन होता हूं राजस्थान की एजेंसियों में हस्तक्षेप करने वाला, ये बात है, धन्यवाद, जयहिंद, धन्यवाद।


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