राजस्थान में पोलटिकल ड्रामा शुरू, क्या सचिन नई पार्टी बनाएंगे या थामेंगे भाजपा का हाथ
उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को लेकर तमाम तरह की अटकलों का बाज़ार गर्म हैं। हालांकि अभी तक पायलट के खुद की ओर से अभी तक कोई ऑफिशियल स्टेटमेंट नहीं आया है। रविवार देर रात को भी पायलट की ओर से उनकी पीआर टीम ने एक व्हाट्स ऐप ग्रुप में मैसेज भेज खुलकर बगावत करने की मंशा ज़ाहिर की थी। अपनी प्रतिक्रिया को लगभग हर दिन ट्वीट कर साझा करने वाले सचिन पायलट के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर भी पिछले 48 घंटे से सन्नाटा पसरा हुआ है।
इस बीच जयपुर से लेकर दिल्ली तक सभी की नज़रें पायलट के अगले कदम पर टिकी हुई है। फिलहाल अभी उनके कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने की प्रबल संभावनाएं लगाई जा रही हैं। इस बीच सूत्रों के हवाले से सचिन पायलट के तीसरा मोर्चा बनाते हुए नए राजनीतिक दल का गठन करने की भी चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं।
सूत्र बताते हैं कि पायलट फिलहाल फौरी तौर पर कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देकर एक नई पार्टी के गठन का एलान कर सकते हैं। इस पार्टी में पायलट के समर्थन में उतरने वाले कांग्रेस के ही विधायक और कुछ निर्दलीय विधायक हो सकते हैं। इन समर्थकों की संख्या कितनी होगी इसपर सस्पेंस बना हुआ है।
बताया ये भी जा रहा है कि अभी पायलट को लगभग 20 विधायकों का समर्थन मिल सकता है। जबकि उनके संपर्क में कुछ और विधायक भी दूसरे चरण में उनका साथ देने के लिए बाद में पार्टी से बगावत कर सकते हैं। चर्चा है कि चरणबद्ध तरीके से प्रदेश में सत्ता परिवर्तन की कवायद की जा रही है। सूत्रों के अनुसार पायलट की इस योजना में भाजपा का भी कनेक्शन हो सकता है। भाजपा केन्द्रीय संगठन भी इस दिशा में खासा सक्रीय दिख रहा है।
बिगड़ रहा सचिन का ‘गणित’!
मीडिया में जारी हुए सचिन पायलट के पीआर टीम के सन्देश में दावा किया गया कि उनके समर्थन में 30 विधायक हैं जिससे गहलोत सरकार अल्पमत में आ सकती है। हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से सीएमआर में रविवार देर रात तक चली बैठक में 109 विधायकों ने सरकार के साथ होने पर सहमति जताई और सरकार पूरी तरह से सुरक्षित होने का दावा किया। इधर पायलट खेमे में रहे विधायक दानिश अबरार, रोहित बोहरा और चेतन डूडी ने प्रेस वार्ता में कहा था कि वे गहलोत के साथ है। इसके अलावा एक अन्य विधायक प्रशांत बैरवा भी रात को गहलोत के निवास पर पहुंचे और कहा कि वे गहलोत के साथ हैं। मैं पायलट का सम्मान करता हूं, लेकिन यदि वे भाजपा में गए तो वे उनके साथ नहीं जाएंगे।
मौके का फ़ायदा उठाने में जुटी भाजपा
कांग्रेस अंतर्कलह का फ़ायदा उठाने में भाजपा भी कोई मौका नहीं छोड़ना चाह रही है। सूत्रों की माने तो सरकार की कमर तोड़ने की मंशा में भाजपा सचिन पायलट को पार्टी में शामिल करने की जद्दोजहद में जुटी है। भाजपा का मानना है कि यदि सचिन पायलट अपने साथ दावे के अनुसार 30 विधायक साथ लाकर भाजपा का दामन थाम लें, तो राजस्थान में भी अन्य राज्यों की तरह ‘ऑपरेशन लोटस’ को अंजाम तक पहुंचाया जा सकता है।
दरअसल, सूत्रों की माने तो सचिन पायलट को ‘कमल’ थमाने की कवायद में भाजपा के कई नेताओं को लगाया है। इस बात का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि पायलट के इस बार के ताज़ा दिल्ली दौरे में उनके भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाक़ात की खबरें भी चर्चाओं में है। दावा ये तक किया जा रहा है कि सिंधिया ने पायलट की मुलाक़ात भाजपा केंद्रीय संगठन के एक वरिष्ठ नेता से भी करवाई। हालांकि इस तमाम अटकलों की कोई पुष्टि नहीं हो पाई।