राजस्थान पुलिस को आखिरकार नया पुलिस महानिदेशक (DGP) मिल गया है। 1990 बैच के सीनियर आईपीएस अधिकारी राजीव शर्मा को प्रदेश का अगला डीजीपी नियुक्त किया गया है। बुधवार शाम को केंद्र से रिलीव होने के बाद गुरुवार को उन्होंने जयपुर स्थित पुलिस मुख्यालय (PHQ) में कार्यभार संभाला। कार्यवाहक डीजीपी संजय अग्रवाल से उन्होंने चार्ज लिया।
पदभार संभालने के बाद डीजीपी राजीव शर्मा ने स्पष्ट किया कि वे जनता की सेवा को सर्वोच्च प्राथमिकता देंगे और पुलिसिंग के क्षेत्र में राजस्थान को एक मॉडल राज्य बनाने की दिशा में काम करेंगे। उन्होंने कहा, “जनता की सेवा का जो अवसर मुझे मिला है, उसे पूरी निष्ठा और समर्पण से निभाऊंगा। मुख्यमंत्री और राज्य सरकार ने जो विश्वास जताया है, उसके लिए आभार।”
जनता के अनुकूल थाना, अच्छा पुलिस व्यवहार प्राथमिकता में
डीजीपी ने कहा कि वे यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रत्येक थाना आम नागरिकों के लिए सहज और मददगार हो। पुलिसकर्मियों का व्यवहार आमजन के प्रति सहयोगात्मक हो, इस दिशा में विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके साथ ही अपराध नियंत्रण, टीमवर्क और बढ़ते साइबर क्राइम पर फोकस रहेगा।
“सुरक्षित राजस्थान बनाने के लिए टीम भावना से कार्य करेंगे। साइबर अपराध जैसे नए खतरों से निपटने के लिए तकनीकी रूप से मजबूत व्यवस्था तैयार की जाएगी,” उन्होंने कहा।
केंद्र से रिलीव होने के बाद संभाला चार्ज
गौरतलब है कि राजीव शर्मा को केंद्र सरकार ने बुधवार को रिलीव कर दिया था। राज्य सरकार ने दो दिन पहले ही उन्हें रिलीव करने के लिए पत्र लिखा था। गुरुवार शाम को शर्मा जयपुर पहुंचे और पुलिस मुख्यालय में स्वागत के बाद पदभार ग्रहण किया।
उनका कार्यकाल दो वर्षों का होगा और उन्हें पुलिस सेवा का 30 वर्षों से अधिक का अनुभव है।
लंबा प्रशासनिक अनुभव
राजीव शर्मा वर्तमान में ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (BPRD), नई दिल्ली में डायरेक्टर जनरल के पद पर कार्यरत थे। इससे पहले वे राजस्थान में एंटी करप्शन ब्यूरो, स्टेट डिजास्टर रिलीफ फोर्स और राजस्थान पुलिस एकेडमी जैसे महत्वपूर्ण संस्थानों के प्रमुख रह चुके हैं।
इसके अलावा वे जोधपुर, झालावाड़, दौसा, राजसमंद, भरतपुर और जयपुर नॉर्थ जिलों में एसपी के रूप में सेवाएं दे चुके हैं। शर्मा ने CBI जयपुर और दिल्ली में भी कार्य किया है।
चयन प्रक्रिया में 7 नामों में से चुना गया
राज्य सरकार ने पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति के लिए UPSC को 7 वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नाम भेजे थे। इस पैनल में संजय अग्रवाल, अनिल पालीवाल, राजेश आर्य, राजेश निर्वाण, गोविंद गुप्ता, आनंद श्रीवास्तव और राजीव शर्मा शामिल थे।
UPSC ने इनमें से तीन नामों की अनुशंसा की और अंततः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजीव शर्मा के नाम पर अंतिम मुहर लगाई।
शिक्षा और प्रारंभिक सेवाएं
राजीव शर्मा मूल रूप से मथुरा (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले हैं। उन्होंने एमए और एमफिल की डिग्री हासिल की है। उनकी पहली पोस्टिंग 1992 में जोधपुर सिटी में डीएसपी के रूप में हुई थी। वर्ष 2006 में वे एसपी से डीआईजी बने और इसके बाद उन्होंने क्राइम ब्रांच में सेवाएं दीं।
राजीव शर्मा को 2006 में पुलिस पदक और 2014 में राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया जा चुका है।